एक बात तो हम सभी को माननी चाहिए कि कई देशों में पैनकेक्स काफी लोकप्रिय हैं। इन्हें खासतौर से नाश्ते के रूप में सर्व किया जाता है। यह एक अमेरिकी ब्रेकफास्ट है तो अपने फ्लफी टेक्सचर के कारण यह लोगों का फेवरेट नाश्ता है। मगर इसी तरह क्रेप्स भी एक बहुत पतले तरह का पैनकेक ही है जिसे फ्रांस और जर्मनी में खूब पसंद किया जाता है।
क्रेप एक फ्रेंच शब्द ही है जिसे पैनकेक कहते हैं, लेकिन दोनों में थोड़ा बहुत नहीं बल्कि काफी अंतर होता है। उदाहरण के तौर पर, क्रेप्स को अक्सर पनीर, फल, सब्जियां, मीट और कई तरह के स्प्रेड जैसी फिलिंग के साथ परोसा जाता है।
हालांकि फिर भी अधिकांश लोग पैनकेक्स और क्रेप्स के बीच के अंतर के बारे में नहीं जानते हैं। वे भले ही एक जैसे दिखते हैं लेकिनएक-दूसरे से काफ अलग होते हैं। आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको इन दोनों के बीच का अंतर बताएं।
पैनकेक एक फ्लफी और गोल केक है जिसे मक्खन, मैदे, अंडे और चीनी से बनाया जाता है। इसे कभी फलों से गार्निश करके सर्व किया जाता है तो कुछ लोग मेपल सिरफ के साथ इसे खाना पसंद करते हैं। इनके बारे में थोड़ा गहराई से जानें तो आपको पता चलेगा कि यह ग्रीस में 600 ईसा पूर्व से बनते आ रहे हैं और तब से लोगों की स्वीट क्रेविंग्स को पूरा कर रहे हैं। कई देशों में इसे पतला और सपाट बनाया जाता है।
क्लासिक पैनकेक्स मूल रूप से बिना फिलिंग के खाए जाते थे, लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने इसमें स्वाद के लिए चॉकलेट, अखरोट, केले, स्ट्रॉबेरी आदि जोड़ना शुरू किया। यही कारण है कि आज हमारे पास पैनकेक के कई सारे विकल्प मौजूद हैं।
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क्रेप्स ज्यादातर पतले और चपटे होते हैं और इन्हें जैम और फलों के सॉस के साथ-साथ खाया जाता है। इनका आविष्कार काफी बाद में हुआ था। 13वीं शताब्दी में ब्रिटनी, फ्रांस में क्रेप्स को पहली बार बनाया गया था। इसे कैसे बनाया गया था इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है।
ऐसा माना जाता है कि उस दौरान एक गृहिणी ने गलती पतली खिचड़ी को तवे गिरा दिया था। खिचड़ी ने फैलकर एक पतला क्रेप रूप ले लिया। इसके बाद इसे भोजन में खाया गया और फिर यह रेसिपी बार-बार बनने लगी। आपको बता दें कि क्रेप्स बनाने के लिए बकव्हीट जैसे आटे का इस्तेमाल किया जाता है।
पैनकेक को खासतौर से मीठे के रूप में खाया जाता है। इसमें फलों का सॉस या मेपल सिरप का इस्तेमाल किया जाता है और यह ब्रेकफास्ट के लिए अच्छा विकल्प होता है। वहीं, क्रेप्स की फिलिंग फलों से लेकर मीट और सब्जियां भी हो सकती हैं। इसे नमकीन और मीठा दोनों रूप में बनाया जा सकता है। क्रेप को सिर्फ नाश्ते में ही नहीं, बल्कि पूरे दिन में कभी भी खाया जा सकता है।
पैनकेक का आकार और मोटाई दोनों क्रेप्स से भिन्न होते हैं। पैनकेक आमतौर पर छोटे और फ्लफी होते हैं, जबकि क्रेप्स बहुत चौड़े और बहुत पतले होते हैं। इसके अलावा दोनों भले ही पैन में बनाए जाएं लेकिन उन्हें बनाने का तरीका भी एकदम अलग होता है।
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पैनकेक्स में आमतौर पर बेकिंग पाउडर या बेकिंग सोडा जैसी चीज़ को बैटर में राइजिंग एजेंट के रूप में डाला जाता है, ताकि पैनकेक्स फ्लफी हो सकें, जबकि क्रेप्स में ऐसा कुछ नहीं जाता है। यही कारण है कि पेनकेक्स इतने हल्के होते हैं।
इसके अलावा दोनों के बैटर तैयार होने में भी अंतर होता है। पैनकेक का बैटर आप फ्रेश तैयार कर सकते हैं, लेकिन क्रेप्स बेहतर तब बनेंगे जब आप उन्हें रात को बनाकर रखेंगे।
देखा तो ये हैं दोनों के बीच के खास अंतर जो आपको भी जरूर पता होने चाहिए। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आएगी। अगर यह लेख अच्छा लगा तो इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए विजिट करें हरजिंदगी।
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