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मां वैष्णो देवी की गुफा खुली भक्तों के लिए, घंटों तक गुंजते रहें जयकारे

मां वैष्णो देवी की गुफा को भक्तों के लिए खोल दिया गया है। गुफा के अंदर घंटों तक ‘जय माता दी’ नाम का जयकारा गुंजता रहा।
Editorial
Updated:- 2019-02-04, 13:42 IST

मां वैष्णो देवी की गुफा को भक्तों के लिए खोल दिया गया है। गुफा के अंदर घंटों तक ‘जय माता दी’ नाम का जयकारा गुंजता रहा। माता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं के लिए यह बहुत बड़ी खुशखबरी है। मां वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं ने सोमवार की देर रात प्राकृतिक गुफा के जरिए दर्शन किए। इस पल का श्रद्धालुओं को बेसब्री से इंतजार था। 

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने मां भगवती के भक्तों के लिए प्राचीन गुफा के कपाट खोल दिए हैं। श्रद्धालुओं को लंबे समय से इस दिन का इंतजार था। बोर्ड ने गुफा के कपाट खोलने का समय निर्धारित किया है। यदि कोई श्रद्धालु प्राचीन गुफा से होकर मां वैष्णो देवी की पिंडियों के दर्शन करने की इच्छा रखता है तो उसे उसी दौरान भवन तक पहुंचना होगा। 

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भक्तों के लिए खुल गई मां वैष्णो देवी की गुफा 

भक्तों की संख्या में आई कमी को देखते हुए बोर्ड ने सोमवार रात से ही प्राचीन गुफा के कपाट खोल दिए थे। यही नहीं मंगलवार दोपहर बाद भी भवन पर पहुंचे श्रद्धालुओं को प्राचीन गुफा से ही मां वैष्णो देवी के पिंडी रूप के दर्शन करवाए गए। बोर्ड ने प्राचीन गुफा को खोलने का समय निर्धारित किया है। 

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मां के भक्त दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक, रात 12 बजे से सुबह तड़के 4 बजे के बीच प्राचीन गुफा में प्रवेश कर पाएंगे। इसके बाद प्राचीन गुफा के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।

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गुफा खोले जाने की वजह 

दरअसल श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड मां वैष्णो की प्राचीन गुफा के कपाट उस समय खोलता है जब भवन पर भक्तों की संख्या काफी कम होती है। बर्फबारी के बाद भवन पर शीतलहर का प्रकोप बढ़ जाने के बाद से यात्रा में देर शाम व सुबह के समय काफी कमी आई है। यही वजह है कि देर रात और दोपहर के समय गुफा के कपाट खोले जाएंगे।

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यहां बता दें कि प्राचीन गुफा हर साल मकर संक्रांति के आसपास खोली जाती है। इस दौरान भक्तों की संख्या कम होती है। प्राचीन गुफा की क्षमता 400 श्रद्धालु प्रति घंटे है। यही वजह है कि प्राकृतिक गुफा का संचालन परिस्थितियों के आधार पर किया जाता है। अगर किसी वजह से ये आंकड़ा बढ़ जाता है तो प्राकृतिक गुफा को श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी रुप से बंद कर दिया जाता है और संख्या कम होने पर गुफा को फिर से खोल दिया जाता है। इस मकर संक्रांति के दिन भक्तों की संख्या अधिक होने की वजह से ही गुफा के कपाट बंद कर दिए थे। 

 

 

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