आजकल मार्केट में मिलने वाली साबुत काली मिर्च में मिलावट की जाने लगी हैं। इसका स्वाद वैसा नहीं आता जैसा आना चाहिए, हालांकि, यह एक आयुर्वेदिक मसाला है। इसके कई फायदे हैं जो स्वाद के साथ देने का भी काम करती है जैसे- खांसी से राहत दिलाने और इम्यूनिटी मजबूत करने आदि। हालांकि, काली मिर्च की मांग बढ़ती गई, वैसे-वैसे इसमें मिलावट भी की जाने लगी है। अक्सर सूखे पपीते के बीज मिलाकर बेचे जाते हैं।
यह बीज दिखने में काली मिर्च जैसे ही होते हैं, लेकिन न तो उनमें वह तीखापन होता है और न ही वह खास खुशबू जो असली काली मिर्च की पहचान होती है। साथ ही, मिलावटी मसाले न केवल आपकी पाककला को खराब करते हैं, बल्कि यह आपकी सेहत के लिए भी खतरा बन सकते हैं। खासतौर पर काली मिर्च जैसी चीज, जिसे कई बार बिना पकाए भी चबाया जाता है या काढ़े में डाला जाता है।
इसमें मिलावट से फूड पॉइजनिंग या एलर्जी तक हो सकती है। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि घर पर रहकर कैसे आप मिनटों में यह जांच सकती हैं कि आपकी काली मिर्च असली है या उसमें मिलावट की गई है। इसके लिए आपको हमारे बताए गए टिप्स फॉलो करने होंगे।
कैसे की जाती है काली मिर्च में मिलावट?
मुनाफा कमाने के लिए काली मिर्च में मिलावट की जाने लगी है। सबसे आम और सस्ती मिलावट की जाती है जैसे-सूखे पपीते के बीजों, लेकिन इसे कैसे मिलाया जाता है। आइए नीचे में विस्तार से जानते हैं।
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कैसे करें?
- पके हुए पपीते से बीज निकाले जाते हैं, उन्हें अच्छी तरह से धोकर सुखाया जाता है।जब यह पूरी तरह सूख जाते हैं, तो इनका रंग काले जैसा हो जाता है और काली मिर्च से मिलता-जुलता लगता है।
- यह सूखे पपीते के बीज बहुत सस्ते पड़ते हैं और देखने में काली मिर्च जैसे लगते हैं।कुछ लोग हल्के भूरे या फीके बीजों को रंगों में डुबोकर काला बना देते हैं ताकि वे असली काली मिर्च जैसे लगें।
खराब या बासी काली मिर्च की मिलावट
काली मिर्च एक महंगा मसाला है और इसलिए कई दुकानदार इसमें घटिया क्वालिटी करके ज्यादा मुनाफा कमाते हैं। ये खराब दाने दिखने में भले ही असली लगें, लेकिन इनका न स्वाद होता है, न खुशबू, और ये आपकी सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकते हैं। इसलिए आप इसका पता नीचे बताए गए स्टेप्स से लगा सकती हैं।
कैसे करें?
- महीनों या सालों तक रखी गई काली मिर्च जिसमें नमी या फफूंदी लग चुकी होती है।इसे नए और अच्छी तरह दानों में मिलाकर बेचा जाता है।
- कभी-कभी गीले या सही तरीके से स्टोर न किए गए दानों में मोल्ड यानी सफेद या हरे रंग की फफूंदी लग जाती है।
- खराब काली मिर्च में न तो तीखी खुशबू रहती है और न ही उसका गहरा काला रंग।ऐसे दानों को पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है अगर आप टेस्ट न करें।
कैसे पहचानें खराब या बासी काली मिर्च?
- आप काली मिर्च को सूंघ कर भी चेक कर सकती हैं। इससे पहले काली मिर्च को हल्का क्रश कर लें और फिर खुशबू से चेक करें। अगर कोई खुशबू नहीं आ रही है, तो इसका मतलब है कि यह खराब और नकली मिर्च हैं।
- अगर दाने का रंग हल्का, मटमैला, धुंधला या भूरापन लिए हो, तो समझें वह बासी हो चुकी है। इससे असली और फ्रेश काली मिर्च का रंग गाढ़ा काला होता है।
- आप पानी से भी चेक कर सकती हैं, इसके लिए एक गिलास पानी में मुट्ठी भर काली मिर्च डालें। फिर अच्छी क्वालिटी की काली मिर्च ऊपर तैरेगी। वहीं, खराब, खोखले या पुराने दाने नीचे बैठ सकते हैं।
सही तरह से स्टोर करें
- अगर आप घर पर काली मिर्च पीसकर रखते हैं, तो उसमें भी समय के साथ तीखापन कम हो सकता है। ऐसे में पिसी काली मिर्च को भी 2-3 महीने में बदलते रहें।
- अगर काली मिर्च नमी वाली जगह या खुले में रखी गई है, तो यह जल्दी खराब हो सकती है। इसलिए इसे हमेशा एयरटाइट कंटेनर में करके रखें।
ऊपर बताए गए आसान तरीकों से आप घर बैठे खुद ही पहचान सकती हैं कि आपकी काली मिर्च असली या नहीं। अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- (@Freepik and shutterstock)
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