हमारे शास्त्रों में झाड़ू के लिए कई नियम बताए गए हैं। झाड़ू को घर में रखने के सही स्थान से लेकर शाम को झाड़ू न लगाने जैसी न जाने कितनी बातों का जिक्र हमारे धर्म शास्त्रों में किया जाता है और हम इनका अनुसरण भी सदियों से करते चले आ रहे हैं।
अगर हम इन नियमों की बात करें तो घर के बड़ों से शायद आपने भी कई बार ऐसा सुना होगा कि घर से अगर को बाहर जाए तो तुरंत ही झाड़ू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। वजह कुछ भी हो हम इस बात का पालन सदियों से करते चले आ रहे हैं। दरअसल इसके क्या ज्योतिष कारण हो सकते हैं और इस बात को विस्तार से जानने के लिए हमने शास्त्री विनोद सोनी पोद्दार जी से बात की। आइए उनसे जानते हैं इस बात के पीछे के कारणों के बारे में।
झाड़ू को पवित्र वस्तु माना जाता है। कई संस्कृतियों में झाडू को पवित्रता और स्वच्छता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इसका इस्तेमाल अक्सर धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है। यह माना जाता है कि जब कोई घर से बाहर जाता है तो झाड़ू का उपयोग करना देवताओं या देवआत्माओं का अपमान करने के समान हो सकता है।
इस तरह से लगाई गई झाड़ू घर के सौभाग्य को दूर करती है। मान्यता है कि घर से बाहर निकलने वाला व्यक्ति अपने साथ सौभाग को बाहर लेकर निकलता है जिससे उसे सफलता मिले और उसके बाहर जाते ही झाड़ू लगाने से घर से बचा हुआ सौभाग्य भी दूर हो जाता है।
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धर्म शास्त्रों के अनुसार झाडू का संबंध मृत्यु से भी है। ऐसी मान्यता है कि मृतक के मृत शरीर के घर से बाहर निकलने के बाद घर की शुध्दि के लिए झाड़ू लगाना अनिवार्य माना जाता है। इसी वजह से यदि किसी जीवित व्यक्ति के घर से निकलते ही झाड़ू का इस्तेमाल किया जाता है तो बाहर निकलने वाले व्यक्ति के जीवन में दुर्भाग्य आ सकता है।
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शास्त्री विनोद सोनी पोद्दार जी बताते हैं कि यदि हम धर्म शास्त्रों की बात करें तो यदि कोई भी घर से बाहर निकलता है और उसके बाहर जाते ही हम झाड़ू का इस्तेमाल करते हैं तो यह उस व्यक्ति के तर्पण के समान माना जाता है।
यह इस बात का संकेत देता है कि हम उस व्यक्ति के लिए दुर्भाग्य को न्योता दे रहे हैं। इसका मतलब है कि उसके आने वाले समय में कुछ बुरी घटना भी हो सकती है। यह माना जाता है कि जब घर में किसी की मृत्यु होती है और उसके मृत शरीर को घर से बाहर किया जाता है उस समय झाड़ू (घर में झाड़ू लगाने के नियम)लगानी जरूरी होती है।
अगर आप शास्त्रों की मानने तो घर से किसी भी सदस्य के बाहर जाते ही झाड़ू का इस्तेमाल करने के बजाय आपको कुछ देर के लिए विश्राम करना चाहिए कुछ खाने या पानी पीने के बाद ही घर की सफाई करनी चाहिए।
अगर इस बात के वैज्ञानिक कारणों की बात करें तो इसके पीछे कोई भी विज्ञान नहीं है, लेकिन ऐसा शायद इसलिए कहा जाता है क्योंकि प्राचीन काल में जब भी कोई घर से बाहर जाता था उस समय उसकी अनुपस्थिति में झाड़ू से कोई ऐसी चीज घर से बाहर न चली जाए जो आवश्यक हो।
इसलिए झाड़ू न लगाने की सलाह दी जाती थी, इसके आलावा जब घर से बेटी की विदाई होती थी तब उसके परिवार के लोग परेशान होते थे, ऐसे में ये नियम सिर्फ इसलिए बनाया गया जिससे बेटी की मां को थोड़ा आराम मिले और वो सामान्य महसूस करे। हालांकि विज्ञान के अनुसार इसका कोई ठोस कारण नहीं है।
यदि आप शास्त्रों की मानें तो इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है। हालांकि, आज भी बहुत से लोग अपनी संस्कृति या धर्म के सम्मान और परंपराओं का पालन ही उचित मानते हैं और किसी सदस्य के घर से बाहर जाते ही झाड़ू का इस्तेमाल करने से बचते हैं।
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