इतने समय के बाद आपकी थाली में से गायब हो जाएंगी सब्जियां

अगर इसी तरह के हालात रहे और ग्लोबल वार्मिंग बढ़ता रहा तो इस नई रिपोर्ट के अनुसार आगे भविष्य में सब्जियां मिलनी बंद हो जाएंगी और लोग सब्जी खाने के लिए तरस जाएंगे। 

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ग्लोबल वार्मिंग का स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। इसका असर हर किसी पर हो रहा है। पेड़-पौधों से लेकर नदियों तक पर इसका असर दिख रहा है। बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग के कारण पेड़-पौधे सूख रहे हैं। नदियां सूख रही हैं। लोगों को स्किन से संबंधित कई सारी बीमारियां होने लगी हैं। यह तो दिखने वाले असर हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण आपकी थाली में से एक समय के बाद सब्जियां भी गायब हो जाएंगी?

जी हां, हाल में शोधकर्त्ताओं द्वारा चेतावनी दी गई है कि यदि कृषि के विकसित नए तरीकों तथा फसलों की अनुकूल किस्मों को नहीं अपनाया गया तो ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनिया भर में सब्जियाँ दुर्लभ हो सकती हैं।

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दुर्लभ हो जाएंगी सब्जियां

इन शोधकर्ताओं द्वारा ये चेतावनी जारी की गई है कि जल्द ही कृषि के नए तरीके नहीं अपनाए गए तो सब्जियां भविष्य में दुर्लभ हो सकती हैं और हमारी थालियों में से सब्जियां गायब हो सकती हैं। इन शोधकर्ताओं का इशारा हरित क्रांति जैसी नई कृषि तकनीक के तरफ है जिसे अपनाने के बाद ही लोगों को भविष्य में प्रचुर मात्रा में सब्जियां उपलब्ध कराई जा सकती हैं। (Read More:अगर रहना है हेल्दी तो सेब को खाने से पहले इस 1 चीज से जरूर धोएं)

सदी के अंत तक गायब हो जाएंगी सब्जियां

यह रिपोर्ट नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज ने जारी की है। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस शताब्दी के अंत तक सब्जियां दुर्लभ हो जाएंगी। जिस तरह से पानी का स्तर कम होते जा रहा है और हवाओं का तापमान गरम होते जा रहा है उसके कारण स्वस्थ आहार के लिये आवश्यक लगभग एक-तिहाई सब्जियों की पैदावार कम हो जाएगी।

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वर्ष 2100 तक तापमान में 7.2 फारेनहाइट (4 सेल्सियस) की वृद्धि होने की उम्मीद है यदि ऐसा हुआ तो सब्जियों की औसत पैदावार 31.5 प्रतिशत तक कम हो सकती है।तापमान में वृद्धि के कारण दक्षिणी यूरोप, अफ्रीका और दक्षिण एशिया के बड़े हिस्से विशेष रूप से प्रभावित हो सकते हैं। (Read More:Vegetarian diet फॉलो करके अब आप भी कर सकतीं हैं अपना weight loss)

174 अध्ययनों पर आधारित है यह रिपोर्ट

यह रिपोर्ट 174 अध्ययनों पर आधारित है। यह निष्कर्ष वर्ष 1975 से अब तक सब्जियों और फलियों की उपज और पौष्टिक सामग्री पर पर्यावरणीय प्रदर्शन के प्रभाव की जाँच के 174 अध्ययनों की व्यवस्थित समीक्षा पर आधारित है। तो अगर अब भी आपने ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में सहयोग नहीं किया तो आपकी थाली में से सब्जियां गायब हो सकती हैँ। इसलिए सचेत हो जाएं।

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