श्रीराम ने वनवास के दौरान खाया था यह कंद-मूल , जानें इससे जुड़े रोचक तथ्य

मौसम बदलने के साथ-साथ विभिन्न तरह के मौसमी फल और सब्जियां खाने को मिलते हैं। इसके अलावा, ऐसे कई रिजनल फल-सब्जियां होते हैं जो किसी खास राज्य में मिलते हैं, आइए जानते हैं एक खास फल के बारे में।

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देश में मौसम बदलने के साथ-साथ उगने वाले साग-सब्जियों और फलों की किस्में भी बदलती हैं। हर मौसम में, हमें अलग-अलग साग-सब्जी और फल खाने को मिलते हैं, जैसे बरसात में लीची, ठंड में हरे साग और गर्मियों में आम, तरबूज वगैरह । इसके अलावा, रीजनल या राज्य स्तर पर जाएं तो अलग-अलग राज्यों में उनके जंगली फल, सब्जी और कंद-मूल होते हैं, जो वहां के स्थानीय क्षेत्रों में खाने को मिलते हैं। ऐसा ही एक स्थानीय फल है राम कंदमूल।

राम फल क्या है?

ram kand mool phal plant

इस कंद-मूल को राम फल के नाम से भी जाना जाता है। इस फल को बेचने वाले स्थानीय लोगों का मानना है कि इस कंद-मूल को भगवान राम ने अपने चौदह वर्ष के वनवास के दौरान खाया था। यही वजह है कि इस कंदमूल का नाम राम कंदमूल रखा गया है। यह एक जंगली फल है, जो अपने-आप ही उगता है, इसलिए इसकी खेती या इसे कहीं पर लगाने की जरूरत नहीं होती है। । इसके पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन और कुछ फाइटोन्यूट्रिएंट्स के गुण पाए जाते हैं।

कहां मिलता है?

ज्यादातर यह फल आपको तीर्थ स्थल, मेला और दक्षिण भारत में देखने को मिलेगा। सिलेंडर के आकार में भूरे और सफेद रंग के इस फल को राम कंद मूल के नाम से जाना जाता है। यह तमिलनाडु, हरिद्वार, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में देखने को मिलता है।

कंद मूल फल के स्वाद के बारे में

what is kand mool phal

इस कंद मूल फल को गर्मियों में सड़कों पर स्नैक्स के रूप में बेचा जाता है। बेचने वाले इसे धार वाली चाकू की मदद से पतली-पतली स्लाइस में काटते हैं और उसके ऊपर शहद, ताड़ से बनी हुई चीनी, नमक, चूना और मिर्च पाउडर छिड़ककर केले के पत्ते में लपेटकर सर्व करते हैं। इसका स्वाद खाने में काफी अलग और रसीला होता है, जिसे आप दो स्लाइस से ज्यादा नहीं खा पाएंगे। इस राम कंद-मूल को बेचने वाले विक्रेताओं का कहना है कि यह फल पेट को ठंडा रखने में मददगार है। जब कभी भी आपको सिलेंडर जैसा भूरे रंग का यह कंद-मूल देखने को मिले, तो इसे जरूर ट्राई करें।

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रिसर्च क्या कहती है?

साल 2011 में कंद मूल फल को लेकर हुए रिसर्च के आधार पर इसे सब्जी माना जाता है। राम कंद-मूल को लेकर सेंटर फॉर इकोलॉजी डेवलपमेंट एंड रिसर्च (CEDAR) के 2017 के फेसबुक पोस्ट के मुताबिक, राम कंद मूल एक बीज पत्री है न कि कंद। कंद-मूल फलों को लेकर हुए परीक्षणों के अनुसार एगेव सिसलाना एक बीजपत्री यानी मोनोकॉट के जैसे है।

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आपको राम कंदमूल के बारे में दी गई जानकारी कैसी लगी, हमें कमेंट कर बताएं । इस लेख को लाइक और शेयर जरूर करें और ऐसे ही लेख पढ़ते रहने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।

Image Credit: Shutterstock, Wikipedia

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