Beas River History: भारत का इतिहास यहां स्थित प्राचीन नदियों के बिना अधूरा है। भारत में कई नदियां हैं जिनकी पूजा समय-समय पर होती रहती हैं। जैसे- गंगा, यमुना, नर्मदा, कृष्णा या कावेरी नदियां हैं। ये प्रमुख नदियां आज भी भारत के लिए बहुत मायने रखती हैं। लोग अपने अनुसार नदियों का इस्तेमाल या फिर पूजा-पाठ करते रहते हैं।
इन्हीं प्रमुख नदियों में से एक है व्यास नदी, जिसे ब्यास नदी भी कहते हैं। यह भी भारत की एक प्राचीन नदी है। इस लेख में हम आपको इसके उद्गम स्थल के साथ-साथ कुछ रोचक जानकारी बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आप भी ज़रूर जानना चाहेंगे। आइए जानते हैं।
व्यास नदी का उद्गम स्थल(Beas River Origin)
व्यास नदी (ब्यास नदी) हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास से लगभग 14 हजार फीट की ऊंचाई से बहती है। यह कुल्लू घाटी से दक्षिण की ओर बहती हुई अनेकों पहाड़ से निकलती है और मंडी के पास पश्चिम की ओर मुड़ जाती है। कहा जाता है कि कांगड़ा के पास यह तीन दिशाओं में विभाजित हो जाती है। घाटी से होते हुए यह पंजाब प्रान्त में प्रवेश करती है। आपको बता दें कि ब्यास नदी हिमाचल के साथ-साथ पंजाब की भी एक प्रमुख नदी है।
इसे भी पढ़ें:'कंकालों की झील' से लेकर 'लेक ऑफ नो रिटर्न' तक, ये हैं भारत की रहस्यमयी झीलें
ब्यास नदी की पौराणिक कथा(Beas River Methodology)
ब्यास नदी की पौराणिक कथा बेहद ही दिलचस्प है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भारतीय महाकाव्य के लेखक वेद व्यास से जोड़कर इस नदी को देखा जाता है। कहा जाता है कि इस नदी का नाम वेद व्यास के नाम पर ही रखा गया है। यह भी मान्यता है कि उन्होंने इसका निर्माण स्रोत झील, व्यास कुंड से किया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ब्यास नदी का प्राचीन नाम अर्जिकिया या विपाशा था।(कृष्णा नदी के बारे में जानें)
व्यास नदी पंजाब और हिमाचल के लिए क्यों है खास?
कहा जाता है कि पंजाब शहर एक नहीं बल्कि पांच नदियों में मिलकर बना है और उन्हीं पांच नदियों में से एक है व्यास नदी। इस नदी की कुल लम्बाई लगभग 470 किमी है। यह प्रमुख नदी अपने मार्ग में आने वाले सभी शहर, कस्बों और गांवों के लिए पानी के स्रोत के रूप में काम करती है। यह नदी पंजाब और हिमाचल में सामान्य रूप से लोगों के काम आती है। आपको बता दें कि पंजाब से बहती हुई यह नदी सतलुज नदी में जाकर मिल जाती है।(भारत की 10 पवित्र नदियां)
इसे भी पढ़ें:उत्तराखंड की यह अलौकिक जगह आज तक बची हुई है सैलानियों की नजर से
ब्यास नदी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी(Beas River Interesting Story)
शायद आपको मालूम हो अगर नहीं मालूम है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महान सिकंदर से भी जोड़कर इस नदी को देखा जाता है। कहा जाता है कि सिकंदर के भारत पर आक्रमण करने के रास्ते में इस नदी को सबसे बड़ी बाधा माना जाता था। वो पूर्व में इसी नदी को पार करके भारत पर आक्रमण करना चाहता था।(भारत की प्रमुख नदियों के बारे में जानें)
आपको यह भी बता दें कि कि ब्यास नदी की सहायक नदियां बाणगंगा नदी, पार्वती नदी, सैंज नदी, और इसके साथ-साथ सतलुज नदियां भी हैं।
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे लाइक, शेयर और कमेंट्स ज़रूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Recommended Video
Image Credit:(@wiki)
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों