Hindu Wedding Rituals: विवाह में क्यों लड़की 3 और लड़का 4 ही फेरे लेते हैं?

हिन्दू धर्म में शादी से जुड़े कई महत्वपूर्ण रीति-रिवाज निभाए जाते हैं। इन्हीं रीति-रिवाजों में से एक है विवाह बंधन में बंधने के दौरान अग्नि के फेरे लेने की परंपरा। 

why does woman take three rounds during wedding

Marriage Rituals: हिन्दू धर्म में शादी से जुड़े कई महत्वपूर्ण रीति-रिवाज निभाए जाते हैं।

इन्हीं रीति-रिवाजों में से एक है विवाह बंधन में बंधने के दौरान अग्नि के फेरे लेने की परंपरा।

बिना फेरों के शादी पूर्ण नहीं होती है। इन 7 फेरों को वर-वधु के लिए विभाजित किया गया है।

जहां, लड़का चार फेरे लेता है तो वहीं, लड़की द्वारा तीन फेरे लेने का विधान माना गया है।

अब सवाल यह उठता है कि लड़का-लड़की के लिए आखिर ये संख्या निश्चित क्यों है?

ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें इस बारे में जानकारी देते हुए विस्तार से बताया।

तो चलिए जानते हैं कि क्यों लड़का 4 और लड़की 3 ही फेरे लेती है शादी के दौरान।

सात वचनों से जुड़े हैं सात फेरे

shadi mein ladki kyu leti hai teen phere

  • हिन्दू धर्म शास्त्रों एवं ग्रंथों में सात फेरों का संबंध सात वचनों से बताया गया है।
  • पहला फेर भोजन व्यवस्था के लिए है तो दूसरा शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
  • तीसरा धन प्रबंधन के लिए है तो वहीं, चौथा फेरा आत्मिक सुख के लिए होता है।
  • पांचवां पशुधन संपदा के लिए माना जाता है यानी कि पुण्य (दान और पुण्य में क्या हैं अंतर) कामों के लिए होता है।
  • छ्टे फेरो को हर ऋतुओं में सही रहन-सहन की व्यवस्था से जोड़कर बताया गया है।
  • वहीं, अंतिम सातवां फेरा पत्नी द्वारा पति का आजीवन अनुसरण करने को दर्शाता है।

वचनों के आधार पर बटे फेरे

shadi mein ladka kyu leta hai chaar phere

  • सातों फेरों से जुड़े वचनों पर ध्यान दें तो यह फेरों से जुड़ा गणित समझ में आ जाएगा।
  • पहले के समय में पति (पति से अनबन दूर करने के उपाय) को ही घर चलाने वाला घर का मुखिया-प्रधान माना जाता था।
  • घर के लड़को को ही शक्ति का प्रतीक मानते थे। लड़का घर का आधार होता था।
  • लड़का ही घर के लिए कमा कर लाता था और घर चलाता था। वह घर का स्वामी था।
  • लड़के के माध्यम से आत्मिक सुख ज्यादा प्राप्त होता था। लड़का वंशज माना जाता था।
  • शुरू के चार फेरे इन्हीं चीजों को दर्शाते हैं इसलिए लड़का पहले चार फेरे लेता है।
  • वहीं, बाद के तीन फेरे पुण्य कर्मों, घर की व्यवस्था और पति व्रता होने से जुड़े हैं।
  • इसलिए विवाह में आखिर के तीन फेरे लड़की द्वारा लिए जाने की परंपरा है।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर क्यों हिन्दू शादी में फेरों के दौरान लड़की तीन और लड़का चार ही फेरे क्यों लेता है। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image credit: shutterstock, pinterest

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