लंगड़ा से लेकर कलमी और दशहरी तक, इन प्रमुख आम के किस्मों को कैसे मिला ये नाम

आम फलों का राजा है तभी तो लोग गर्मियों में आम का बेसब्री से इंतजार करते हैं। ऐसे में आज हम आपको आम और उसके नाम के पीछे की कहानी बताएंगे।

 
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आम को फलों का राजा कहा जाता है, तभी तो लोग गर्मी के मौसम का इंतजार करते हैं ताकी आम का मजा ले सकें। भारत में ही नहीं विदेशों में भी इस फल के दीवानों की कमी नहीं है। दूसरे देश को छोड़कर यदि हम भारत की बात करें तो यहां आम के 100 से भी ज्यादा किस्में पाई जाती है। आम की मिठास और स्वाद तक तो ठीक है, लेकिन भारतीय आम के अजीबो गरीब नाम है, जिसे सुन हर कोई एक बार यह जरूर सोचता है कि आखिर यह नाम इसे कैसे मिली होगी। यदि आप भी दशहरी, लंगड़ा और तोतापुरी जैसे नाम को सुनकर उसके नाम के पीछे की कहानी के बारे में जानना चाहते हैं, तो चलिए जानते हैं।

कैसे मिला आम को लंगड़ा नाम

इस आम के नाम के पीछे यह कहानी प्रचलित है, जिसमें यह कहा जाता है कि 250 साल पहले बनारस के शिव मंदिर में एक लंगड़ा पुजारी था। एक दिन मंदिर में एक साधु आया और वह मंदिर में दो आम के पौधे लगाकर चला गया। जाते हुए साधु ने लंगड़ा पुजारी से कहा कि इस आम के फल को किसी को न दे। सालों बाद आम के पेड़ में फल लगता है, लेकिन बनारस का राजा लंगड़ा पुजारी से आम ले लेते हैं। धीरे-धीरे आम की प्रजाति पूरे बनारस से देशभर में लंगड़ा पुजारी के नाम से फैल गई और तभी से इसका नाम लंगड़ा पड़ा।

आम को कैसे मिला दशहरी नाम

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दशहरी आम का पहला पेड़ काकोरी स्टेशन से सटे दशहरी गांव में लगाया गया था। उत्तर प्रदेश के इसी गांव के नाम पर इस आम के किस्म का नाम दशहरी रखा गया। बता दें कि दशहरी आम को 'मदर ऑफ मैंगो'भी कहा जाता है। दशहरी के अलावा चौसा और दूसरे आमों के नाम भी गांव के नाम पर रखे गए हैं।

हाथी झूल आम के नाम पर है रोचक किस्सा

आम के नाम के साथ-साथ उसका स्वाद और आकार भी महत्वपूर्ण है। हाथी झूल आम का ऐसा किस्म है जो बहुत भारी है। हाथी झूल आम का एक फल 3-3.5 किलोग्राम तक होता है। इस आम का नाम सहारनपुर के एक किसान ने इसके आकार और मोटाई देखते हुए पेड़ पर लटकते या झूलते हुए आम का नाम हाथी झूल रखा।

तोतापुरी

इस आम का नाम उसकी तोते की चोंच और नुकीली होने के कारण तोतापुरी रखा गया।

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केसर

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गुजरात में सबसे ज्यादा पैदावार होने वाले इस आम के किस्म का नाम केसरी रंग के होने के कारण इसे केसर आम कहा गया।

सिंदूरी

आम के इस किस्म के छिलके में लाल रंग दिखाई देता है, इसलिए इसे सिंदूरी आम कहा जाता है।

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Image Credit: Freepik

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