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आखिर क्यों अर्थी उठने के तुरंत बाद नहीं उठाने चाहिए फूल और लगाना चाहिए झाड़ू?

जब किसी की मृत्यु होती है, तो उसके शव को परिवार के बीच रखा जाता है, ताकि लोग जाने वाले का सत्कार कर सकें। आने-जाने वाले लोग शव पर फूल चढ़ाकर सांत्वना चढ़ाते हैं, लेकिन आपको पता है कि अर्थी उठाने के बाद इन फूलों को तुरंत नहीं उठाना चाहिए। ऐसे मौके पर तुरंत झाड़ू लगाना भी गलत माना जाता है, लेकिन ऐसा क्यों है, आइए जानें।
Editorial
Updated:- 2025-06-13, 18:27 IST

मृत्यु अटल सत्य है और इसलिए इससे जुड़ी रीतियों और प्रथाओं को भी अहम माना जाता है। जन्म की तरह मृत्यु से जुड़े रिवाजों को भी मानना बेहद जरूरी है। यही कारण है कि हमारे शास्त्रों में मृत्यु के बाद होने वाले कर्मों का वर्णन किया गया है। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो उसके पार्थिव शरीर को विदा करने से पहले आंगन में रखा जाता है और उसे स्नान करवाकर नए कपड़े पहनाए जाते हैं। पार्थिव शरीर का आखिरी बार सत्कार करते हैं।

अर्थी को विदा करने से पहले उन्हें फूल और माला चढ़ाई जाती है, इससे उनकी आत्मा की शुद्धि भी होती है। जैसे ही अर्थी की विदाई होती है, लोग तुरंत उस जगह की सफाई करने में लग जाते हैं। अर्थी में चढ़ाए गए फूलों को तत्काल उठा दिया जाता है। कई बार लोग झाड़ू लगा देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा नहीं करना चाहिए।

पंडित जनार्दन पंत इससे जुड़ी कुछ रोचक बातें बताते हैं। आइए लेख में विस्तार से जानें कि आखिर अर्थी उठाने के बाद तुरंत फूल क्यों नहीं उठाने चाहिए।

शव का आखिरी सत्कार है जरूरी

dead body cremation ritual

पंडित जनार्दन पंत कहते हैं कि मृत्यु के बाद शव का आखिरी सत्कार, जो अंतिम संस्कार या अंत्येष्टि के रूप में जाना जाता है। यह एक सामाजिक अनुष्ठान है जिसमें मृतक को सम्मान और श्रद्धा के साथ विदाई दी जाती है। यह अनुष्ठान विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों में अलग-अलग होता है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य मृतक की आत्मा को शांति से परलोक की यात्रा करने में मदद करना होता है।

अंतिम संस्कार से पहले, मृतक के शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाता है, ताकि परिवार और मित्र उसे विदाई दे सकें। मृतक के शरीर को पवित्र वस्त्रों से सजाया जाता है और उसे सुगंधित फूलों से सजाया जाता है।

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अर्थी उठने के बाद तुरंत फूल क्यों नहीं उठाने चाहिए?

अर्थी उठने के बाद तुरंत फूल उठाने और झाड़ू लगाने के पीछे धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं। इन फूलों को मृतक के प्रति अंतिम सम्मान के रूप में देखा जाता है। अगर आप तुरंत फूल हटा दें, तो यह उनका तिरस्कार माना जाता है।

ऐसा करने से यह संदेश जा सकता है कि मृतक की यादों और उनके प्रति संवेदनाओं को जल्दी से मिटाया जा रहा है, जो कि उचित नहीं माना जाता है।

वहीं, इन फूलों को अक्सर पवित्र माना जाता है क्योंकि वे अंतिम यात्रा में मृतक के साथ होते हैं। इन फूलों को तुरंत हटाने की बजाय, एक निश्चित समय या विधि का पालन किया जाता है। कुछ परंपराओं में, इन फूलों को बाद में एकत्र करके किसी पवित्र स्थान पर विसर्जित कर दिया जाता है, जैसे कि किसी नदी में या पेड़ के नीचे रखा जाता है।

कुछ लोग इन फूलों को इकट्ठा करते अर्थी के साथ ही ले जाते हैं। यह क्रिया मृतक की आत्मा की शांति और उनके साथ जुड़े हर पहलू के प्रति श्रद्धा और आदर को दर्शाती है।

अर्थी उठने के बाद तुरंत फूलों को न उठाना मृतक के प्रति अंतिम संस्कार की गरिमा, सम्मान और श्रद्धा को बनाए रखने का एक तरीका है।

अर्थी उठने के बाद तुरंत झाड़ू क्यों नहीं लगाना चाहिए?

why should we not broom immediately after dead body

जब कोई व्यक्ति मर जाता है, तो ऐसा माना जाता है कि घर में उसकी आत्मा कुछ समय के लिए वास करती है। अगर आप तुरंत झाड़ू लगा दें, तो इसका अर्थ है कि आप उसे घर से भगा रहे हैं। झाड़ू लगाने के लिए एक शुभ मुहूर्त होता है।

ऐसा माना जाता है कि अर्थी उठने के तुरंत बाद झाड़ू लगाने से वह मुहूर्त नहीं मिलता और इससे दुर्भाग्य आ सकता है। इसलिए आमतौर पर घर को साफ करने के लिए कुछ समय प्रतीक्षा की जाती है, ताकि आत्मा को शांति से जाने का समय मिले और शुभ मुहूर्त का भी ध्यान रखा जा सके।

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भारतीय संस्कृति में मृत्यु को जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नए लोक में प्रवेश माना जाता है। जिस प्रकार हम किसी देवता का पूजन करते समय उन्हें स्नान कराकर स्वच्छ और नए कपड़े पहनाते हैं और फूलों से सजाते हैं, उसी प्रकार परलोक में प्रवेश करने से पहले मृतक को भी नए वस्त्र पहनाए जाते हैं और फूल चढ़ाए जाते हैं। यह क्रिया इस बात का प्रतीक है कि मृतक अब नश्वर शरीर की सीमाओं से परे है।

यह परंपरा न केवल मृतक के प्रति आदर प्रकट करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि परिवार और समाज उनके जाने के बाद भी उनके पवित्र अस्तित्व को स्वीकार करता है। यह एक भावनात्मक विदाई का हिस्सा है, जो मृतक की आत्मा की शांति और उनके आगे की यात्रा के लिए शुभकामनाएं व्यक्त करता है।

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Image Credit: Freepik

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