वारंगल फोर्ट: दक्षिण भारत के सबसे प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर में से एक

चलिए इस लेख में जानते हैं दक्षिण भारत के वारंगल शहर में मौजूद वारंगल फोर्ट के बारे में कुछ रोचक तथ्य। 

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दक्षिण भारत के लगभग हर शहर में ऐसे कई प्राचीन फोर्ट मौजूद हैं, जो दक्षिण भारत के इतिहास को समझने में मदद करते हैं। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक आदि शहरों में आज भी ऐसे कई प्राचीन फोर्ट मौजूद हैं। तेलंगाना के वारंगल शहर में स्थित वारंगल किला उन्हीं प्राचीन फोर्ट्स में से एक है, जो सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में प्रसिद्ध है। काकतीय राजवंश की ऐतिहासिक भव्य और स्थापत्य कला से परिपूर्ण यह फोर्ट तेलंगाना राज्य का आधिकारिक प्रतीक भी है। इस फोर्ट में घूमने और स्थापत्य कला को देखने के लिए हर साल लाखों सैलानी देश के हर कोने से पहुंचते हैं। आज इस लेख में हम आपको वारंगल फोर्ट के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं।

वारंगल फोर्ट का इतिहास

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वारंगल शहर में मौजूद वारंगल फोर्ट का इतिहास काकतीय राजवंश के शासनकाल से संबंधित है। इस भव्य फोर्ट का निर्माण 12वीं शताब्दी के आसपास काकतीय राजवंश के राजा गणपति देव ने किया था लेकिन, कुछ समय बाद उनकी मृत्यु के बाद बेटी रुद्रमा देवी ने निर्माण करवाया था। इस फोर्ट पर कई बार हमला किया गया था। कहा जाता है कि इस फोर्ट पर अलाउद्दीन खिलजी, कुतुब शाही और हैदराबाद निजाम के शासकों ने हमला किया था। कहा जाता है कि इस किले पर एक बार लगभग 10 लाख सैनिकों ने हमला भी किया था।

किले की वास्तुकला

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वारंगल फोर्ट दक्षिण राज्यों के साथ-साथ भारत के लिए भी एक अद्भुत संरचना है। थोरियन स्थापत्य शैली में निर्मित वारंगल का किला को देखते ही बनता है। इस फोर्ट में मौजूद लगभग 45 भव्य खम्भें सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र है। कहा जाता है कि वारंगल किला 3 लेयर्ड किलेबंदी से बना है। इस फोर्ट में मौजूद दीवार लगभग 150 फीट चौड़ी है, जो आक्रमण के दौरान सुरक्षा प्रदान करती थी।(रहस्यमयी फोर्ट्स)

फोर्ट के आकर्षण

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भले ही यह किला खंडहर से परिवर्तन हो गया है लेकिन, इस फोर्ट में मौजूद प्राचीन मंदिर, दीवार, वास्तुकला आज भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस मंदिर में मौजूद भगवान शिव को समर्पित मंदिर भी आकर्षण का केंद्र है। आपकी जानकारी के लिए ये भी बता दें कि इस फोर्ट में साउंड एंड लाइट शो का भी आप आनंद उठा सकते हैं, जो शाम के लगभग 7 बजे आयोजित किया जाता है।

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फोर्ट में घूमने का समय और टिकट के बारे में

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वारंगल फोर्ट में आप सुबह 10 बजे से लेकर शाम 7 बजे के बीच कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं। अगर बात करें टिकट के बारे में तो भारतीय पर्यटकों के लिए 15 रुपये, विदेशी पर्यटकों के लिए लगभग 200 रुपये और कैमरा आदि लेकर जाने के लिए 25 रुपये हैं। (सिंधुदुर्ग किला) इसके अलावा वारंगल फोर्ट घूमने के लिए जा रहे हैं, तो आप इसके आसपास मौजूद द्रकाली मंदिर, पाखल झील, काकतीय संगीत उद्यान और मिनी चिड़ियाघर जैसी बेहतरीन जगहों पर भी घूमने के लिए जा सकते हैं।

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Image Credit:(@sutterstocks)

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