छुट्टी के समय स्कूल के बाहर लंबी दुकाने देखने को मिलती थीं। अलग-अलग टेस्टी चीजों के ठेले जिन्हें शायद आज आप बहुत मिस करते होंगे। लोग किस तरह 2 से 5 रुपये की पुडि़या खरीदा करते थे और बाद में उसे चटखारे लेकर सबसे साथ खाया करते थे। छुट्टी के समय तक सभी भूखे हो जाते थे जिस कारण स्कूल के बाहार निकलते ही ठेलों के सामने बच्चों की झुंड लग जाया करता था
कोई पुड़िया में कंपट की गोलियां लिए रखता था तो कोई ठेले पर लगे चना जोर गरम का स्वाद लिया करता था। लेकिन आज के इस दौर में वो दिन कहीं खो से गए हैं, जिन्हें हम इस आर्टिकल के बहाने ताजा करने की कोशिश करेंगे। आज के आर्टिकल में हम आपको उन खास यादगार टेस्टी फूड आइटम्स के बारे में बताएंगे जो कभी हमारी स्कूली जिंदगी का हिस्सा हुआ करते थे।
आज भी पेड़ों में जब कच्चे आम लग जाते हैं तो बचपन के दिन याद आते हैं। कैसे गेट के बाहर कच्ची कैरियां मिला करती थीं, आम हममें से ज्यादातर लोगों के मनपसंद फलों में से एक है। ऊपर से जब बात कच्चे आम की हो तो मिर्च और नमक से लगा कच्चा आम भला किसे नहीं पसंद होता। जो लोग मीठा पसंद करते हैं वो केरी को चीनी के साथ खाना पसंद करते हैं। इनमें से आपको आम किसके साथ खाना पसंद है नमक-मिर्च या चीनी।
अंग्रेजी में स्टार फ्रूट और आम लोगों के बीच अमरक नाम से जाना जाने वाला यह फल बहुत टेस्टी लगता है। इसका खट्टा मीठा सा स्वाद और साथ ही अलग सा शेप इसे काफी यूनिक बनाता है। स्कूल के समय में ठेलों पर अक्सर यह फल देखने को मिल जाया करता था। आपने यह फल शायद कभी खाया हो, इस फल को काले नमक के साथ सर्व किया जाता है।
बचपन में आपने एक गाना ठेले पर 'चना जोर गरम बापू मैं लाया मजेदार चना जोर गरम' जरूर सुना होगा। इस टेस्टी सी डिश से कई लोगों की यादें जुड़ी हुई होंगी। चने और टेस्टी मसालों बना चना जोर गरम बड़े चाव से लोगों के बीच खाया जाता था। चना जोर गरम बनाने के लिए चने को एक दिन पहले भिगोया जाता था और बाद में उबाल कर इसे तैयार किया जाता था।
खीरा और ककड़ी गर्मियों में हाइड्रेट रखने वाली सबसे जरूरी चीजों में आती हैं। स्कूल के समय में इनके ठेले स्कूल के बाहर निकलते ही देखने को मिल जाते थे। जिसे गर्मियों के दिनों में खाकर लोग तरोताजा फील करते थे, इसे भी नमक और नींबू के साथ मिलाकर खाया जाता है। आज भी स्कूलों के गेट के बाहर एक-दो दुकानें ऐसी देखने को मिल जाया करती हैं। जहां हमें खीरे और ककड़ी खरीदते बच्चे नजर आते हों।
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बाजर की महंगी-महंगी आइसक्रीम कभी भी उन सस्ती बर्फ से बनी आइसक्रीमों की जगह नहीं ले सकती हैं। स्कूल के सामने उन दिनों 2 से 3 रुपये में बर्फ आया करती थी जिसे बच्चे बड़े मन से खाया करते थे। आज की 50 रुपये की आइसक्रीमों में भी वह स्वाद नहीं रह गया जो कभी उन दिनों बर्फ में हुआ करता था।
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गर्मियों की छुट्टी के बाद जब स्कूल खुला करते थे तब जमुन का मौसम आ जाता था। जिसके बाद ठेलों पर काला जामुन लदे हुए दिखते थे, दुकानों पर इसे नमक के साथ दिया जाता था। इसे खाने से हमेशा जुबान नीली हो जाया करती थी, जिस कारण बच्चे इसे और भी पसंद करते थे।
खट्टी-मीठी इमली हममें से कई लोगों को बहुत याद आती होगी। ठेलों पर कच्ची इमलियां 5 से 10 रुपये में मिला करती थीं, जिसे खाने के लिए बच्चों की भीड़ लग जाया करती थी। इसके साथ ही ठेले पर कैथे भी देखने को मिलते थे, इमली और कैथे को ज्यादातर नमक के साथ दिया जाता था। दोनों की चटनियां भी घर पर बहुत ज्यादा पसंद की जाती थीं।
तो इनमें से आपके लिए सबसे यादगार चटपटा फूड कौन सा था, जिसे देखकर आपको अपना बचपन याद आ जाता हो। हमारा यह आर्टिकल आपको अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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