मार्केट में प्लास्टिक के अंडे आ चुके हैं। इससे पहले 2016 में खबर आई थी कि केरल के बाजार में नकली अंडे मिल रहे हैं। अब दो साल बाद फिर से खबर आ रही है कि मार्केट में नकली अंडे आ चुके हैं। कुछ लोग इन्हें 'चाइनीज अंडे' भी कहते हैं। दुख की बाद है कि इन अंडों को खाने से सेहत बनने के बजाय बिगड़ जाएगी। इसलिए इन अंडों को खरीदने से पहले कंफर्म कर लें कि आप असली अंडे खरीद रही हैं या नहीं।
लेकिन आप कैसे जानेंगी कि ये अंडे असली हैं या नकली?
इसके लिए ये आर्टिकिल पढ़ें और असली व नकली अंडे के बीच अंतर पता करने का तरीका जानें।
सबसे पहले तो यह जानने की जरूरत है कि प्लास्टिक के अंडे कैसे बनते हैं? प्लास्टिक का अंडा, सोडियम अल्जिनेट को गरम पानी में मिलाकर फिर इस मिश्रण में जलेटिन, ऐलम और बेन्जोइक मिलाकर बनाया जाता है। इस मिश्रण से नकली अंडा तैयार हो जाता है। इस मिश्रण से अंडे का पीला और सफेद हिस्सा दोनों बनता है। पीले हिस्से के लिए केवल मिश्रण में थोड़ा पीला रंग मिला दिया जाता है। कैल्शियम क्लोराइड से अंडे का छिलका बनता है। (Read More: अंडा महिलाओं के लिए है इतना फायदेमंद, ये जानकर आप हो जाएंगी हैरान)
प्लास्टिक के अंडे पूरी तरह से दिखने में असली अंडे की तरह लगते हैं। इसलिए अधिकतर लोग इन दोनों के बीच में अंतर नहीं कर पाते हैं। लेकिन हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएंगे जिन्हें जानकर आप असली और नकली अंडों के बीच में तुरंत अंतर पता लगा लेंगी।
असली अंडों का छिलका बहुत सॉफ्ट होता है और आपके पकड़ने मात्र से आपको फील हो जाएगा कि इसे अच्छी तरह से पकड़ना है। जबकि नकली अंडों का छिलका सख्त होता है। इसलिए जब आपके जोर से पकड़ने से भी अंडे नहीं टूट रहे हैं या क्रैक हो रहे हैं तो समझ जाएं कि अंडा नकली है।
इसके अलावा नकली अंडे का छिलका असली अंडे की तुलना में थोड़ा खुरदुरा होता है और इसके अंदर एक रबरनुमा लाइनिंग भी होती है।
नकली अंडे को थपथपाने की आवाज असली अंडे की तुलना में थोड़ी करारी होती है। इसलिए आपको अंडे खरीदने से पहले उसे अच्छे से पकड़कर देखने की जरूरत है। (Read More: संडे हो या मंडे वजन घटाएं 1 हफ्ते में रोज खाकर अंडे)
कुछ नकली अंडे इतनी अच्छी तरह से बने होते हैं कि अच्छे से अच्छे विशेषज्ञ भी नमें अंतर नहीं कर पाते हैं। ऐसे में घर लाकर अंडों को बनाने से पहले उन्हें तोड़कर एक कटोरी में रख दें। असली अंडों का पीला और सफेद भाग अपने-आप अलग हो जाता है। जबकि नकली अंडों का सफेद भाग एक साथ मिल जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे दोनों एक ही पदार्थ से बने होते हैं।
नकली अंडे पानी में नहीं डूबते हैं। अगर आप इन्हें कई दिनों तक बाहर खुले में भी छोड़ दें, तब भी इनमें ना तो मक्खियां लगेंगी और ना ही चीटियां इनकी ओर आकर्षित होंगी। यह असली-नकली का अंतर पता करने का बेस्ट उपाय है।
तो इस तरह से असली और नकली अंडों में अंतर पता लगाएं और अपने आपको हेल्दी रखें।
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