ज़रा सोचिए आप पहाड़ों की सैर कर रहे हैं, घूमते हुए प्रकृति की गोद में मौजूद खूबसूरती को न सिर्फ देख सकते हैं बल्कि महसूस भी कर सकते हैं। अपने इस अद्भुत अंदाज़ में आप अलमोड़ा की पहाड़ियों में मस्ती करते और गीत गुनगुनाते हुए घूम रहे हैं और अचानक आपके सामने 1000 साल पुराना सूर्य मंदिर आ जाए तो कैसा लगेगा। ये अलौकिक और अद्भुत एक्सपीरियंस आपको अलमोड़ा उत्तराखंड के कटारमल सूर्य मंदिर में मिलेगा।
इस सूर्य मंदिर की दिशा हर सूर्य मंदिर की तरह पूर्व में है जिससे आपको उगते हुए सूरज की खूबसूरती देखने को मिलती है। उगते सूरज की किरणें जब इस मंदिर पर पड़ती हैं तो आलौकिक सुंदरता दिखती है। पहाड़ों के बीच मौजूद इस सूर्य मंदिर तक पहुंचना मुश्किल नहीं है और ये काफी प्रसिद्ध मंदिर भी है। आज हम आपको इसी मंदिर के बारे में डिटेल्स बताने जा रहे हैं।
1000 साल पुराना है ये मंदिर-
कटारमल सूर्य मंदिर 9वीं सदी में बनाया गया था। इसे कट्युरी राजा काटरमल्ला ने बनाया था और तब से लेकर अभी तक ये ऐसे ही अपना शौर्य बिखेर रहा है। इसकी पूरी दिशा और आर्किटेक्चर सब कुछ उसी समय के हिसाब से बनाया गया है। ये मंदिर समुद्र तल से 2116 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है और अलमोड़ा शहर से ये मंदिर 19 किलोमीटर की दूरी पर है। हालांकि, यहां जाना आसान है, लेकिन बेहतर होगा कि आप मौसम का ध्यान रखते हुए पूरे दिन का प्लान बनाकर यहां जाएं।
इसे जरूर पढ़ें- एशिया का सबसे साफ गांव है भारत में, पेड़ों से बने ब्रिज और डस्टबीन का इस्तेमाल करते हैं लोग
क्या खास है इस सूर्य मंदिर में-
प्राचीन मंदिर होने के साथ-साथ इस मंदिर में मुख्य सूर्य मंदिर के अलावा उसे घेरते हुए 44 अन्य छोटे-छोटे मंदिर बनाए गए हैं। इसे बड़ादित्य मंदिर भी कहा जाता है। अन्य मंदिरों में शिव, पार्वती, लक्ष्मीनारायण आदि भगवानों की मूर्तियां स्थापित की गई हैं।
मंदिर के दरवाज़े लकड़ी के बने हुए हैं और उन्हें दिल्ली नेशनल म्यूजियम में ट्रांसफर कर दिया गया था। दरअसल, यहां से 10वीं सदी की एक मूर्ति चोरी हो गई थी उसके बाद ही असली दरवाज़ों और ऐसी चीज़ों को दिल्ली स्थित म्यूजिम में भेज दिया गया।
इसके अलावा, इस मंदिर में अन्य नक्काशियां और पेंटिंग्स आदि मौजूद हैं जो आप दीवारों पर देख सकते हैं।
क्या यहां जाने के लिए लगती है फीस?
नहीं यहां जाने के लिए आपको फीस देने की कोई जरूरत नहीं है, किसी तरह की कोई एंट्री टिकट यहां नहीं लगती है और यहां एक्सप्लोर करने के लिए आपको 3 घंटे का समय लगभग लगेगा।
इसे जरूर पढ़ें- क्या आप जानते हैं राजस्थान के करणी माता मंदिर से जुड़े ये रोचक तथ्य
किस समय यहां जाना सबसे अच्छा माना जाता है?
यहां सूर्योदय के समय जाना ही सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्योदय के समय ही यहां पर बहुत ही खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलता है। सूरज की पहली किरण के साथ ही इस मंदिर में रौशनी आ जाती है और पूरा मंदिर जगमगा उठता है। ये नज़ारा यकीनन बहुत ही खूबसूरत होता है और अगर आप सुबह जल्दी इस मंदिर की तरफ जाते हैं तो आस-पास के ट्रेकिंग ट्रेल्स भी कवर कर सकते हैं।
Recommended Video
ये सूर्य मंदिर बहुत ही अनोखा है और आप अपनी अगली ट्रिप के लिए यहां जाना प्लान कर सकते हैं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों