क्या आप जानते हैं हेल्दी मानी जाने वाली ब्राउन शुगर कैसे बनती है?

अगर आप ब्राउन शुगर को अपनी डाइट में शामिल करने के बारे में सोच रहे हैं तो हम आपको ये बताते हैं कि वो बनती कैसे है। 

Shruti Dixit
how brown sugar is made

इन दिनों हेल्थ को लेकर एक ट्रेंड चल निकला है। कुछ भी ब्राउन है तो वो अच्छा है, ब्राउन शुगर, ब्राउन राइस, ब्राउन ब्रेड ही नहीं अब तो होल व्हीट ब्राउन कुल्चे भी मार्केट में आसानी से मिल जाते हैं। पर हमेशा ब्राउन रंग को ही इतना महत्व क्यों दिया जा रहा है? अगर हम सिर्फ शक्कर की ही बात करें तो ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर में अंतर बहुत ही साफ दिखता है। पर ये अपने रंग के अलावा भी काफी अलग हैं।

शक्कर एक नेचुरल चीज है जिसे हम लगभग रोजाना अपनी डाइट में शामिल करते हैं। पर ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर के बीच का अंतर भी तो जानना जरूरी है। कुछ भी ब्राउन है तो वो सभी मामलों में हेल्दी होगा ये मान लेना सही नहीं है।

ऐसे में क्यों ना आज हम ब्राउन शुगर के बारे में बात करें और ये जानने की कोशिश करें कि आखिर ये बनती कैसे है और कैसे व्हाइट शुगर से अलग है।

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किस चीज से बनती है ब्राउन शुगर?

ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर दोनों ही गन्ने से बनाई जाती हैं। इनके सोर्स में कोई भी अंतर नहीं होता है और इसमें व्हाइट शुगर का एक हिस्सा भी होता है।

brown sugar making process

कैसे बनती है ब्राउन शुगर?

ब्राउन शुगर के बनने का सबसे जरूरी इंग्रीडिएंट होता है Molasses, ये एक ऐसा तरल पदार्थ होता है जो गन्ने या शुगर बीट (sugar beet) को रिफाइन करते समय बनता है। इस प्रोसेस में शक्कर अलग हो जाती है और मोलासेस अलग।

ये कैसा होगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपने किस पौधे से इसे लिया है, शक्कर बनाने का क्या प्रोसेस है।

brown sugar is made

सफेद शक्कर में जब मोलासेस मिलाया जाता है तब उसे ब्राउन रंग मिलता है और इसकी थोड़ी न्यूट्रिटिव वैल्यू भी बढ़ जाती है। घर ब्राउन शुगर बनाने के कई वीडियोज आपको इंटरनेट पर मिल जाएंगे और उसमें व्हाइट शुगर में यही चीज मिलाई जाती है।

क्या होता है ब्राउन शुगर में खास?

ब्राउन शुगर में मोलासेस की वजह से ज्यादा न्यूट्रिएंट्स आ जाते हैं। इसमें कुछ मात्रा में आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, जिंक, कॉपर, फास्फोरस जैसे न्यूट्रिएंट्स ज्यादा होते हैं।

क्या ब्राउन शुगर में कम कैलोरी होती है?

U.S. Department of Agriculture (USDA) और अन्य कई यूनिवर्सिटीज ने इसे लेकर रिसर्च की है। उनका कहना है कि ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर में एक जैसी कैलोरीज ही होती हैं। ये एक बहुत बड़ा मिथक है कि ब्राउन शुगर में कम कैलोरी होती हैं।

यहां भी वही चावल वाला लॉजिक ही लगता है। डायटीशियन और होलिस्टिक न्यूट्रिशनिस्ट और डाइट पोडियम की फाउंडर शिखा महाजन ने हरजिंदगी को बताया कि ब्राउन शुगर, ब्राउन राइस किसी में भी कम कैलोरी नहीं होती है। फर्क न्यूट्रिएंट्स और किस तरह से वो चीज़ें डाइजेस्ट की जा सकती हैं उसका पड़ता है।

हालांकि, यहां पर ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर के डाइजेस्ट होने का प्रोसेस एक ही है। ब्राउन शुगर में कुछ हद तक नेचुरल इंग्रीडिएंट्स ज्यादा होते हैं इसलिए ही इसे व्हाइट शुगर से ज्यादा हेल्दी माना जाता है।

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किन चीजों में होता है ब्राउन शुगर का इस्तेमाल?

ब्राउन शुगर का इस्तेमाल बेकिंग के लिए किया जा सकता है, रोजाना की चाय-कॉफी में किया जा सकता है, शरबत आदि बनाने में किया जा सकता है और उन सभी चीजों में किया जा सकता है जिसमें व्हाइट शुगर का इस्तेमाल होता है। ये स्वीटनर और फ्लेवरिंग के लिए काम आ सकती है। ब्राउन शुगर कुछ चीज़ों में आसानी से डिजॉल्व नहीं होती है और ऐसे में आपको थोड़ा ध्यान रखना होगा।

तो इस तरह से आप समझ ही गए होंगे कि ब्राउन शुगर को व्हाइट शुगर से अच्छा क्यों कहा जाता है और क्या आपके लिए ये अच्छी है या नहीं। सबसे जरूरी बात ये है कि अपनी डाइट में कोई भी बदलाव करने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर कर लें।

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