पिछले दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही थी कि पारंपरिक डिश खिचड़ी को भारत का नेशनल फूड यानि राष्ट्रीय व्यंजन घोषित कर दिया गया है। बात इतनी बढ़ गई थी कि Central food minister हरसिमरत कौर बादल को खुद सफाई देनी पड़ी। हरसिमरत कौर ने कहा कि खिचड़ी को सिर्फ वर्ल्ड फूड इंडिया इवेंट के लिए सिलेक्ट किया गया है ताकि उसको और मशहूर किया जा सके। लेकिन खिचड़ी भारत का नेशनल फूड बनेगी, ये महज अफवाह थी। इस बात पर हरसिमरत कौर ने ट्वीट भी किये।
ट्वीट में हरसिमरत कौर बादल ने कहा, ''#WorldFoodIndia में भारत की पाक विविधता का गर्व से प्रदर्शन करेंगे ... लगता है आज एक धीमी खबर का दिन है!'' :)
#WorldFoodIndia will proudly showcase India’s culinary diversity…looks like today has been a slow news day! :)
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) 1 November 2017
हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट किया, "काल्पनिक 'National Dish’ पर बहुत खिचड़ी पक गई। इसे सिर्फ रिकॉर्ड बनाने के लिए वर्ल्ड फूड इंडिया में पेश किया जा रहा है।"
Enough Khichdi cooked up on a fictitious 'National Dish’. It has only been put for a record entry in #WorldFoodIndia.
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) 1 November 2017
खिचड़ी भले ही नेशनल फूड नहीं बन रही लेकिन बहुत हेल्दी होती है। क्या आप भी उन महिलाओं में से एक हैं जो खिचड़ी के नाम पर नाक-मुंह सिकोड़ने लग जाती है। वैसे तो ज्यादातर लोग खिचड़ी को बीमारों को खाना मानते हैं लेकिन क्या आप जानती है कि खिचड़ी खाने से आपको सिर्फ फायदे ही मिलते हैं। यह हम नहीं कह रहे बल्कि स्वामी परमानन्द प्राकृतिक चिकित्सालय योग एवं अनुसन्धान केंद्र के नेचुरोपैथ डॉक्टर प्रमोद बाजपाई हमें बता रहे हैं। उनके अनुसार ''खिचड़ी को एक संतुलित एवं सम्पूर्ण आहार कहा जाता है, यह सुपाच्य होने के साथ ही साथ शरीर में सभी प्रकार की पोषक तत्व की कमी को पूरा करता है इसमें उपस्थित आवश्यक मिनरल और प्रोटीन शारीरिक कोशिकाओं की टूट फूट को रिपेयर करता है।
खिचड़ी एक Nutritious आहार है, जिसमें nutrients का सही संतुलन होता है। चावल, दाल और घी का Combination आपको कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम देता है। कई महिलाएं तो इसके Nutritious value बढ़ाने के लिए इसमें सब्जियां भी मिला देती हैं। तो अगर आप अगली बार खिचड़ी खाएं तो उसके nutrients को नजर अंदाज ना करें।
Read more : Fruits खाने का सही समय : कौन सा फल किस समय खाना चाहिए?
Image Courtesy : Shuuterstock.com
खिचड़ी आयुर्वेदिक में बहुत महत्व होता हैं, क्योंकि इसमें तीन दोषों यानि वात, पित्त और कफ को बैलेंस करने की क्षमता होती है। एक्सपर्ट कहती हैं कि बॉडी को शांत व डिटॉक्स करने के अलावा खिचड़ी एनर्जी, इम्यूनिटी और पाचन को अच्छा बनाने में हेल्प करती है।
नेचुरोपैथ डॉक्टर प्रमोद बाजपाई के अनुसार ''यह बहुत ही उर्जावान होती है और इसके कोई साइड इफेक्ट नही है यह भोजन पचाने में मदद करता है और पाचन क्रिया में सुधार लाता है। लेकिन ध्यान रहे कि खिचड़ी में अरहर की दाल ना उपयोग करे क्योंकि यह गैस बनता है। ज्यादा से ज्यादा छिलके वाली मूंग की दाल का प्रयोग किया जाये एवं शुगर के रोगी कम चावल का प्रयोग करें। क्योंकि चावल में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है।
खिचड़ी पेट और Intestines को स्मूथ बनाती है। पचने में आसान और हल्की होने के कारण बीमारी में खिचड़ी खाने की सलाह दी जाती है। इसके सेवन से विषाक्त भी साफ होते हैं। नर्म और पौष्टिक होने के कारण यह बच्चों और बुजुर्ग के अलावा सभी के लिए बेहतर होती है।
Image Courtesy : Shuuterstock.com
छोटे बच्चों का मेटाबॉल्जिम बहुत स्लो और कमजोर होता है इसलिए उनका पेट खाए गए खाने को ठीक से हजम भी नहीं कर पाता। ऐसे में खिचड़ी उनके लिये अच्छी रहती है। इसके अलावा नई मां के पेट में अक्सर खराबी हो जाती है। ऐसे में हल्का फुल्का ही खाना चाहिए और सबसे हल्का खाना तो खिचड़ी ही होती है।
तो आप भी हेल्दी रहने के लिए खिचड़ी को अपने आहार का हिस्सा बनाएं।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।