भारत में पिछले कुछ सालों में ईस्ट एशिया के कल्चर के प्रति काफी दीवानगी देखी गई है। हम लोग एनिमे, कोरियन ड्रामा, के-पॉप, चाइनीज फिल्में ही नहीं देख रहे हैं, बल्कि अपना टेस्ट पैलेट भी वैसे ही तैयार करने लगे हैं। यही कारण है कि भारत में कोरियन, चाइनीज, जापानी आदि रेस्तरां भी खुलने लगे हैं।
अब बीते कुछ समय में बोबा टी ने बड़ी लोकप्रियता हासिल की है। यह बबल टी ताइवान की लोकप्रिय ड्रिंक है और अब दुनिया भर में भी फेमस हो गई है। यह एक ऐसी ड्रिंक है जिसका बेस चाय से तैयार होता है और इसमें फ्लेवर फ्रूट या मिल्क का डाला जाता है। इस ड्रिंक में एडिबल पर्ल डाले जाते हैं जिन्हें बोबा कहते हैं और इसलिए यह ड्रिंक बोबा ड्रिंक कहलाई जाती है। चलिए आज इस ड्रिंक के बारे में विस्तार से बताएं।
इसे पर्ल मिल्क टी, बबल टी, टैपिओका टी आदि नामों से जाना जाता है। इस ताइवानीज टी को मिल्क, फ्रूट और एडिबल पर्ल्स के साथ तैयार किया जाता है। इसे बनाने के पीछे 2 लोगों का नाम लिया जाता है। एक कहानी है ताइवान की मिस लिन सी हुई की, जिन्होंने अपने डेजर्ट से साबुदाना हटाकर आइस टी में डाला था और फिर यह रेसिपी तैयार हुई। दूसरी कहानी के अनुसार, ताइवान के टी-हाउस ओनर तू सॉन्ग-ही ने एक बार यूं ही साबुदाना अपनी चाय में डाली और उसे पर्ल टी के नाम से बेचने लगे। इस तरह ये 2 कहानियां बोबा टी की उत्पत्ति के बारे में बताती हैं।
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इसे तीन अलग बेस से बनाया जाता है- ब्लैक, व्हाइट और ग्रीन टी का बेस। इस टी में सबसे जरूरी टॉपिंग्स हैं क्योंकि फ्लेवर उसी से आता है। इसे अलग-अलग चीज़ों से बनाया जाता है। कई बार इसमें कसावा रूट की छोटी बॉल्स डाली जाती हैं। कुछ ड्रिंक्स में पुडिंग्स, रेड बीन्स, साबूदाना, ग्रास जेली और टैरो बॉल्स आदि डाली जाती हैं। ये अलग चीजें बोबा टी को अलग टेक्सचर और स्वाद प्रदान करती हैं। जैसे पुडिंग टॉपिंग्स से टी में कस्टर्ड जैसा फ्लेवर आता है। ग्रास जेली पुदीने का हल्का सा स्वाद और फर्म टेक्सचर प्रदान करती है। इसी तरह से टैरो का स्पंजी टेक्सचर होता है जो साबूदाने से काफी अलग होता है।
यह पॉपुलर इसलिए है क्योंकि आप अपनी पसंद के हिसाब से इसमें टॉपिंग्स और फ्लेवर चुन सकते हैं। युवाओं के बीच यह अपने स्वाद को लेकर खासतौर से पसंद की जाती है। इसके अतिरिक्त बाकी ड्रिंक्स या टी की तुलना में इसका स्वाद एकदम अलग होता है। जैसा कि हमने बताया इसमें टी का बेस अलग होता है और फ्लेवर अलग होते हैं, जो इसे खास और अलग बनाता है। इसके पॉपुलर होने का एक अन्य कारण यह भी है कि इसे आप सिर्फ गाय का दूध से नहीं बल्कि बादाम के दूध से या अन्य दूध से बना सकते हैं जो इसे वीगन लोगों के लिए अच्छी चॉइस बनाता है। आप दूध न चाहें तो इसे फलों के जूस से भी तैयार करवा सकते हैं।
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आपको भी लगता होगा कि क्योंकि इसमें साबूदाना है, मिल्क है और फलों के फ्लेवर्स हैं तो यह हेल्दी होगी। मगर ऐसा नहीं है क्योंकि इसमें चीनी की अत्यधिक मात्रा होती है (चीनी का सेवन न करने के फायदे)। इसमें कई सारे फ्लेवर्स डाले जाते हैं जो इसके शुगर लेवल को बढ़ाता है और इस तरह से इसे हेल्दी कहना गलत होगा। फाइबर और प्रोटीन हमारे शरीर के लिए आवश्यक तत्व हैं जो इसमें नहीं पाया जाता है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के मुताबिक, ब्राउन शुगर वाले टैपिओका पर्ल वाली बबल टी में 270 कैलोरी होती है।
यह बोबा टी मैंने तो आज तक नहीं चखी। अगर आपने इसका स्वाद लिया है तो अपने अनुभव हमारे साथ शेयर जरूर करें। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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