हमारी संस्कृति, परंपरा और भोजन एकदम निराला है। यह बेहद खास है और इसलिए खास हम भी हैं। अब उत्तर भारतीय व्यंजनों के बारे में तो आपको पता ही होगा और हमें यकीन है कि दक्षिण भारतीय डोसा, इडली, अप्पे आदि के बारे में भी आपको अच्छी जानकारी है। हालांकि अभी भी ऐसे कई क्षेत्र हैं या कहिए ऐसे कुजीन हैं, जिनके बारे में कई लोगों को नहीं पता। कुछ ऐसे व्यंजन हैं तो भारत के इन छोटे क्षेत्रों के किसी अल्पज्ञात खजाने से कम नहीं हैं। ऐसा हो सकता है कि आपने इन व्यंजनों के बारे में सुना न हो या फिर 1-2 डिशेज से ज्यादा आपने ज्यादा कुछ न खाया हो।
अगर आप अपने आप एक फूडी कहते हैं तो फिर इन कुजीन का स्वाद आपको भी जरूर पता होना चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही कुछ व्यंजनों और कुजीन के बारे में बताएंगे जो आपको अपनी जिंदगी में एक बार तो ट्राई जरूर करके देखनी चाहिए। अरे तभी तो आपको अतुल्य और पारंपरिक भोजन के बारे में जानकारी होगी।
1. केरल कुजीन
केरल का इडली सांभर आपको भी पसंद होगा है न? क्या आपको भी लगता है कि केरल में बस यही एक चीज खाई जाती है? नहीं! कभी केरल का लोकप्रिय और पारंपरिक इडियाप्पम और करी खाकर देखिएगा। चावल के आटे से तैयार नूडल जैसे अप्पम को अंडा करी के साथ खाया जाता है। इसके अलावा कडला करी, केरला स्टाइल सीर फिश करी, फिश मोली, थालास्सेरी बिरयानी, मालाबार पराठा भी जरूर ट्राई किया जाना चाहिए।
2. पारसी कुजीन
19वीं शताब्दी में भारत आने वाली जोरास्ट्रियन कम्युनिटी के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी हर किसी को एक बार जरूर लेना चाहिए। पारसी व्यंजन खट्टे और मीठे का मिश्रण होता है। मांस खाने वालों को एक बार धनसाक जरूर ट्राई करना चाहिए। इसमें मटन को दाल और सब्जियों के मिश्रण के साथ परोसा जाता है। चिकन फर्चा, पात्रा नी मच्छी आदि कुछ अन्य नॉन वेज ऑप्शन हैं। पारसी व्यंजनों में वेजिटेरियन डिशेज की भी भरमार होती है।
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3. गढ़वाली कुजीन
तोर की दाल, भात, बाजरे की रोटी और तिल की चटनी... यह है गढ़वाली कुजीन जिसे एक बार आपको भी ट्राई करना चाहिए। इसके साथ पारंपरिक चैसूं, कफली, मंडवे की रोटी और लूण, भांग की चटनी, अरसा और मीठा रोट यह कुछ पॉपुलर व्यंजन हैं। अगर आप नॉन वेज के शौकीन हैं तो आपकी गढ़वाली थाली में आलू के गुटके, गढ़वाली स्पाइसी चिकन/मटन करी और गुलगुला जरूर होना चाहिए।
4. तेलंगाना कुजीन
दक्षिण भारतीय व्यंजनों का मतलब सिर्फ डोसा, उत्तपम, वड़ा, रसम ही नहीं होता। इसके अलावा भी कई ऐसी चीजें हैं जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है। तेलंगाना के व्यंजनों की बाद करें तो यहां सर्व पिंडी बहुत लोकप्रिय है है। यह दाल, चावल के आटे (चावल के आटे की रेसिपीज) और मूंगफली से बना होता है। इसके अलावा तेलंगाना से उभरने वाला सबसे बेहतरीन व्यंजन ममसम पुलुसु है जो निश्चित रूप से मांस खाने वालों को लुभाएगा। यह धीमी आंच पर पका मटन है जो इमली के पत्तों के साथ बनता है। वहीं मीठा फर्दा, फेनी गरिजेलू, सकीनालू जैसी चीजें भी हैं जो बहुत स्वादिष्ट लगती हैं।
5. काठियावाड़ी कुजीन (गुजरात)
गुजराती भोजन से जुड़ा सबसे बड़ा स्टीरियोटाइप यह है कि यह मीठा-मीठा होता है। खैर, गुजरात के काठियावाड़ी क्षेत्र की यात्रा आपको पूरी तरह से एक अलग पाक अनुभव से परिचित कराती है। काठियावाड़ी व्यंजन मसालेदार और लकड़ी की आग पर पकाया जाता है। स्पाइसी, चटपटा और मसालेदार खाने वालों के लिए इससे बेहतर और क्या होगा? काठियावाड़ की खिचड़ी और लसनिया बटाटा (आलू), मिर्च और लहसुन के साथ पकाया जाता है। लसनिया बटाका, रिंगन नो ओलो, सेव तामेटा नू शाक, तुरिया पात्रा, वघारेलो रोटलो, कोबी वटाना टमेटा, कांदा नू शाक और काजू गाठिया आदि ऐसे पारंपरिक व्यंजन हैं जिन्हें आप अपनी अगली यात्रा पर टेस्ट कर सकते हैं।
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इतना ही नहीं, इसके अलावा कश्मीर का मटन रोगन जोश, बिहार का मटन और लिट्टी चोखा, उड़िया कुजीन पाखला और गुपचुप के अलावा भी बहुत कुछ ट्राई करने लायक है। देश के अन्य क्षेत्रों के बारे में फिर किसी रोज़ आपको जरूर बताएंगे। आप इनमें से किस कुजीन को ट्राई करना चाहेंगे वो हमें कमेंट कर जरूर बताएं।
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Image Credit: Freepik, tripadviser, twitter@cheftzac, nrai
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