जब ठंड का मौसम आता है तो अधिकतर लड़कियां सनस्क्रीन को अप्लाई करना जरूरी नहीं समझतीं। गर्मी के मौसम में तो सनस्क्रीन को स्किन केयर एंसेशियल माना जाता है, लेकिन सर्दियों में इसे लगाना उतना अहम् नहीं माना जाता। हालांकि ठंड के मौसम में भी सूरज की यूवी किरणें आपकी स्किन को नुकसान पहुंचा सकती हैं और इससे आपको डल स्किन से लेकर अनइवन स्किन टोन व अन्य कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। एसपीएफ़ पहनने से न केवल आप धूप से अपनी स्किन को बचा पाती हैं, बल्कि इससे त्वचा की उम्र बढ़ने के निशान जैसे कि महीन रेखाएँ, काले धब्बे और झुर्रियाँ भी दूर होती हैं। यह तो हम सभी जानते हैं कि स्किन के लिए सनस्क्रीन बेहद आवश्यक है, लेकिन आज के समय में जब मार्केट में कई ब्रांड के अलग-अलग सनस्क्रीन मौजूद हैं तो ऐसे में सही सनस्क्रीन को चुनना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको ठंड के मौसम में सनस्क्रीन खरीदते समय या फिर अप्लाई करते समय ध्यान में रखना चाहिए-
एसपीएफ रेटिंग

प्रत्येक सनस्क्रीन में एक कारक एसपीएफ शामिल होता है जो यूवीबी किरणों को ब्लॉक करता है। यह यूवीबी किरणें ही सनबर्न का कारण बनती हैं। यह एसपीएफ नंबर आपको बताता है कि प्रॉडक्ट लगाने के बाद यह कितनी देर तक आपकी स्किन को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाएगा। वैसे सूरज के स्किन की अधिकतम रक्षा के लिए हमेशा एसपीएफ़ 30 और इससे अधिकक एसपीएफ सनस्क्रीन का उपयोग करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह सूरज की यूवी किरणों के 97 प्रतिशत को रोक सकता है और बहुत अधिक सुरक्षित है। हालांकि आपको यह भी याद रखना चाहिए कि कोई भी सनस्क्रीन हानिकारक यूवी किरणों से 100 प्रतिशत सुरक्षा नहीं दे सकती है।
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फिजिकल और केमिकल सनस्क्रीन

मार्केट में मिलने वाले सनस्क्रीन आमतौर पर दो तरह के सनस्क्रीन होते हैं। फिजिकल सनस्क्रीन में जिंक ऑक्साइड या टाइटेनियम डाइऑक्साइड जैसे प्राकृतिक खनिजों का उपयोग किया जाता है। जबकि रासायनिक सनस्क्रीन में बेमोट्रीज़िनॉल, एवोबेनज़ोन और बिस्कोटिज़ोल जैसे रासायनिक यौगिकों का उपयोग किया जाता है, हालांकि यह एक व्यापक स्पेक्ट्रम संरक्षण प्रदान करते हैं। बच्चों के लिए व सेंसेटिव स्किन की महिलाओं के लिए फिजिकल सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना अधिक बेहतर माना जाता है।
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ब्रॉड-स्पेक्ट्रम

यह सभी प्रकार की पराबैंगनी किरणों से खुद को बचाने के लिए आवश्यक है जो सूर्य द्वारा उत्सर्जित होती हैं। एक ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन पराबैंगनी ए (यूवीए) और पराबैंगनी बी (यूवीबी) के खिलाफ एक ढाल बनाने में मदद करता है जो सनबर्न, उम्र बढ़ने की त्वचा और कैंसर का प्रमुख कारण हैं।
स्किन टाइप पर जरूर दें ध्यान

जब आप सनस्क्रीन को चुन रही हैं तो यह बेहद आवश्यक है कि आप अपनी स्किन टाइप पर भी जरूर फोकस करें। इससे आपके लिए अधिक उपयुक्त सनस्क्रीन खरीदना आसान हो जाएगा। उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी स्किन ड्राई है तो ऐसे में आप ग्लिसरीन, लैनोलिन, ऑयल व एलोवेरा जैसे अवयव युक्त सनस्क्रीन चुनें, क्योंकि यह आपकी स्किन को हाइड्रेट भी करते हैं। तैलीय त्वचा के लिए, हल्के और गैर-चिकना जेल सनस्क्रीन सबसे अच्छा काम करते हैं। संवेदनशील त्वचा के लिए, खुशबू से मुक्त शारीरिक सनस्क्रीन जादू की तरह काम करता है और इस तरह के सनस्क्रीन से त्वचा को किसी तरह की परेशानी नहीं होती।
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Image Credit: freepik
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