जानें छत्तीसगढ़ की गंगा के नाम से प्रचलित महानदी का इतिहास और कुछ रोचक तथ्य

छत्तीसगढ़ और ओडिशा की मुख्य नदियों के रूप में पूजी जाने वाली महानदी अपनी एक अनोखी कहानी बयां करती है। आइए जानें इससे जुड़े कुछ तथ्य। 

history and facts of mahanadi

हमारे देश में नदियों का इतिहास किसी से भी अछूता नहीं है। न जाने कितने साल बीत गए लेकिन नदियों ने अपना स्थान नहीं बदला। हमारे देश में न जाने कितनी नदियां अपनी पवित्रता को बनाए हुए हैं और निरंतर अपने जल के प्रवाह से लोगों को लाभ पहुंचाती आई हैं। देश में गंगा और यमुना जैसी न जाने कितनी पवित्र नदियां सदियों से पूजी जाती हैं। जहां एक तरफ गंगा नदी ने काशी और हरिद्वार जैसी जगहों में अपने भक्तों को अपने जल से पवित्र किया, वहीं यमुना नदी कृष्ण की जन्म भूमि में उनकी उपस्थिति की गवाह बन गई। सरयू नदी ने जहां श्री राम की कहानी बयां की, वहीं ब्रह्मपुत्र ने अपना अलग ही इतिहास बनाया।

इन्हीं नदियों की तरह एक और प्रमुख नदी महानदी है जो ओडिशा में बहने वाली सबसे बड़ी नदी होने के साथ छत्तीसगढ़ की गंगा नदी के नाम से जानी जाने लगी। जैसा कि नाम से पता चलता है, महा का अर्थ है महान या बड़ा और नदी का अर्थ है नदी। यह नदी एक डेल्टा बनाती है जो कटक से शुरू होता है और फिर यह नदी बंगाल की खाड़ी में बहती है। आइए जानें महानदी के इतिहास और इससे जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में।

महानदी का इतिहास

significance of mahanadi

महानदी एक बारहमासी नदी है जो मध्य और पूर्वी भारत में बहती है। यह छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से शुरू होकर उड़ीसा में कटक तक जाती है और अंत में बंगाल की खाड़ी में गिरती है। यह छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण नदी है क्योंकि यह सिंचाई, कृषि और परिवहन के लिए अनुकूल है। महानदी हमारे देश की प्रमुख नदियों में से एक है जो मध्य और साथ ही पूर्वी भारत में बहती है। यह एक अंतरराज्यीय नदी है जो छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्यों से होकर बहती है। महानदी की लंबाई 858 किमी है, जिसका क्षेत्रफल 141,600 वर्ग किमी है। यह नदी छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के फरसिया गांव से निकलती है। महानदी सबसे पहले उत्तरी दिशा में बहती है और रायपुर जिले में प्रवेश करती है। यह नदी शिवनाथ नदी से पानी प्राप्त करने के बाद, पूर्व की ओर मुड़कर उड़ीसा में प्रवेश करती है। उड़ीसा के संबलपुर जिले में, महानदी एक मानव निर्मित झील बनाती है जिसकी लंबाई 35 किमी है। पूर्व की ओर बहती हुई महानदी कटक में प्रवेश करती है और बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

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छत्तीसगढ़ की जीवनरेखा है महानदी

महानदी नदी छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्य रूप से बहती है। इस नदी को छत्तीसगढ़ की गंगा के नाम से जाना जाता है और यह छत्तीसगढ़ (छत्तीसगढ़ के हॉरर प्लेसेस) की जीवनरेखा मानी जाती है। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में सिहावा शहर महानदी का उद्गम स्थल है। शिवनाथ, मांड, हसदो महानदी की बायीं ओर की सहायक नदियां हैं। ओंग, पैरी, जोंक और तेलेन महानदी के दाहिने किनारे की सहायक नदियां हैं। महानदी, उसकी सहायक नदियों और ब्राह्मणी का संगम भारत का सबसे बड़ा डेल्टा बनाता है।

पुराणों में है महानदी का जिक्र

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भारत की सबसे प्राचीन नदियों में से एक होने के कारण महानदी का इतिहास पुराणों से समय से प्रचलित है। ऐतिहासिक ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि महानदी और उसकी सहायक नदियां प्राचीन शुक्ल मत पर्वत से निकली हैं। प्राचीन समय में इस नदी को मंद वाहिनी नाम से जाना जाता था।

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महानदी के मैदान हैं उपजाऊ

यह पानी की क्षमता के मामले में देश की प्रमुख नदियों में से एक है और गोदावरी नदी के बाद दूसरे स्थान पर आती है। महानदी के मैदान बहुत उपजाऊ है और चावल की खेती के लिए अत्यधिक उपयुक्त हैं। हर साल यह नदी न जानें कितने लोगों को अन्न जल प्रदान करती है। महानदी छत्तीसगढ़ के साथ ओडिशा के लिए भी कृषि के लिए उपजाऊ भूमि और जल प्रदान करती है। सिवनाथ नदी में शामिल होने के बाद, महानदी पूर्व दिशा में बहती है और अपनी आधी लंबाई की यात्रा के बाद उड़ीसा में प्रवेश करने से पहले हसदेव और जोंक नदियों से जुड़ जाती है।

महानदी का धार्मिक महत्व

mahanadi and religion

महानदी को गंगा की ही तरह पवित्र नदियों में से एक माना जाता है। हर साल हजारों लोग यहां स्नान करने पहुंचते हैं। गंगा के समान पवित्र (भारत की धार्मिक नदियां) होने के कारण महानदी के तट पर कई धार्मिक केंद्र स्थित हैं। महानदी पूर्व मध्य भारत की एक प्रमुख नदी है और छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्यों से होकर बहती है। अन्य सभी नदियों की तरह महानदी भी पूजनीय है। यह लोगों के जीवन में एक प्रमुख भूमिका निभाता है और सभी प्रमुख धार्मिक कार्यों और त्योहारों में मुख्य भूमिका निभाती है। महानदी का जल किसी भी अवसर के लिए शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि महानदी के पानी में बुरे को अच्छे में बदलने की शक्ति होती है। महानदी नदी का धार्मिक महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि इसके किनारे या तो बहुत सारे मंदिर हैं या आसपास के क्षेत्र में स्थित हैं। इसके भक्तों की सबसे ज्यादा संख्या कटक से है। भारत के अन्य हिस्सों के तीर्थयात्री भी इस नदी के तट पर स्थित विभिन्न मंदिरों के दर्शन हेतु आते हैं। इस नदी के आस-पास कुछ धार्मिक स्थल लक्ष्मण मंदिर, गंधेश्वर मंदिर, ओडिशा में स्थित हुमा का झुका हुआ मंदिर।

भारत की प्रमुख नदियों में से एक महानदी वास्तव में अपनी विशेषताओं की वजह से छत्तीसगढ़ ही नहीं अन्य स्थानों की भी शान मानी जाती है जो सदियों से अपनी पवित्रता को बनाए हुए है।

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Image Credit: freepik

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