ऊंचे पहाड़ों पर ही क्यों है देवी मंदिर, जानें क्या है रहस्य

देवी मंदिरों का ऊंचे पहाड़ों पर स्थापित होना कई धार्मिक, पौराणिक और वैज्ञानिक कारणों से जुड़ा हुआ माना गया है। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 

Why Goddess temple resides only on hill

(goddess temple resides only on hill) देवी आदिशक्ति को पराक्रम की देवी माना जाता है, और ऊंचे पहाड़ उनकी शक्ति और भव्यता का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि शक्तिपीठों में दर्शन करने से भक्तों के पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है। ऊंचे पहाड़ शांत और एकांत वातावरण को दर्शाता है। जो ध्यान और आध्यात्मिक साधना के लिए अनुकूल माने जाते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि सभी शक्तिपीठ ऊंचे पहाड़ों पर ही क्यों स्थित है। इसका रहस्य क्या है और इसे लेकर मान्यताएं क्या हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

देवी मंदिर के ऊंचे पहाड़ों पर होने का वैज्ञानिक कारण

vaishno devi yatra main

ऊंचे पहाड़ों को सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। जिससे सभी भक्तों को ऊर्जा और शांति की प्राप्ति होती है। ऊंचे पहाड़ प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाते हैं। ऊंचे पहाड़ों पर स्थित शक्तिपीठ बहुत दूर होते हैं, जो भक्तों की श्रद्धा और दृढ़ता को दर्शाते हैं। यहां सभी भक्त कठिन तपस्या करके चढ़ाई करते हैं।

देवी मंदिर के ऊंचे पहाड़ों पर होने का पौराणिक कारण

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी दुर्गा ने महिषासुर जैसे राक्षसों से ऊंचे पहाड़ों पर ही युद्ध किया था। वहीं भगवान शिव की पत्नी माता पार्वती को कैलाश पर्वच पर निवास करने वाली माना जाता है। जो ऊंचे स्थान पर ही स्थित है। ऊंचे पहाड़ ध्यान और साधना का प्रतीक माना जाता है। बता दें, असुर ऊंचे पहाड़ों पर रहते थे और शक्तिपीठों की स्थापना उन्हें पराजित करने और धरती पर शांति स्थापित करने के लिए ही की गई थी। इसलिए देवी मंदिर ऊंचे पहाड़ों पर स्थित है।

इसे जरूर पढ़ें - भारत-पाकिस्तान के अलावा इन देशों में स्थित है माता के शक्तिपीठ, दर्शन के लिए हर दिन लगती है भक्तों की भीड़

देवी मंदिर के ऊंचे पहाड़ों होने का धार्मिक कारण

पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में अपने आप को आग में जला दिया था। भगवान शिव ने उनके शव को उठाया और क्रोध में चारों दिशाओं में घूमने लगे थे। जहाँ-जहाँ देवी सती के अंगों के टुकड़े गिरे, वे शक्तिपीठ बन गए। कहा जाता है कि इनमें से कुछ शक्तिपीठ ऊँचे पहाड़ों पर स्थित हैं। ऐसी भी मान्यता है कि जो व्यक्ति कठिन परिश्रम करके ऊंचे पहाड़ों पर देवी मां का दर्शन करने जाते हैं। उन्हें बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।

इसे जरूर पढ़ें - दक्षिण में स्थित इन 4 शक्तिपीठों के जरूर करें दर्शन

देवी मां के कितने मंदिर पहाड़ों पर स्थित है?

pic

भारत में ही सैकड़ों प्रसिद्ध शक्तिपीठ और देवी मंदिर ऊँचे पहाड़ों पर विराजमान हैं।

  • वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू और कश्मीर - यह मंदिर माता वैष्णो देवी को समर्पित है और त्रिकुटा पर्वत पर स्थित है।
  • मां चामुंडेश्वरी मंदिर, मैसूर, कर्नाटक - यह मंदिर चामुंडी पहाड़ी पर स्थित है और देवी चामुंडेश्वरी को समर्पित है।
  • नैना देवी मंदिर, उत्तराखंड - यह मंदिर नैना देवी को समर्पित है और नैना देवी पर्वत पर स्थित है।
  • अंबाजी मंदिर, गुजरात - यह मंदिर अंबाजी देवी को समर्पित है और अरावली पर्वत श्रृंखला में स्थित है।
  • ज्वाला देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश - यह मंदिर ज्वाला देवी को समर्पित है और ज्वालामुखी पर्वत पर स्थित है।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit- Freepik

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP