अगर आप दशहरे वाले लॉन्ग वीकेंड में कहीं बाहर घूमने का प्लान बना रही हैं तो आपको मैसूर जाना चाहिए। यहां का दशहरा बेहद खास होता है। मैसूर के दशहरे में यहां के लोगों में अंदर का जोश और जुनून इस कदर हावी रहता है कि उसे देख कर ही यहां के दशहरा सेलिब्रेश की भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है। दशहर को कर्नाटक में स्टेट फेस्टिवल का दर्जा दिया गया है और यहां पर एक दिन नहीं बल्कि 10 दिन तक दशहरा मनाया जाता है। अगर आप अपने लॉन्ग वीकेंड को इंट्रेस्टिंग बनाना चाहती हैं तो आपको मैसूर की ट्रिप प्लान करनी चाहिए। आज हम आपको बताएंगे कि मैसूर में दशहर मनाने का खास अंदाज क्या है।
शाही महल की सजावट
मैसूर का दशहरा वैसे तो कई चीजों के लिए मशहूर है। मगर, इस दौरान मैसूर के महल में होने वाले कार्यक्रम सबसे खास होते हैं। इसके साथ महल की सजावट भी देखने लायक होती है। महल को हजारों की संख्या में बल्ब से सजाया जाता है। महल की रौनक को देखने लोग दूर-दूर से दशहरे के दौरान मैसूर आते हैं। साल भर में दशहरे के दौरान ही महल का एक हिस्सा आम जनता के लिए खोल दिया जाता है। जहां लोग आकर देश भर के कुछ फेमस कलाकारों द्वारा दी गई प्रस्तुति को देखते हैं और मनुरेंजन करते हैं। कला प्रदर्शन में अधिकतर शास्त्रीय संगीत और नृत्य ही होता है, जिसके कारण हर शाम सैकड़ों की संख्या में दर्शक यहां जुटते हैं। इसके अलावा शहर के दूसरे प्रमुख स्थानों जैसे जगनमोहन पैलेस, टाउन हॉल, वीना शेषना भवन और कला मंदिर में भी दिलचस्प कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। शहर में जगह-जगह हरिकाथे, कमसले पाडा, गमका, यक्षगाना और कठपुतलियों का प्रदर्शन प्रमुख होता है वहीं रंगयाना में 9 दिनों के नाटक का आयोजन किया जाता है।
खेल बैठक
दशहरे के दौरान मैसूर में ‘दसरा खेल बैठक’ का आयोजन भी किया जाता है। यह मैसूर का एक ऐसा मंच है, जहां पर बास्केटबॉल, बॉलीवॉल, साइक्लिंग और टेबल टेनिस जैसे खेल होते हैं। इस दौरान करनाटक के अलग-अलग शहरों से खिलाड़ी आते हैं। यहां दूसरे प्रतियोगिताएं जैसे खो-खो, कबड्डी और कराटे का आयोजन भी किया जाता हैं।
काइट फेस्टिवल
गुजरात और राजस्थान से कुछ अलग मैसूर में भी काइट फेस्टिवल होता है। इस फेस्टिवल में बड़े से लेकर छोटे आकार की तरह-तरह की पतंगें उड़ाई जाती हैं। यह फस्टिवल दशहर के अंतिम दिन मनाया जाता है और इसमें भी देश के बड़े-बड़े पतंगबाज शामिल होते हैं। घरों में भी लोग पतंग उड़ा कर इस फेस्टिवल को मनाते हैं।
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युवा दसरा
मैसूर में जहां एक तरफ पूरे शहर में कलात्मक कार्यक्रम चल रहे होते हैं वहीं दूसरी तरफ यह वक्त कॉलेज फेस्ट का भी होता है। इस फेस्ट को मानसगंगोत्री कैंपस में मनाया जाता है। इस फेस्ट में छात्रों के द्वारा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया जाता है। इस फेस्ट की खासियलत है कि इसमें देश भर के कॉलेजेस के बच्चे आते हैं और हैरतअंगेज प्रदर्शन करते हैं। यहां पर आपको क्लासिकल डांस, रॉक स्टार नाइट, फैशन शो और म्यूजिक देखेने को मिलेगा।
जंबू सावरी और टॉर्च लाइट परेड
मैसूर में दशहरे के दौरान सबसे खास होती है जंबू सावारी और टॉर्च लाइट परेड। इसमें 21 तोपों की सलामी के साथ महल से हाथियों का जुलूस निकाला जाता है। यह मैसूर की लगभग हर गली से होकर कर गुजरता है। इस जलूस में एक ऐसा हाथी भी शामिल होता है जिसे खास तरह से सजाया जाता है इस हाथी पर 750 किलो का गोल्डन हौदा, जो एक सिंहासन होता है उसे रखा जाता है और उस पर देवी चामुंडेश्वरी की प्रतिमा रखी जाती है। इस दिन देवी को शहर का भ्रमण कराने की परंपरा है। हाथियों के साथ पारंपरिक ड्रेस पहने कुछ सैनिक भी चलते हैं। इन सैनिकों के हाथों में भाले और तलवार होती हैं और सैनिकों दस्ता बैंड बाजे के साथ पूरे शहर में घूमता है।
प्रदर्शनी
मैसूर में दशहरे की रौनक देखना आपके लिए तब तक अधूरा होगा जब तक आप मैसूर में दशहरे की प्रदर्शनी नहीं देखतीं। यहां दशहरे के दौरान 10 दिन की भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। इस प्रदर्शनी में देश भर के कारिगर अपना स्टॉल लगाते हैं। इसके साथ ही यहां पर बहुत बड़ा किसान मेला भी लगता है।
इस बात का हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि अगर आप दशहरा मनाने के लिए मैसूर जाती हैं तो आपको भरपूर मनोरंजन करने को मिलेगा। यहां पर आप दशहरे की रौनक को अलग ही अंदाज में देखेंगी और यह एक्सपीरियंस आपको जिंदगी भर याद रहेगा।
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