माघ मास की षटतिला एकादशी का धार्मिक महत्व अतुलनीय है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। मान्यता है कि इस दिन की गई भक्ति से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में वैभव प्राप्त होता है। षटतिला एकादशी का व्रत रखने से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि धन-धान्य में भी वृद्धि होती है। आइए ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि जनवरी माह में षटतिला एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।
षटतिला एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?
माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 24 जनवरी, 2025 को शाम 7:25 बजे प्रारंभ होगी। इस तिथि का समापन 25 जनवरी को रात 8:31 बजे होगा। उदया तिथि के आधार पर, षटतिला एकादशी का व्रत 25 जनवरी को रखा जाएगा।
षटतिला एकादशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त के बारे में जान लें। इन दोनों मुहूर्त में आप विधिवत रूप से भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करें।
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05:36 से 06:24 मिनट तक है।
- अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:17 से 01:00 तक है।
षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का महत्व क्या है?
षटतिला एकादशी व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है। षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है। इस व्रत को करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। षटतिला एकादशी का व्रत करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मन की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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षटतिला एकादशी के दिन करें इन मंत्रों का जाप
षटतिला एकादशी के दिन तिल का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा में तिल जरूर चढ़ाएं। इस एकादशी तिथि के दिन मंत्रों का जाप करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
- ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः
- ऊं नारायणाय नमः
- ऊं भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ऊं भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि:
- इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम के साथ-साथ श्रीसुक्त का पाठ जरूर करें।
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Image Credit- HerZindagi
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