भारत की असल खूबसूरती देखना हो तो सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है हिमालय की चोटी और उसके आसपास की अद्भुत जगहें। हिमालय की गोद में मौजूद कुछ जगहों पर तो साल के हर एक दिन सैलनियों की भीड़ लगी रहती है। उंचे-उंचे पहाड़, घने जंगल, झील और झरने इस जगह को और भी अद्भुत बनाते हैं। आज इस लेख में हम आपको हिमालय की गोद में मौजूद एक ऐसी ही झील के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे पर्यटक और ट्रेकर के लिए स्वर्ग कही जाती है। टापू पर मौजूद होने के चलते ये झील पूरे भारत में प्रसिद्ध मानी जाती है। तो चलिए जानते हैं इस झील के बारे में।
क्यों कहा जाता है चांद की झील?
हिमालय में लगभग 40 हज़ार से भी अधिक मीटर की उंचाई पर मौजूद ये झील स्पीति और कुल्लू घाटी से कुछ ही दूरी मौजूद है। एक टापू पर मौजूद होने के चलते ये झील अर्धचांद की तरह दिखाई देती है, जिसे लोग 'चांद की झील' के नाम से पुकारते हैं। इस झील का पानी इस कदर साफ है कि इसका पानी शीशे की तरह चमकता है। ये पानी पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त भी है। आपको बता दें कि इस झील की खूबसूरती देखने के लिए हर साल लाखों की संख्या में विदेशी सैलानी भी आते रहते हैं।
व्यापारियों के लिए खास
जी हां, इस तथ्य का इसलिए जिक्र किया क्योंकि, प्राचीन काल में हिमालय के पहाड़ियों में होते हुए ऐसे कई रास्ते थे जो अफगानिस्तान, अरब देश, चीन और तिब्बत जैसे अन्य देशों में इसी झील के आसपास से होते हुए व्यापार होते थे। इस रास्ते को कई बार 'सिल्क रूट' के नाम से भी जाना जाता था। लेकिन, मध्यकाल के बाद ये रास्ते बंद हो गए और बाद में इस जगह को पर्यटक स्थल में तब्दील का दिया गया।
झील की पौराणिक कथा
आपको बता दें कि इस झील पर अटल रोहतांग टनल के रास्ते भी पहुंचा जा सकता है। खैर, ये माना जाता है कि इस झील से कई भारतीय पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। इस झील के बगल में भगवान इंद्र के रथ को युधिष्ठिर ने उठाया था। जिसके बाद कई वर्षों तक इस झील की पूजा-पाठ भी हुई थी। आपको बता दें कि युधिष्ठिरपांच पांडवों में से सबसे बड़े थे। आपकी जानकारी के लिए ये भी बता दें कि इस झील और इसके आसपास की जगहों पर अधिक बर्फ़बारी होने के चलते कई बार इस झील को सैलानियों के लिए बंद भी कर दिया जाता है।
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आसपास घूमने की जगह और समय
ऐसा नहीं है कि इस झील के आसपास कोई और जगहें नहीं है घूमने के लिए। काई मठ, कुंजुम दर्रा, धनकर झील और धनकर मठ जैसी कई बेहतरीन जगहें हैं, जो घूमने के लिए बेस्ट है। इसके अलावा ट्रेकिंग के लिए भी ये जगह एकदम परफेक्ट मानी जाती है। (नुब्रा घाटी के बारे में जानें) अगर चंद्रतल झील घूमने के लिए सही समय की बात की जाए तो सबसे अच्छा समय जुलाई से अगस्त के बीच का माना जाता है क्योंकि, इन महीनों में सड़को से बर्फ बिलकुल साफ हो जाती है।
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