Golden Temple in Tamil Nadu:गोल्डन टेंपल का जब भी जिक्र होता है तो सबसे पहले लोगों की जुबां पर अमृतसर का नाम आता है। गोल्डन टेंपल को स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है, यह सिख धर्म का पवित्र तीर्थ स्थल है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु मत्था टेकने के लिए आते हैं। लेकिन, क्या आप जानती हैं कि भारत में सिर्फ एक स्वर्ण मंदिर यानी गोल्डन टेंपल नहीं है। जी हां, यह सुनकर हैरान होने की जरूरत नहीं है। भारत के तमिलनाडु के वेल्लोर नगर में भी एक स्वर्ण मंदिर है। इस मंदिर को दक्षिण भारत का स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार, यह मंदिर माता लक्ष्मी को समर्पित है और इसे महालक्ष्मी का मंदिर भी कहा जाता है।
दक्षिण का स्वर्ण मंदिर कहां है?
साउथ के गोल्डन टेंपल की क्या मान्यता है यह जानने से पहले जान लें इस मंदिर को बनाने में लगभग 1500 किलो सोने का इस्तेमाल हुआ है। वहीं, यह मंदिर तमिलनाडु के वेल्लूर से 7 किलोमीटर की दूरी थिरुमलाई कोडी में स्थित है। अगर आप चेन्नई से श्री लक्ष्मी नारायणी मंदिर जाते हैं, तो यह दूरी आपको 145 किलोमीटर की पड़ेगी।
श्री लक्ष्मी नारायणी मंदिर का प्रवेश द्वार, मुख्य मंदिर से 1.5 से 2 किलोमीटर की दूरी पर है। द्वार से चलकर मुख्य मंदिर तक, जाने के रास्ते में आपको चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलेगी।
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर की खासियत क्या है?
तमिलनाडु के वेल्लूर में स्थित श्री लक्ष्मी नारायणी मंदिर के निर्माण में कई किलो सोने का इस्तेमाल हुआ है। कहा जाता है कि जब माता लक्ष्मी के मंदिर का निर्माण हुआ था तो लगभग 300 करोड़ रुपये का खर्च आया था।
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मंदिर का मुख्य मंदिर और दीवारें तो सोने की बनी ही हैं। साथ ही इसमें माता लक्ष्मी की लगभग 70 किलो की सोने की ठोस मूर्ति भी स्थापित है। मंदिर में माता लक्ष्मी की मूर्ति देख ऐसा लगता है जैसे साक्षात माता लक्ष्मी विराजमान हैं।
यह मंदिर दिन में तो चमकता ही है। लेकिन, रात के समय इसकी भव्यता निहारने लायक होती है। मंदिर के परिसर में एक 27 फीट ऊंचा दीपमाला भी है, जब इसमें दीपक जलते हैं तो सोने की चमक में इसकी सुंदरता शब्दों में बयां नहीं की जा सकती है।
मंदिर में फहराया जाता है तिरंगा
राष्ट्रपति भवन, लोकसभा और अन्य सरकारी इमारतों की तरह साउथ के गोल्डन टेंपल यानी श्री लक्ष्मी नारायणी मंदिर पर भी तिरंगा झंडा फहराया जाता है। यह मंदिर सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं, बल्कि सिख, ईसाई और मुस्लिमों के लिए भी खुला रहता है।
रिपोर्ट्स की मानें तो, इस मंदिर का निर्माण 2007 में पूरा हुआ था। यह मंदिर इतना प्रसिद्ध है कि प्राचीन मंदिर भी सुंदरता और भव्यता के मामले में पीछे रह जाते हैं।
कैसे पहुंच सकती हैं श्री लक्ष्मी नारायणी मंदिर?
अगर आप साउथ के गोल्डन टेंपल यानी श्री लक्ष्मी नारायणी मंदिर जाना चाहती हैं तो आप यहां हवाई, रेल और सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकती हैं।
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मंदिर तमिलनाडु के वेल्लोर में स्थित है। ऐसे में आप प्लेन से जाना चाहती हैं तो निकटम हवाई अड्डा तिरुपति और चेन्नई का पड़ता है। तिरुपति हवाई अड्डे की दूरी लगभग 120 और चेन्नई की लगभग 145 किलोमीटर की है। वहीं, अगर आप रेल से जा रही हैं तो वेल्लोर से सबसे करीब का रेलवे स्टेशन कटपडी है, जो मंदिर से लगभग 7 किलोमीटर दूर है।
रेलवे स्टेशन से आसानी से बस, ऑटो या रिक्शा लेकर मंदिर पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा सड़क मार्ग से भी वेल्लोर पहुंचा जा सकता है।
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Image Credit: Tripadvisor and Wikipedia
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