मेष वार्षिक राशिफल
Mar 21 - Apr 19- पिछला वार्षिक
- वार्षिक
2025 का वर्ष मेष राशि वालों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। यह साल जीवन में कई बदलाव और चुनौतियां प्रस्तुत करेगा। शनि की नीच दृष्टि और शनि-साढ़े साती के प्रभाव से तनाव, मानसिक उलझन, शारीरिक समस्याएं और आर्थिक चुनौतियां सामने आ सकती हैं। हालांकि, धैर्य और सही उपाय अपनाने से इन समस्याओं से राहत संभव है। आइए, इस वर्ष के प्रमुख पहलुओं को विस्तार से समझते हैं।
प्रेम और विवाह
वर्ष की शुरुआत से 29 मार्च तक शनि की नीच दृष्टि के कारण प्रेम और वैवाहिक जीवन में तनाव उत्पन्न हो सकता है। रिश्तों में असमंजस और मतभेद देखने को मिल सकते हैं। इस समय भावनाओं और विचारों को समझने और संतुलन बनाने की आवश्यकता होगी। मार्च के बाद स्थिति में सुधार होगा, लेकिन साल भर छोटे-मोटे मुद्दे सामने आ सकते हैं। वैवाहिक जीवन में भी साथी के साथ मतभेद संभव हैं। जिनका विवाह तय हो रहा है, उन्हें अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, वर्ष के अंत तक स्थितियां अनुकूल हो सकती हैं।
वित्तीय स्थिति
आर्थिक दृष्टि से यह वर्ष चुनौतीपूर्ण रहेगा। 20 जनवरी तक शनि और स्वामी ग्रह के वक्री होने से वित्तीय अस्थिरता और अनावश्यक खर्चों का सामना करना पड़ सकता है। 3 अप्रैल से 6 जून के बीच मंगल के नीच संचार के कारण आर्थिक संकट गहरा सकता है। इस दौरान बड़े निवेश से बचना और फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखना जरूरी है। 6 जून से 27 जुलाई के बीच शनि और मंगल का षडाष्टक संबंध खर्चों को बढ़ा सकता है। 27 अक्टूबर से 6 दिसंबर के बीच आर्थिक समस्याएं गंभीर हो सकती हैं। बेहतर होगा कि अपनी वित्तीय योजनाओं की समीक्षा करें और सोच-समझकर निर्णय लें।
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के लिहाज से यह साल मिश्रित रहेगा। राहु के प्रभाव से वर्ष की शुरुआत में मानसिक तनाव, अनिद्रा और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। 3 अप्रैल से 6 जून तक मंगल के नीच संचार के कारण शारीरिक कमजोरी और चोट लगने की संभावना है। 6 जून से 27 जुलाई के बीच मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर दबाव बढ़ सकता है। 27 अक्टूबर से 6 दिसंबर के बीच स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। योग, ध्यान और संतुलित आहार को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना स्वास्थ्य सुधार के लिए लाभकारी रहेगा।
परिवार और घरेलू जीवन
पारिवारिक जीवन में सहयोग और प्रेम बना रहेगा, लेकिन समय-समय पर कुछ विवाद या असहमति हो सकती है। परिवार के सदस्यों के साथ सामंजस्य बनाकर चलना आवश्यक होगा। जीवनसाथी के साथ संवाद में स्पष्टता और सहनशीलता बनाए रखें। बच्चों की शिक्षा और उनके भविष्य को लेकर थोड़ी चिंता हो सकती है, लेकिन आपके प्रयास सकारात्मक परिणाम लाएंगे।
उपाय
हनुमान जी की पूजा: शुक्ल पक्ष के मंगलवार से 21 मंगलवार तक व्रत रखें। प्रातः और सायं श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में सिन्दूर, नारियल और मिष्ठान चढ़ाएं।
शनि देव का पूजन: 29 मार्च के बाद प्रत्येक शनिवार सरसों के तेल में अपना मुख देखकर शनि के बीज मंत्र का जाप करें –
"ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः"
शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें।