Importance of Crow in Pitru Paksh 2023: हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर, दिन शुक्रवार से शुरू हो रहे हैं।
पितृ पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध कर्म, तर्पण और पिंडदान आदि करते हुए कौवों को भोजन कराया जाता है ताकि पितरों को मोक्ष मिले।
ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि आखिर क्यों कौवे को ही माना जाता है पितरों का प्रतीक और क्या है इसका महत्व।
पितृ पक्ष 2023 कौवे ने किया था माता सीता का अपमान
- त्रेता युग में जब श्री राम मात सीता और भ्राता लक्षमण के साथ वनवास के दौरान तपस्या में लीन थे, तब एक कौवा अचानक से वहां आ पहुंचा।
- वो कौवा और कोई नहीं बल्कि देवराज का इंद्र का पुत्र था जो माता सीता (कौन हैं माता सीता के भाई) की परीक्षा लेने पहुंचा थे लेकिन अहंकार के कारण भूल कर बैठा था।
- इंद्र पुत्र ने कौवे का रूप धरा और माता सीता को परेशां करने लगा। तब माता सीता श्री राम के साथ बैठी थीं और उनकी सेवा में व्यस्त थीं।
- जब इंद्र देव क्र पुत्र ने देखा कि माता सीता को श्री राम की सेवा में लीन हैं और उसकी आवाज से सीता माता को कोई परेशानी नहीं हो रही है।
- तब उसने मात सीता के पैर पर चोंच मारना शुरू कर दिया। माता सीता ने पीड़ा सहन करने की ताकि श्री राम का ध्यान कैसे भी भंग न हो।
पितृ पक्ष 2023 श्री राम ने कुव को दिया था भयंकर दंड
- थोड़ी देर में श्री राम का ध्यान पूर्ण हुआ तो उन्होंने माता सीता को कष्ट में देखा। माता सीता के पैर से खून बहता देख वह क्रोधित हो गए।
- श्री राम ने अपना सबसे भयंकर मृत्यु अस्त्र निकाला और कौवे के पीछे छोड़ दिया। इंद्र देव का पुत्र घबराकर देवों के पास रक्षा के लिए भागा।
- हालांकि सभी देवों ने सहायता के लिए मना कर दिया। तब इंद्र देव ने अपने पुत्र को श्री राम की शरण में ही जाने का सुझाव दिया था।
- इसके बाद कौवा रूपी इंद्र पुत्र श्री राम और माता सीता के पास पहुंचा और क्षमा मांगते हुए अपने प्राणों की रक्षा की गुहार लगाने लगा।
पितृ पक्ष 2023 कौवों को मिला श्री राम से दिव्य वरदान
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- मात सीता को दया आ गई और श्री राम ने मात सीता के कहने पर कौवे यानी कि इंद्र के पुत्र को क्षमा कर दिया। साथ ही, वरदान भी दिया।
- श्री राम (श्री राम की मृत्यु कैसे हुई थी) ने इंद्र देव के पुत्र को यह वरदान दिया कि कौवों को अब से पितरों का प्रतीक माना जाएगा। कौवों को अपना हर जन्म याद रहेगा।
- कौवे वो देख सकेंगे जो कोई भी और पशु, पक्षी या मनुष्य साधारण आखों से देखने में असमर्थ होंगे। कौवों के माद्यम से पितरों को मोक्ष मिलेगा।
आप भी यहां इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से जान सकते हैं कि अकहिर क्यों कौवों को ही पितरों का रूप माना जाता है। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: freepik, shutterstock
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