बच्चों की गर्मियों की छुट्टियां चल रही हैं और अगर आप भी इन्हें इंट्रेस्टिंग बनाना चाहती हैं तो बच्चों के साथ एक ट्रिप जरूर प्लान करें। जाहिर है गर्मियां चल रही हैं तो आप के जहन में किसी हिलस्टेशन में छुट्टियां बिताने का ही खयाल आया होगा। मगर हिलस्टेशन के अलावा आप बच्चों की छुट्टियां इस बार जंगलों में जाकर भी बिता सकती हैं। जी हां, गर्मियां ऐसा वक्त होता है जब जंगलों में जंगली जानवर सहूलियत से नजर आ जाते हैं। इस वक्त जंगल सफारी करने का अपना ही एक अलग मजा होता है। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आप किन-किन जंगलों में जंगल सफारी कर बच्चों की छुट्टियों को एडवेंचरस बना सकती हैं।
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यह भारत का सबसे महत्वपूर्ण पार्क है। नैनीताल से सटे हुए रामनगर में बिखरे जंगलों में बने इस नेशनल पार्क में हाथी, चीता, बाघ, हिरण जैसे जंगली वन्य प्राणी रहते हैं। इसके साथ ही इस जंगल में आपको 580 प्रकार के पक्षियों को देखने का भी मौका मिलेगा। इस जंगल में कई स्थलों पर भालू के होने निशान भी पाए गए हैं। यहां पर हिमालियन ब्लैक भालू ऊँची पहाडि़यों पर रहते हैं। यह जंगी प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर है। जहां एक तरफ ऊँचे पहाड़ पर लहराते हरे भरे पेड़ जंगल के सौंदर्य को बढ़ाते हैं वहीं जंगल के बीचों बीच से बहने वाली नदी राम गंगा इस सौंदर्य में चार-चांद लगा देती है। इस नदी में मगरमच्छ और घडि़याल भी पाय जाते हैं। इस जंगल में आपको रहने के लिए बहुत सारे रिजॉर्ट मिल जाएंगे। मगर आप को जंगल सफारी करनी है तो ढिकाला में बने रिजॉर्ट में रहें। इसके अलावा यहां कई रिजॉर्ट बने हैं। यहां डे और नाइट दोनों तरह की सफारी कराई जाती हैं। अगर आप थोड़ी डेयरिंग नेचर की हैं तो आप हाथी पर बैठ कर भी जंगल सफारी कर सकती हैं। मगर हाथी पर बैठ कर टाइगर ट्रैकिंग जोन पर नहीं जाया जा सकता। इस लिए आप को सफारी के लिए जीप ही करनी चाहिए।
अगर आप वाइल्ड लाइफ लवर हैं तो आप राजस्थान स्थित सवई माधोपुर में बने रणथंबौर नेशनल पार्क भी जा सकती हैं। यह जंगल भी चीतों, बाघों और हिरणों के लिए फेमस है। यहां आपको आसानी से बाघ देखने को मिल जाएंगे। इसके साथ आपको कई हिस्टॉरिकल प्वॉइंट्स भी यहां पर देखने को मिलेंगे क्योंकि स्वतंत्रता से पहले इस जगह राजा जानवरों के शिकार के लिए आया करते थे। यहां आज भी कई ऐसे इतिहासिक चिन्ह देखने को मिलते हैं जैसे- राजा कहां पर चढ़ कर जानवरों को शिकार करते थे और शिकार के दौरान वह रहते कहां थे। वैसे इस स्थान जयपुर 180 किलोमीटर और दिल्ली 370 किलोमीटर की दूरी पर है। अगर आप चाहें तो अपने बच्चे को इन दोनों जगह की सैर भी करा सकती हैं। 500 sq किलोमीटर में यह फैले हुए इस जंगल में जंगली जानवरों के साथ ही कई पक्षी भी हैं। आप यहां आकर उन्हें भी देखने का आनंद उठा सकती हैं।
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हेमिस नेशनल पार्क लद्दाख में हैं और यह भारत का सबसे ऊँचाई पर बना नैशनल पार्क है। यहां बर्फ के अलावा कई जंगली जानवर जैसे बाघ, स्नो बीयर, रेड फॉक्स, भेड्रिए, हिरण और लंगूर बंदर देखने को मिलते हैं। यह नेशनल पार्क सिंधु नदी के तट पर बना हुआ है और समुद्र स्तर से 3300 - 6000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस पार्क का नाम हेमिस एक प्रसिद्ध बौद्ध मठ के नाम पर पड़ा है। यह साउथ एशिया का दूसरा सबसे बड़ा नेशनल पार्क है। हेमिस में 16 विभिन्न प्रजातियों के स्तनधारी जीव और 70 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं। वैसे तो इस नेशनल पार्क को किसी भी मौसम में विजिट किया जा सकता है मगर जून एंड से लेकर अक्टूबर के बीच यहां आना ज्यादा अच्छा होता है।
अगर आप इस समर विकेशन बच्चों को साउथ इंडिया घुमाना चाहते हैं तो कर्नाटक के काबिनी फॉरेस्ट रिर्जव जाना एक अच्छा ऑप्शन होगा। यह स्थान बंगलूरू से केवल 163 किलोमीटर की दूरी पर है। इस जगह के नाम काबिनी यहां पर बहने वाली नदी काबिनी पर पड़ा है। काबिनी वन रिजर्व 55 एकड़ जमीन पर फैला है। यहां पर घने जंगलों में हरी भरी पहाडि़यां और झीलें देखने कों मिलेंगी। इन जंगलों में आपको विशेष रूप से हाथी देखने को मिलेंगे। यहां आप हाथी पर बैठ कर जंगल सफारी का भी मजा ले सकती हैं। यहां पर रहने के लिए बहुत अच्छे रिजॉर्ट बने हैं।
अगर नेचर लवर हैं और आपको एडवेंचर करना भी अच्छा लगता है तो बांदीपुर नेशनल पार्क आपके लिए एक पर्फेक्ट प्लेस है। यहां आपको प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ चीते, जंगली कुत्ते, हिरण और हाथी भी देखने को मिलेंगे। 800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए इस पार्क को 1931 में मैसूर के महाराजा ने स्थापित किया था, जो उस समय 90 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में था। 1941 में इस पार्क नाम वेनुगोपाला नेशनल पार्क रखा गया जो उस क्षेत्र के प्रमुख देवता के नाम पर आधारित था। यह पार्क नागुर, कबिनी और मोयर तीन नदियों से घिरा हुआ है।
Image Credit : herzindagi
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