क्या आप जानते हैं फैक्ट्री में कैसे बनता है पोहा, जानें ठेले वालों की ट्रिक जिससे हमेशा रहता है ये फ्रेश

पोहा बनाने की विधि तो आपको पता होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके घर आने वाला पोहा असल में फैक्ट्री में कैसे बनाया जाता है? 

how to make steam poha

भारत में सबसे ज्यादा खाए जाने वाले नाश्ते में से एक है पोहा जो कई राज्यों में बनता है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में तो इसकी मांग बहुत ज्यादा है। पोहा बनाने में आसान होता है और जल्दी से पच भी जाता है। यही कारण है कि इसे हम इतना पसंद करते हैं। पर कई बार बहुत कॉमन चीज़ के बारे में भी हमें नहीं पता होता है। इसका कारण ये है कि हम इससे बनने के प्रोसेस के बारे में नहीं जानते हैं।

अगर आपसे पूछा जाए कि पोहा किस चीज़ से बनता है तो आपका क्या कहना होगा? पोहे की रेसिपी तो आपको पता ही होगी, लेकिन अगर इसके बनने के तरीके के बारे में आपको नहीं पता है तो चलिए आज आपको उसके बारे में बताते हैं।

किस चीज़ से बनता है पोहा?

इस सवाल के जवाब में आप कहेंगे कि ये चावल से बनता है, लेकिन इसका जवाब है धान। ये धान से बनता है यानी चावल का दाना छिलके के साथ होता है तब ही इसे बनाया जा सकता है। इसे बनाने के लिए चावल के छिलके का भी अहम रोल होता है। अगर आपको लगता है कि आखिर छिलके का इसमें क्या काम होता है तो जान लीजिए कि इस छिलके की वजह से ही चावल के दाने को पोहे का शेप दिया जाता है और हां, इसे बनाने के प्रोसेस में ये अलग हो जाता है।

poha inside the factory

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फैक्ट्री में कैसे बनता है पोहा?

तो चलिए अब इस बारे में बात करते हैं कि आखिर फैक्ट्री में किस तरह से पोहा बनता है और कैसे वो आखिरी प्रोडक्ट के रूप में आपके किचन तक पहुंचता है।

  1. सबसे पहले इसकी शुरुआत धान से होती है और फैक्ट्री में धान लाया जाता है। इसे छिलके के साथ ही रखा जाता है और इसकी सफाई और धुलाई छिलके के साथ ही होती है।
  2. धान के साथ काफी गंदगी भी आती है और इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि इससे मिट्टी और पत्थर आदि अलग किए जाएं।
  3. इसकी सफाई के बाद इसे पानी में भिगो कर फिर 16-20 घंटों तक सुखाया जाता है। इसके लिए तेज़ धूप की भी जरूरत होती है और इसलिए चावल के दानों को फैला दिया जाता है।
  4. अब जब ये हो जाता है तो चावल को एक मशीन में डाला जाता है जिससे इसे प्रेस किया जाता है। यही स्टेज होती है जब धान का छिलका दाने से अलग होता है।
  5. हाई प्रेशर के बीच इसे प्रोसेस किया जाता है जिससे एक-एक दाने का पोहे जैसा शेप आ जाता है।
  6. अब इसके बाद फिर से पोहे को फिल्टर किया जाता है ताकि इसमें बची हुई गंदगी को हटाया जा सके।
  7. इसके बाद कई कंपनियां पोहे में सफेद रंग का भी इस्तेमाल करती हैं। दरअसल, ये सफेद रंग का नहीं बल्कि हल्के भूरे रंग का होता है और ऐसा धान की वजह से ही होता है।
  8. तो अगर आप बाजार जाएं तो हल्का भूरा रंग वाला पोहा चुनें जो क्वालिटी में ज्यादा बेहतर होगा।
  9. इसी के साथ ऐसा पोहा जिसके एज शार्प हैं और वो एकदम सीधा नहीं दिख रहा है वो बनने के बाद टूटेगा। ये दोनों ट्रिक्स पोहा खरीदते समय आपकी मदद कर सकती हैं।(स्वादिष्ट सोया पोहा रेसिपी)
poha is made in factory

घर पर बना हुआ पोहा क्यों हो जाता है हार्ड?

अब बात करते हैं घर पर पके हुए पोहे की जो कड़क हो जाते हैं और इसे ज्यादा देर तक ऐसे ही नहीं रखा जा सकता है। इसके दो कारण हो सकते हैं।

  • आपने पानी ठीक तरह से नहीं डाला जिससे पोहे धुले हुए तो लगे, लेकिन उनमें नमी नहीं रही।
  • आपने ज्यादा तेल डाल दिया है जिससे पोहे ज्यादा सूख गए हैं।

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poha making and skills

ठेले वाले पोहे क्यों हमेशा रहते हैं सॉफ्ट?

ठेले वाले पोहे हमेशा सॉफ्ट ही लगते हैं और वो सूखते नहीं है उसका कारण है इनका भाप में पकना और हमेशा इसमें भाप आती रहती है।

  • ठेले वाले पोहे को पहले धोकर अच्छे से फूलने दिया जाता है।
  • फिर इसमें नमक, थोड़ी सी चीनी, हल्दी और नींबू का रस डाला जाता है और इसे अच्छे से मिक्स किया जाता है।
  • अब एक बर्तन में खौलता हुआ पानी डाला जाता है या फिर गैस पर इस बर्तन को रखे रहने दिया जाता है।
  • इसके ऊपर एक छलनी में पोहे डालकर भाप से ही पकने दिए जाते हैं।
  • इसे ऊपर से ढक दिया जाता है और पोहे को ऐसे ही गर्म पानी के ऊपर रहने दिया जाता है।
  • यही कारण है कि ठेले वालों के पोहे हमेशा इतने सॉफ्ट रहते हैं।
  • इनमें तड़का, मूंगफली, प्याज, टमाटर, मिर्च आदि सब कुछ ऊपर से डाला जाता है।
  • इस तरह से पोहा बनाते समय तेल बिल्कुल नहीं लगता है और सिर्फ तड़के में आपने जितना तेल इस्तेमाल किया है वही डाला जाएगा।
  • यही कारण है कि अगर आप स्टीम से पोहा बनाते हैं तो ये ज्यादा हेल्दी बनेंगे।

पोहे जैसी डिश को कई तरह से कस्टमाइज किया जा सकता है और यही कारण है कि हम सभी इसे पसंद करते हैं। आप अपने स्वाद के हिसाब से ही इसमें इंग्रीडिएंट्स डाल सकते हैं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

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