शमी का पौधा हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है और इसका बहुत ज्यादा शार्मिक महत्व है। घर में शमी का पौधा लगाना और उसकी नियमित रूप से पूजा करना बहुत शुभ होता है। इस पौधे को शनि देव का पसंदीदा पौधा माना जाता है और इसकी पत्तियां भगवान शिव पर चढ़ाने से उनका आशीर्वाद मिलता है। शमी का पेड़ जिसे बन्नी का पेड़ भी कहा जाता है इसे घर में लगाने से किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सकता है।
मुख्य रूप से शनिवार के दिन और दशहरा पर्व के दिन इस पौधे की पूजा का विशेष लाभ मिलता है। ऐसे में कई लोग यह सोचते हैं कि क्या गमले में शमी का पेड़ लगाना उचित है। आइए वास्तु विशेषज्ञ डॉ मधु कोटिया से जानें इसके बारे में विस्तार से।
हिंदू संस्कृति में शमी के पौधे का महत्व
शमी का पौधा हिंदू पौराणिक कथाओं और अनुष्ठानों में एक विशेष स्थान रखता है। ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान अपने हथियार शमी के पेड़ में छुपाए थे और उन्होंने उन्हें कुरुक्षेत्र के युद्ध से पहले पुनः प्राप्त कर लिया था।
इस पेड़ को साहस, शक्ति और जीत का प्रतीक माना जाता है। इसके अतिरिक्त, यह पौधा भगवान शिव से जुड़ा हुआ माना जाता है और उनका आशीर्वाद पाने के लिए इसकी पूजा की जाती है। मान्यता है कि शमी का पेड़ लगाने से घर में समृद्धि आती है और घर से बुराई दूर होती है। इस पौधे से ग्रहों की स्थिति मुख्य रूप से शनि के हानिकारक प्रभावों को दूर करने में भी मदद मिलती है।
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क्या शमी का पौधा गमले में लगाना ठीक है?
यदि हम वास्तु की मानें तो इस पौधे को गमले या खुली जमीन किसी भी स्थान पर लगाया जा सकता है। शमी के पौधे को घर के मुख्य द्वार पर लगाना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। इसलिए यदि आप शमी का पौधागमले में लगा रहे हैं तो इसे घर के मुख्य द्वार पर रखने से आपके घर में शुभ प्रभाव होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसका संबंध शनिदेव से है। यह नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित कर सकता है और उसे घर में प्रवेश करने से रोक सकता है।
इसे मुख्य द्वार से बाहर निकलते समय बाईं तरफ गमले में लगाना चाहिए। अगर आप इसे खुली जमीन पर लगा रहे हैं तो ध्यान रखें कि आप इसे घर के मुख्य द्वार से थोड़ी दूरी पर लगाना चाहिए। आजकल अपार्टमेंट वाले घरों की संख्या ज्यादा बढ़ गयी है, ऐसे में शमी को गमले में रखना ही शुभ होता है। यदि आप शमी का पौधा घर में लगाएं तो उसे वास्तु नियम से ही लगाना चाहिए।
घर में शमी का पौधा लगाने के वास्तु लाभ
यदि आप शमी का पौधा घर में लगाती हैं तो यह सकारात्मक ऊर्जा उत्सर्जित करता है और एक शांत और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने में मदद कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि यह घर को नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी शक्तियों से बचाता है।
ऐसा कहा जाता है कि शमी का पेड़ शनि के अशुभ प्रभाव को कम करता है और घर में स्थिरता और शांति लाता है। जिस घर में यह पौधा लगा होता है उस घर में आपसी झगड़े नहीं होते हैं और चारों तरफ सामंजस्य का वातावरण बना रहता है।
शमी का पौधा गमले में लगाते समय ध्यान रखें ये बातें
- शमी का पौधा अपने सही आकार में बढ़कर काफी बड़ा हो जाता है, इसलिए आपको शमी का पौधा लगाने के लिए ऐसा गमला चुनना चाहिए जो आकार में थोड़ा बड़ा हो।
- बड़े गमले में यह पौधा अच्छी तरह से फलता है और आपके जीवन में इससे खुशहाली बनी रहती है। एक बड़ा, गहरा गमला यह सुनिश्चित करता है कि इस पेड़ के पास एक मजबूत जड़ प्रणाली विकसित करने के लिए पर्याप्त जगह हो।
- इस पौधे को सूखने से बचाने के लिए आपको इसके लिए पोषक तत्वों से भरपूर अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का उपयोग करना चाहिए।
- शमी के पेड़ को पनपने के लिए भरपूर सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है। गमले को ऐसे स्थान पर रखें जहां उसे दिन में अच्छी धूप मिले।
- शमी का पौधा सूखना शुभ नहीं माना जाता है, इलसिए इसे नियमित रूप से सही समय पर जल दें और इसे सूखने से बचाएं।
- इस पौधे की सही देखभाल जरूरी है इसलिए यदि इसकी कुछ पत्तियां सूख रही हैं तो उन्हें तुरंत हटा दें, जिससे ये पौधा अच्छी तरह से बढ़ सके।
गमले में शमी का पौधा लगाने के लिए वास्तु दिशा निर्देश
- वास्तु के अनुसार, शमी के पेड़ का आदर्श स्थान आपके घर की पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में होता है। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान ऊर्जा प्रवाह को संतुलित करता है और समृद्धि लाता है।
- सुनिश्चित करें कि गमले में लगे शमी वृक्ष के आसपास का क्षेत्र साफ और अव्यवस्था मुक्त हो। किसी भी तरह की अव्यवस्था सकारात्मक ऊर्जा को अवरुद्ध कर सकती है और इस पौधे के लाभकारी प्रभाव को कम कर सकती है।
- गमले में लगे शमी के पौधे की नियमित पूजा करें जिससे इसके सकारात्मक प्रभाव बढ़ सकते हैं। आप सम्मान और श्रद्धा के प्रतीक के रूप में पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जला कर रखें।
- आस-पास कांटेदार पौधे लगाने से बचें। हालांकि शमी का पौधा स्वयं कांटेदार होता है, लेकिन वास्तु इसके आसपास अन्य कांटेदार पौधे न लगाने की सलाह देता है, क्योंकि वे नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं।
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