क्या आप जानती हैं भारत के लोकप्रिय व्यंजन खिचड़ी का इतिहास, हमारे देश में कैसे हुई इसकी शुरुआत

आइए जानें भारत के लोकप्रिय व्यंजनों में से एक खिचड़ी की कहानी और इससे जुड़े इतिहास के बारे में। 

khichdi origin in india

हमारा देश भारत विभिन्न संस्कृतियों से भरा हुआ है मनमौजी व्यंजनों और स्वाद से भरपूर खाद्य सामग्रियां भारतीयों की पहली पसंद हैं। जब भी भोजन की बात आती है इसके साथ एक पूरी तरह से अलग संस्कृति और विविधता जुड़ी होती है। कई संस्कृतियों का संगम होने के कारण हमारे देश ने विभिन्न विदेशी भूमि के व्यंजनों को भी अपने खाने की सूची में शामिल किया है। गोलगप्पे और टिक्की-चाट जैसे स्ट्रीट फ़ूड से लेकर नवरत्न कोरमा और कबाब जैसे व्यंजनों से लेकर बर्गर, पिज्जा जैसे कई खाद्य पदार्थ हमारे भोजन का ख़ास हिस्सा हैं।

लेकिन आज भी जब स्वादिष्ट, सुपाच्य और हल्के भोजन की बात की जाती है तब दाल और चावल को मिलाकर बनने वाली खिचड़ी का ख्याल सबसे पहले मन में आता है। लेकिन न जाने कितनी बार आपको ये ख्याल आता होगा कि आखिर खिचड़ी के रूप में प्रचलित इस हेल्दी डिश की शुरुआत कैसे हुई और इसमें ऐसा क्या ख़ास है कि ये भारत के सबसे लोकप्रिय व्यंजनों में से एक बन गई। आइए इसके इतिहास से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानें।

खिचड़ी की उत्पत्ति

khichdi origin

खिचड़ी शब्द संस्कृत भाषा के शब्द 'खिच्छा' से आया है, जिसका अर्थ है चावल और फलियों से बनाया गया व्यंजन। मोटे तौर पर खिचड़ी चावल और दाल से बनाई जाती है, लेकिन इसकी कुछ अन्य क्षेत्रीय विविधताएं हैं जैसे बाजरा खिचड़ी और मूंग खिचड़ी। हिंदू संस्कृति में इसे बच्चों द्वारा खाए जाने वाले सबसे पहले ठोस खाद्य पदार्थों में से एक के रूप में जाना जाता है।

मुगलों के समय से जुड़ा खिचड़ी का इतिहास

हमारे देश भारत में खिचड़ी का चलन बहुत पुराना है। मुख्य रूप से मकर संक्रांति के पर्व पर खिचड़ी खाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। जब हम इसके इतिहास की बात करते हैं तो इस व्यंजन का इतिहास करीब 2500 साल पुराना है और ऐसा माना जाता है कि भारत में खिचड़ी पिछले करीब 2500 साल से खाई जाती रही है। यह मुगलों के अधीन था कि उपमहाद्वीप में खिचड़ी प्रमुखता से बढ़ी। प्राचीन कथाओं में ऐसा जिक्र मिलता है कि अकबर को खिचड़ी बहुत पसंद थी क्योंकि वह कम खर्चे पसंद व्यक्ति थे। वह अपना भोजन अकेले करना पसंद करते थे। अकबर-बीरबल की एक प्रचलित कहानी में भी खिचड़ी का जिक्र किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि अकबर के दरवार में अबुल फजल प्रतिदिन 30 मन खिचड़ी पकाता था और उसके घर से गुजरने वाला कोई भी व्यक्ति 24 घंटे खिचड़ी का स्वाद ले सकता था। मात्राओं के अनुसार, एक मन लगभग 40 किलो था और 30 मन प्रतिदिन 1,200 किलो खिचड़ी के बराबर होता है!

इसे भी पढ़ें:भले ही नेशनल फूड ना बनी #khichdi लेकिन सेहत के लिए है बेहद फायदेमंद

प्राचीन ग्रंथों में मिलता है इसका जिक्र

history of khichdi in india

चौदहवीं सदी में मोरक्को यात्री इब्नबतूता, 15वीं सदी में रूसी यात्री अफानासी निकितिन व 16वीं सदी में अबुल फजल ने अपने दस्तावेजों में खिचड़ी का जिक्र किया है। 14वीं सदी में भारत आने वाले मोरक्को के प्रसिद्ध यात्री इब्न बतूता ने लिखा कि 'मुंज को चावल के साथ उबाला जाता है, फिर मक्खन लगाया जाता है और खाया जाता है। इसी को वे खिचड़ी कहते हैं और इसी का रोज नाश्ता करते हैं। शक्तिशाली मुगलों को भी इस चावल-दाल प्रधान व्यंजन से प्यार हो गया और इसे मध्यकालीन भारत के शाही मेनू में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया। अबू फजल की आइन-ए-अकबरी शाही रसोई में तैयार खिचड़ी के कई संस्करणों का उल्लेख करती है, जिसमें केसर, मजबूत मसाले और सूखे मेवे शामिल हैं।

महाभारत काल से जुड़ा है इसका इतिहास

खिचड़ी का सबसे पहला संदर्भ भारतीय महाकाव्य 'महाभारत' में पाया जाता है, जिसके बारे में माना जाता है कि ये घटनाएं 9वीं और 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व के बीच हुई थीं। कहा जाता है कि महाभारत में द्रौपदी ने अपने वनवास के दौरान पांडवों को खिचड़ी खिलाई थी। इसके अलावा, यह भगवान कृष्ण द्वारा खाया गया चावल का एक दाना था जिसने भूखे और क्रोधित ऋषि दुर्वाशा को भूख से राहत दिलाने में मदद की थी। यही नहीं कृष्ण जी के सबसे बड़े मित्र सुदामा की कहानी में भी खिचड़ी का उल्लेख मिलता है। इसकी कहानी के अनुसार भगवान कृष्ण के मित्र सुदामा उनसे मिलने वृंदावन से द्वारका गए और दो 'पोटली' ले गए, एक में खिचड़ी और दूसरे में भुने हुए चने थे। हालांकि खिचड़ी वाली पोटली को रास्ते में एक बंदर ने पेड़ से छीन लिया। लेकिन सुदामा का कृष्ण जी के लिए खिचड़ी ले जाना इस व्यंजन के महत्व को दिखाता है।

कई तरीकों से बनती है खिचड़ी

khichdi varieties

खिचड़ी को कई तरीकों से बनाया जाता हैजिसे खिचड़ी, भेदड़ी, तहरी और पुलाव के रूप में बनाया जाता है। इनमें से खिचड़ी मुख्य रूप से उड़द की दाल से तैयार की जाती है, भेदड़ी में मूंग की दाल और चावल होते हैं। तहरी में दाल व चावल के अतिरिक्त आलू व सोयाबीन भी डाले जाते हैं जबकि पुलाव में दाल, चावल, सोयाबीन व मौसमी सब्जियां डाली जाती हैं। इस प्रकार खिचड़ी सभी के बीच एक लोकप्रिय भोजन की तरह सामने आती है।

इस प्रकार खिचड़ी का इतिहास काफी पुराना है और इस लोकप्रिय व्यंजन का जिक्र महाभारत में भी मिलता है जो इसे और ज्यादा लोकप्रिय बनाता है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Recommended Video

Image Credit: freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP