मानसून में कीचड़, पानी से भरी गलियां, नमी वाले वातावरण और सीलन में पैरों को काफी झेलना पड़ता है। यहां तक कि जूतों की चिपचिपाहट के कारण पैरों में दाद, खाज, खुजली और लाल चकत्ते भी पड़ जाते हैं। लेकिन आप परेशान ना हो क्योंकि इस समस्या से बचने के लिए आपको पार्लर जाने की जरूरत नहीं, घर में ही कुछ उपायों को अपनाकर आप इस समस्या से बच सकती हैं। इस बारे में हमें सौंदर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन बता रही हैं।
ब्यूटी एक्सपर्ट शहनाज हुसैन के अनुसार, ''मानसून में पैरों की देखभाल की आवश्यकता ज्यादा होती है। आप कुछ साधारण सावधानियों तथा आयुर्वेदिक उपचारों से पांव तथा उंगलियों में इंफेक्शन से होने वाले रोगों से बच सकती हैं।'' मानसून के मौसम में अत्याधिक नमी और पसीने की समस्या आम देखने में मिलती है। इस मौसम में पैरों के इर्द-गिर्द के हिस्से में इंफेक्शन पैदा होता है, जिससे बदबू आने लगती है। हर्बल क्वीन के नाम से मशहूर शहनाज ने कहा कि ''पसीने के साथ निकलने वाले गंदे द्रव्यों को प्रतिदिन धोकर साफ करना जरूरी होता है, ताकि बदबू को रोका जा सके और पैर ताजगी तथा स्वच्छता का एहसास कर सकें।''
बरसात के मौसम में पैरों की देखभाल
उन्होंने यह भी कहा कि ''सुबह नहाते समय पैरों की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पैरों को धोने के बाद उन्हें अच्छी तरह सूखने दें तथा उसके बाद पैरों की उंगलियों के बीच टेलकम पाउडर का छिड़काव करें।'' शहनाज ने कहा कि ''अगर आप बंद जूते पहनते हैं तो जूतों के अंदर टेलकम पाउडर का छिड़काव कीजिए। बरसात के मौसम के दौरान स्लिपर तथा खुले सैंडिल पहनना ज्यादा उपयोगी होता है, क्योंकि इससे पांवों में हवा लगती रहती है तथा पसीने को सूखने में भी हेल्प मिलती है, लेकिन खुले फुटवियर की वजह से पैरों पर गंदगी तथा धूल जम जाती है, जिससे पैरों की स्वच्छता पर असर पड़ता है।''
फंगस इंफेक्शन से बचाव
शहनाज ने कहा कि दिनभर की थकान के बाद घर पहुंचने पर ठंडे पानी में थोड़ा सा नमक डालकर पांवों को अच्छी तरह भिगोइए तथा उसके बाद पांवों को खुले स्थान में सूखने दीजिए। बरसात के गर्म और नमी भरे मौसम में पांवों की गीली स्किन की वजह से 'एथलीट फूट' नामक बीमारी पांवों को घेर लेती है। उन्होंने कहा कि अगर प्रारंभिक तौर पर इसकी उपेक्षा हो तो यह पांवों में दाद, खाज, खुजली जैसी गंभीर परेशानियों का कारण बन जाती है। यह बीमारी फंगल इंफेक्शन की वजह से पैदा होती है। इसलिए अगर उंगलियों में तेज खारिश पैदा हो रही हो, तो तत्काल स्किन एक्सपर्ट से सलाह लीजिए।
मानसून में पैरों की देखभाल के लिए घरेलू उपचार
ड्राइनेस फूट केयर : 1 बाल्टी के चौथाई हिस्से तक ठंडा पानी भर लीजिए और इस पानी में 2 चम्मच शहद 1 चम्मच हर्बल शैम्पू, 1 चम्मच बादाम तेल मिलाकर इस मिश्रण में 20 मिनट तक पांव भिगोइए तथा बाद में पांव को ताजे साफ पानी से धोकर सुखा लीजिए।
फूट सोक : बाल्टी में 1 चौथाई गर्म पानी, आधा कप खुरखुरा नमक, 10 बूंदे नीबू रस या संतरे का सुंगधित तेल डालिए। अगर आपके पांव में ज्यादा पसीना निकलता है तो कुछ बूंदें टी-ऑयल को मिला लीजिए, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया मौजूद होते हैं तथा यह पैर की बदबू को दूर करने में हेल्प करती है। इस मिश्रण में 10-15 मिनट तक पैरों को भिगोकर बाद में ड्राई कर लीजिए।
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फूट लोशन : 3 चम्मच गुलाब जल, 2 चम्मच नींबू जूस तथा 1 चम्मच शुद्ध ग्लिसरीन का मिश्रण तैयार करके इसे पांव पर आधा घंटा तक लगाने के बाद पांव को ताजे साफ पानी से धोने के बाद सुखा लीजिए।
कुलिंग मसाज ऑयल : 100 मिली लीटर ऑलिव ऑयल, 2 बूंद नीलगरी तेल, 2 चम्मच रोजमेरी तेल, 3 चम्मच खस या गुलाब का तेल मिलाकर इस मिश्रण को एयरटाइट गिलास जार में डाल लीजिए। इस मिश्रण को प्रतिदिन पांव की मसाज में प्रयोग कीजिए। इससे पैरों को ठंडक मिलेगी और यह स्किन को सुरक्षा प्रदान करके इसे हेल्दी रखेगा।
इन उपायों की हेल्प से आप घर में ही अपने पैरों की देखभाल कर सकती हैं।
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