Kisse Pakwano Ke: क्या सही में एक पहलवान ने बनाई थी डोडा बर्फी?

डोडा बर्फी के बारे में सुना है? क्या इसका स्वाद लिया है? ऐसा कहा जाता है कि इसे बनाने वाले एक पहलवान थे और यह एक एक्सपेरिमेंट के कारण बनी थी। आइए इस आर्टिकल में जानें कि इसके पीछे कितना सच है!

 
All about Doda Barfi

हम भारतीय और मिठाइयों का अटूट रिश्ता है। हमें खाने के बाद मीठा खाने का मन अक्सर करता है। हमारे फ्रिज के एक कोने में कोई न कोई मिठाई जरूर रहती है। गुलाब जामुन, रसगुल्ले, मिल्केक, मूंग दाल का हलवा, काजू कतली और ऐसी अनगिनत मिठाइयां हैं जिनका स्वाद एकदम अलहदा होता है। इसी तरह डोडा बर्फी को ही लीजिए।

इसका टेक्सचर सॉफ्ट होता है और दूध और घी से बनाई गई यह मिठाई कई फेस्टिव सीजन में तैयार की जाती है। इसमें मिलाए गए ड्राई फ्रूट्स इसे और भी स्वादिष्ट बनाते हैं। क्या आपको पता है कि इस मिठाई को किस तरह बनाया गया था? बोरियत में बनी मिठाई इतनी लाजवाब बनी कि आज इसे नॉर्थ इंडिया में खूब चाव से खाया जाता है। ऐसा माना है कि भारत और पाकिस्तान के विभाजन से पहले वाले पंजाब के पहलवान ने इस मिठाई को बनाया था। चलिए इस आर्टिकल में जानें कि क्या वाकई यह मिठाई बोरियत में तैयार की गई थी?

डोडा बर्फी का इतिहास

doda barfi history

ऐसा माना जाता है कि जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा नहीं हुआ था, तब पंजाब के सरघोड़ा में रहने वाले एक पहलवान अपने लिए एक अच्छी डाइट तैयार करना चाहते थे। उन पहलवान का नाम हंसराज विग है जो अपनी बॉडी बनाने के लिए घी और दूध का सेवन करते थे। हालांकि एक समय के बाद वह दूध और घी खाकर बोर हो गए थे। उन्हें अपने लिए कुछ स्वादिष्ट और हेल्दी बनाने के बारे में सोचा। एक दिन एक्सपेरिमेंट करते हुए उन्होंने एक स्वीट डिश तैयार की।

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एक्सपेरिमेंट से बनी डोडा बर्फी

हंसराज विग को खाना बनाने का भी काफी शौक था, तो एक दिन वह अपनी रसोई में गए और उन्होंने कढ़ाही में दूध डालकर उबालना शुरू किया। इसमें चीनी डाली और तब तक पकाया जब तक कि दूध आधा नहीं हो गया (मोटी मलाई जमाने के तरीके)। इसके बाद उन्होंने इसमें ड्राई फ्रूट्स डालें और दूध जब भूरा होने लगा तो उन्होंने इसे घी लगे ट्रे में रखकर सेट करने के लिए रखा। जब फाइनल रिजल्ट उन्होंने चखा, तो उन्हें यह बेहद अच्छा लगा और इस तरह डोडा बर्फी तैयार हुई।

कैसे पड़ा बर्फी का नाम डोडा

who invented doda barfi

आप सोच रहे होंगे कि बर्फी बनने तक तो ठीक है, लेकिन इसका नाम डोडा कैसे पड़ा? दरअसल विग परिवार पार्टिशन के दौरान भारत के पंजाब में शिफ्ट हुआ। पाकिस्तान में जो रेसिपी उन्होंने तैयार की थी, उसे आगे भी बढ़ाया। कोट कपूरा में जिस जगह में विग परिवार रह रहा था, उसे डोडो स्ट्रीट के नाम से जाना जाता है। बस तो फिर क्या इस मिठाई का नाम भी उस स्ट्रीट के नाम पर पॉपुलर हो गया।

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1912 से आज तक चल रही है दुकान

जो दुकान पाकिस्तान में शुरू हुई थी उसे आज भी विग परिवार चला रहा है। जब डोडा बर्फी को लोगों ने चखा तो आसपास के गांव से भी लोग उनके यहां से मिठाई लेने पहुंचे। यह सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि दुनिया भर में भी लोकप्रिय होने लगी। डोडा बर्फी की ट्रेडिशनल रेसिपी विग परिवार में पीढ़ियां दर पीढ़ियां चली आ रही है। विग परिवार रॉयल डोडा स्वीट्स के नाम से एक वेबसाइट भी है, जहां पर आप उनके बारे में पढ़ सकते हैं। उनका दावा है कि उनके द्वारा बनाई गई डोडा बर्फी का स्वाद आज भी वैसा है जैसे पहलवान हंसराज विग के समय में होता था।

क्या आपकी पसंदीदा मिठाई भी डोडा बर्फी ही है? इस रेसिपी के बारे में जानकर आपको कैसा लगा, हमें कमेंट करके जरूर बताएं। हमें उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।

Image Credit: Freepik

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