काली मिर्च का इस्तेमाल लंबे समय से हमारे घरों में होता आया है। भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में काली मिर्च को इस्तेमाल किया जाता है और कई पश्चिमी देशों में तो सिर्फ काली मिर्च और नमक के भरोसे ही खाने को स्वाद दिया जाता है। काली मिर्च उर्फ ब्लैक पेपर हमेशा से ही बहुत खास रही है और ये फ्लेवर के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी होती है। ऐसे में क्यों ना हम इसके बारे में और जानकारी लें।
कई लोगों को ये मालूम ही नहीं होता है कि काली मिर्च कैसे प्रोसेस होती है और ये कैसे आपके घर तक पहुंचती है। चलिए आज आपको काली मिर्च के बारे में कुछ जानकारी देते हैं।
कैसे बनती है काली मिर्च?
काली मिर्च अन्य सभी मिर्च की तरह पेड़ से ही निकलती है, लेकिन इसका पेड़ काफी अलग तरह का होता है। ये एक बेल की तरह होता है जिसमें फूल भी खिलते हैं। इसी बेल के फलों को काली मिर्च कहा जाता है। ये हरा पेड़ लंबाई में उगता है और इसमें बेरिज की शक्ल में फल आते हैं। ये छोटे-छोटे फल शुरुआत में हरे दिखते हैं और इसे ही बाद में प्रोसेस कर काली मिर्च की शक्ल दी जाती है।
काली मिर्च असल मायनों में भारत की नहीं बल्कि ये लगभग हर ट्रॉपिकल देश में उगाई जाती है, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा खेती होती है वियतनाम में जहां दुनिया भर की खपत के अनुसार लगभग 35% काली मिर्च उगाई जाती है।
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हज़ारों साल पुराना है काली मिर्च का इतिहास
काली मिर्च का इस्तेमाल हज़ारों सालों से होता आया है। ये छोटा सा मसाला प्राचीन समय में स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसके साथ ही कुछ रिपोर्ट्स मानती हैं कि इसे प्राचीन मिस्र में ममीज को प्रिजर्व करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता था। इसी के साथ, इसे इन्सोम्निया और दांत के दर्द आदि से बचने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
पुराने जमाने में रोम और ग्रीस के लोगों को काली मिर्च बहुत पसंद होती थी। इसी के साथ 4AD तक लगभग 80% रेसिपीज में काली मिर्च का इस्तेमाल होता था।
काली मिर्च को ढूंढने ही कोलंबस और वास्को डि गामा जैसे कई एक्सप्लोरर आगे बढ़े थे ताकि वो भारत का कोई नजदीक रूट ढूंढ सकें।
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कैसे होती है काली मिर्च की खेती?
भारत में काली मिर्च की लगभग 98% खेती केरल में होती है और इसी के साथ, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में इसकी खेती होती है।
- काली मिर्च का पौधा असल में बेल होता है और इसलिए इसे सहारे की जरूरत होती है। कई जगहों पर इसे नारियल जैसे बड़े पेड़ों की सहायता से उगाया जाता है। प्रत्येक पेड़ पर लगभग दो बेल लगा दी जाती है।
- हालांकि, कुछ जगहों पर इसकी बेल को सहारा देने के लिए फेंसिंग भी की जाती है।
- काली मिर्च का पौधा लगाने का सही समय मार्च और अप्रैल के बीच होता है हालांकि कुछ जगहों पर ये जून-जुलाई में भी लगाई जाती है।
- इसके लिए बहुत ज्यादा ठंडी जगहें उपयुक्त नहीं होतीं इसलिए इसे तटीय इलाकों में उगाया जाता है।
- वैसे तो काली मिर्च के पौधे पर आसानी से कीड़े नहीं लगते हैं, लेकिन शुरुआत में इसे कीटनाशक की जरूरत पड़ती है। साथ ही इसे फंगस से बचाने की जरूरत भी होती है।
- बीज लगाने के लगभग आठ से दस महीने के बाद इसमें फल आते हैं और इन्हें अपनी जरूरत के अनुसार तोड़ा जाता है।
- उदाहरण के तौर पर सफेद पेपरकॉर्न, पिंक पेपरकॉर्न, ग्रीन पेपरकॉर्न और काली मिर्च सभी एक ही पेड़ से निकल सकते हैं।
- फलों के पकने पर इन्हें तोड़कर प्रोसेस किया जाता है और सुखाया जाता है।
- ये पूरी तरह से सूखकर फिर काली मिर्च की शक्ल लेते हैं।
- काली मिर्च सुखाने के बाद पूरी तरह से साफ की जाती है और फिर इसे बाजार में बेचा जाता है।
- इसे कई किसान कंपनियों को बेच देते हैं जिससे ये मसालों के लिए इस्तेमाल हो सकें।
आपके घर तक आते-आते काली मिर्च काफी हद तक प्रोसेस हो चुकी होती है। वैसे इसका पेड़ आप घर पर भी उगा सकती हैं। काली मिर्च को घर पर उगाने का तरीका आप यहां पढ़ें।
काली मिर्च के बारे में ये जानकारी क्या आपको पता थी? अगर हां तो इसके बारे में हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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