जब भी बात स्नैक्स की आती है तो मखाने को एक बहुत ही अच्छा ऑप्शन माना जाता है। हो भी क्यों न, ये इतना स्वादिष्ट और हेल्दी जो होता है। मखाने को तो इतना पवित्र भी माना जाता है कि व्रत-उपवास के खाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। रोस्टेड मखाना हो या मखाने की खीर इसका स्वाद भी लाजवाब होता है। सबको ये तो पता होता है कि मखाना एक पेड़ से आता है, लेकिन क्या आपको ये पता है कि मखाना किस पेड़ से आता है और इसे कैसे बनाया जाता है?
आपको जानकर हैरानी होगी कि फॉक्स नट कहे जाने वाले मखाने को उगाने और इसे खाने लायक बनाने के लिए उसी तरह से मेहनत लगती है जिस तरह से समुद्र से मोती निकालने में लगती है। तो चलिए आज आपको मखाने के बारे में कुछ बताते हैं और जानते हैं कि कैसे इसे बनाया जाता है और खाने लायक इसे बनाया जाता है।
आखिर कहां से मिलता है मखाना?
मखाना असल में एक बहुत ही महत्वपूर्ण फूल से निकलता है। ये कमल के पौधे का हिस्सा होता है और इसे वाटर लिलि से भी निकाला जा सकता है। ये असल में कमल के फूल का बीज होता है जिसे प्रोसेस किया जाता है जिससे ये मखाना बनता है। वो खूबसूरत फूल जिसे लक्ष्मी जी को चढ़ाया जाता है वही फूल हमें मखाना देता है और इसलिए मखाने को इतना शुद्ध माना जाता है। मखाना भारत में अधिकतर बिहार में उगाया जाता है। इसके अलावा कोरिया, जापान और रशिया के कुछ हिस्सों में भी ये मिलता है।
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कैसे बीज से बनता है मखाना?
हमने ये तो जान लिया कि मखाना आखिर किस चीज़ से बनता है, लेकिन इसे निकालने में बहुत मेहनत लगती है और ये पूरा प्रोसेस बहुत ही सावधानी से करना होता है क्योंकि इसे निकालने के लिए किसानों को पानी के अंदर गोता लगाना होता है।
सबसे पहले इस तरह से इकट्ठा किए जाते हैं मखाने के बीज-
मखाना हार्वेस्ट करने के लिए सिर्फ कुछ ही लोगों को लगाया जाता है, ये वो लोग होते हैं जिन्हें इस काम का अनुभव होता है। इसे तालाब से निकालने का काम सुबह लगभग 10 बजे शुरू होता है और 3 बजे तक चलता रहता है। इसमें 4-5 घंटे आराम से लग जाते हैं। कई जगहों पर इसे बांस के जरिए निकाला जाता है। इस प्रोसेस को अलग-अलग जगहों पर अलग तरह से किया जाता है।
इकट्ठे किए बीजों को किया जाता है साफ और स्टोर-
इन्हें इकट्ठा करना एक मुश्किल काम होता है और इसके बाद इसकी सफाई और इसे स्टोर करने का काम किया जाता है। इन्हें बड़े-बड़े भगोने में रखा जाता है और उसके बाद लगातार हिलाया जाता है, ऐसा करने से मखाने के ऊपर लगी गंदगी साफ होती है और फिर इसे पानी से भी बार-बार धोया जाता है जिससे इनमें लगी गंदगी पूरी तरह से साफ हो सके। साफ बीज इसके बाद छोटे-छोटे बैग्स में भरे जाते हैं और उसके बाद एक सिलेंड्रिकल कंटेनर में इन्हें भरा जाता है। इस कंटेनर को काफी देर तक जमीन पर रोल किया जाता है जिससे बीज स्मूथ बन जाएं। इसके बाद इन बीजों को अगले दिन के लिए तैयार किया जाता है।
बीज सुखाना भी है बहुत बड़ा काम-
दूसरे दिन इन बीजों को चटाई पर फैलाकर 2-3 घंटे के लिए सुखाया जाता है। इन्हें सुखाना बहुत जरूरी काम होता है क्योंकि आगे के स्टेप के लिए इनसे मॉइश्चर निकाल देना जरूरी है।
अब मखानों को किया जाता है अलग-अलग-
अब सूखे हुए बीजों को लगभग 10 बड़ी-बड़ी लोहे की छलनियों से गुजरना होता है। इस प्रोसेस में अलग-अलग साइज के बीज अलग हो जाते हैं और सभी बीजों को अलग-अलग स्टोर किया जाता है। अब ये अपनी फाइनल स्टेज के लिए तैयार होते हैं।
बीज से ऐसे निकलता है फूल मखाना-
जब मखाने सूख जाते हैं तो उन्हें फ्राई किया जाता है। वर्कर्स को एक सीमित समय के अंदर ही ये सारा प्रोसेस पूरा करना होता है वर्ना ये खराब आसानी से हो जाते हैं। इन्हें एक बार फ्राई करने के बाद बांस के कंटेनर में स्टोर किया जाता है। स्टोर करने का तरीका भी काफी अलग होता है जिसमें उन कंटेनर को ऊपर से एक खास कपड़े से ढका जाता है और उस कंटेनर के साइड में गोबर का लेप किया जाता है ताकि उसका तापमान सही रहे।
इसके कुछ घंटे के बाद फिर से इन्हें फ्राई किया जाता है और यही प्रोसेस फॉलो किया जाता है। एक बार बीज फट गया तो उसमें से सफेद मखाना निकलता है। इसे लकड़ी के तख्तों पर रखा जाता है।
इस तरह कड़ी मेहनत के बाद बनता है स्वादिष्ट मखाना और एक बार सफेद पफ निकल आए तो उसे भी हाथ से साफ किया जाता है ताकि बीज का कोई भी हिस्सा उसमें न रह जाए।
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मखाने को लेकर ये मिथक हैं चर्चित-
मखाना खाने से वजन बढ़ता है: ये मिथक है क्योंकि ये एक हेल्दी स्नैक है, हां इसे कैसे खाते हैं उसपर ये निर्भर करता है कि ये आपके वजन पर क्या असर डालेगा।
मखाना वेजिटेरियन नहीं होता: अब जब आपने मखाने से जुड़ा पूरा प्रोसेस जान लिया है तब आप ये तो समझ ही गए होंगे कि मखाना पूरी तरह से वेजिटेरियन होता है।
मखाने से जुड़े कुछ फैक्ट्स जिनके बारे में जानकारी बहुत जरूरी है-
मखाना हम अधिकतर स्नैक्स के तौर पर ही खाते हैं पर क्या आपको मालूम है मखाने से जुड़े ये फैक्ट्स जो इसे सबसे बेस्ट स्नैक बना सकते हैं-
- मखानों में भरपूर न्यूट्रिएंट्स होते हैं, ये कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और फास्फोरस से भरपूर होते हैं।
- मखाने एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं और ये शरीर से टॉक्सिन्स निकालने का काम कर सकते हैं।
- ये ब्लड शुगर लेवल को सुधार सकते हैं।
- ये हेवी स्नैक नहीं होते हैं जिससे वो वेट लॉस की चाह रखने वालों के लिए अच्छा स्नैक बन सकते हैं।
- रिसर्च कहती हैं कि मखाने में एंटी-एजिंग प्रॉपर्टीज भी होती हैं।
- एक एनिमल स्टडी के अनुसार मखाना दिल की सेहत ठीक रखने के काम भी आ सकता है।
अब जब आप मखाने से जुड़ी इतनी सारी चीज़ें जान ही गए हैं तो क्यों न हम मखाने को अपनी डाइट में शामिल करें। हालांकि, अगर आपको इससे कोई एलर्जी है या मखाना सूट नहीं करता तो अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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