चेहरे पर डार्क स्पॉट्स होना तो आम बात है,लेकिन उन्हें मेकअप से छिपाने के लिए आपको कलर करेक्टर इस्तेमाल करने की मदद लेनी पड़ती है। डार्क स्पॉट्स के लिए दो तरह के कलर करेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें से एक ऑरेंज कलर का होता है और दूसरा पीच।
काफी महिलाएं नहीं जानती कि अपनी स्किन टोन के हिसाब से डार्क स्पॉट्स को छिपाने के लिए कौन से कलर करेक्टर का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आप भी उन्हीं महिलाओं में से एक हैं, तो ये आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें।
अपनी अंडरटोन को पहचानें
इंटरनेट की मदद लेकर मेकअप तो है हर महिला कर ही लेती हैं। लेकिन आप अगर सही तरीके के साथ मेकअप करेंगी, तो यह आपकी खूबसूरती पर चार चांद लगा देगा। उसी तरह डार्क स्पॉट्स के लिए अंडरटोन को समझना बेहद जरूरी होता है। इसके लिए आप किसी मेकअप एक्सपर्ट की मदद भी ले सकती हैं।
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लाइट कलर की स्किन वालों के लिए
अगर आपकी अंडरटोन पिंक कलर में हैं तोआपकोपीच कलर करेक्टरकाइस्तेमाल करना चाहिए। पीच कलर करेक्टर पिगमेंटेशन के साथ-साथ सूरज की किरणों के कारणचेहरे पर होने वालेडार्क स्पॉट्स को भी छिपाने में मदद करता है।
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वार्म टोन वालों के लिए
अगर आपकी स्किन टोन न्यूट्रल या वार्म है, तो आपको ऑरेंज कलर करेक्टर का इस्तेमाल करना चाहिए। ऑरेंज कलर करेक्टर का इस्तेमाल चोट के निशान को छिपाने के लिए किया जाता है। साथ ही अगर आपकी आंखों के नीचे मौजूद डार्क सर्कल्स के निशान ज्यादा गहरे हैं, तो आप इसे ऑरेंज कलर करेक्टर की सहायता से बेहद आसानी से छिपा सकती हैं। ध्यान रहें की आप ऑरेंज कलर करेक्टर को कम मात्रा में ही इस्तेमाल करें।
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