Ekadashi January 2025: जनवरी के महीने में कब-कब पड़ेगा एकादशी व्रत, यहां लें शुभ मुहूर्त समेत अन्य जानकारी

हिंदू धर्म में किसी भी एकादशी तिथि का विशेष महत्व है और इसे भगवान विष्णु की पूजा के लिए बहुत शुभ दिन माना जाता है। हर महीने की तरह जनवरी में भी दो विशेष एकादशी तिथियां पड़ेंगी। आइए जानें इनके बारे में विस्तार से।
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जनवरी का महीना हिंदू पंचांग में आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना अलग महत्व होता है। इन्हीं में से एक तिथि है एकादशी। सनातन धर्म में किसी भी एकादशी तिथि का विशेष महत्व है व्रत का विशेष महत्व है, क्योंकि यह व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति का उत्तम साधन माना जाता है।

एकादशी तिथि हर महीने में दो बार आती है। पहली शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। इन सभी एकादशी तिथियों के व्रतों का पालन न केवल आपको आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि समस्त पापों के क्षय और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त करता है। इस साल जनवरी 2025 में भी दो एकादशी तिथियां पड़ेंगी जो बेहद शुभ हैं।

किसी भी एकादशी तिथि पर विष्णु जी का पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है। इन दिनों में विष्णु जी की विशेष पूजा-अर्चना, व्रत और दान का करने का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें जनवरी में कब-कब पड़ेंगी एकादशी तिथियां और इनका धार्मिक महत्व क्या है?

पौष पुत्रदा एकादशी 2025 कब है? (Paush Putrada Ekadashi kab Hai)

paush putrada ekadashi 2025

साल 2025 की पहली एकादशी पौष महीने में पड़ेगी जिसे पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल यह व्रत पौष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन यानी 10 जनवरी, शुक्रवार को रखा जाएगा।

पौष पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त 2025 (Paush Putrada Ekadashi Shubh Muhurat)

पौष माह के शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी का आरंभ- 9 जनवरी 2025, दोपहर 12.22 मिनट से
पौष माह के शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी का समापन- 10 जनवरी 2025, प्रातः 10.19 मिनट पर
पौष पुत्रदा एकादशी पूजा शुभ मुहूर्त - 10 जनवरी प्रातः 8.34 से प्रातः 11.10 तक
पौष पुत्रदा एकादशी 2025 व्रत पारण- पौष पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण 11 जनवरी 2025, शनिवार को प्रातः 07.15 मिनट से प्रातः 8.21 मिनट के बीच

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पौष पुत्रदा एकादशी का महत्व

पौष पुत्रदा एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह व्रत पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। विशेष रूप से यह एकादशी उन दंपतियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत रखने से संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है।

इस व्रत को रखने से संतान की सेहत भी अच्छी बनी रहती है। यही नहीं इस दिन का व्रत करने से संतान के जीवन में सुख-समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इस दिन व्रत करने वाले को पूरे दिन उपवास रखना चाहिए और भगवान विष्णु की कथा सुननी चाहिए। इसके साथ ही, दान-पुण्य और गरीबों को भोजन कराने का भी विशेष महत्व है। जो व्यक्ति इस दिन दान-पुण्य करता है उसे कई कष्टों से मुक्ति मिलती है।

षटतिला एकादशी कब है 2025 (Shattila Ekadashi Kab Hai)

shattila ekadashi

इस साल षटतिला एकादशी 25 जनवरी, शनिवार के दिन पड़ेगी। यह तिथि माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पड़ेगी।

षटतिला एकादशी शुभ मुहूर्त 2025 (Shattila Ekadashi Shubh Muhurat 2025)

पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 08:54 पी एम
षटतिला एकादशी तिथि आरंभ - 24 जनवरी, शुक्रवार, रात्रि 07:25 बजे
षटतिला एकादशी तिथि समापन- 25 जनवरी, शनिवार रात्रि 08:31 बजे
षटतिला एकादशी पारण समय- 26 जनवरी प्रातः 07:24 से प्रातः 09:29 तक

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षटतिला एकादशी का महत्व

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षटतिला एकादशी माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इसका विशेष संबंध तिल और दान से होता है। इस दिन तिल का उपयोग स्नान, पूजा, आहुति, भोजन, दान, और सेवन में किया जाता है, इसलिए इसे षटतिला एकादशी कहा जाता है।धार्मिक मान्यता है कि इस दिन तिल का दान करने और व्रत रखने से पापों का क्षय होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, षटतिला एकादशी का व्रत धन, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है।

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और तिल का दान करना चाहिए। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जो लोग इस दिन तिल का दान करते हैं और इस व्रत का पालन करते हैं, उनके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस दिन तिल से बनी मिठाइयों का सेवन और तिल का उपयोग विभिन्न धार्मिक कार्यों में करना शुभ माना जाता है।

जनवरी के महीने में दो एकादशी तिथियां पड़ेंगीं जिनके पूजन और व्रत का विशेष महत्व है। यदि आप भी इन तिथियों में व्रत करते हैं तो आपके लिए इसकी सही तिथि का ज्यां होना भी जरूरी है।

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images: freepik.com

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