benefits of chanting shiv namavali

सितंबर शुक्र प्रदोष व्रत के दिन करें शिव नामावली का जाप, दुखों का होगा अंत

प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के समय भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन शिव नामावली का जाप करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। 
Editorial
Updated:- 2025-09-03, 17:31 IST

सितंबर 2025 में पहला प्रदोष व्रत 5 सितंबर, शुक्रवार के दिन पड़ रहा है जिसे शुक्र प्रदोष व्रत कहते हैं। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है और इसे करने से भक्तों के जीवन से सभी दुख और परेशानियां दूर होती हैं। प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के समय भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन शिव नामावली का जाप करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं भगवान शिव की नामावली के बारे में बिस्तार से।

शिव नामावली का जाप

शिव नामावली भगवान शिव के 108 पवित्र नामों का एक संग्रह है। इन नामों में भगवान शिव के विभिन्न गुण, रूप और शक्तियों का वर्णन किया गया है। शिव भक्त इन नामों का जाप अपनी पूजा और ध्यान के दौरान करते हैं। माना जाता है कि शिव नामावली का जाप करने से मन शांत होता है, सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है।

bhagwan shiv ki namavali padhne ka mahatva

शिव नामावली जाप के कुछ सामान्य नियम हैं जिनका पालन करना बहुत शुभ माना जाता है। सबसे पहले, जाप शुरू करने से पहले स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहनें। पूजा स्थल को भी स्वच्छ करें। जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि इसे भगवान शिव से जुड़ा माना जाता है।

जाप हमेशा शांत और एकांत जगह पर करें ताकि आपका ध्यान न भटके। आप इसे सुबह या शाम को प्रदोष काल के समय कर सकते हैं, जो विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। जाप करते समय मन को पूरी तरह से भगवान शिव पर केंद्रित करें और हर नाम को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ बोलें। इसके अलावा, जाप करते समय जल्दबाजी न करें, हर नाम का सही उच्चारण करने का प्रयास करें।

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भगवान शिव के 108 नाम

  1. ॐ महाकाल नमः
  2. ॐ रुद्रनाथ नमः
  3. ॐ भीमशंकर नमः
  4. ॐ नटराज नमः
  5. ॐ प्रलेयन्कार नमः
  6. ॐ चंद्रमोली नमः
  7. ॐ डमरूधारी नमः
  8. ॐ चंद्रधारी नमः
  9. ॐ भोलेनाथ नमः
  10. ॐ कैलाश पति नमः
  11. ॐ भूतनाथ नमः
  12. ॐ नंदराज नमः
  13. ॐ नन्दी की सवारी नमः
  14. ॐ ज्योतिलिंग नमः
  15. ॐ मलिकार्जुन नमः
  16. ॐ भीमेश्वर नमः
  17. ॐ विषधारी नमः
  18. ॐ बम भोले नमः
  19. ॐ विश्वनाथ नमः
  20. ॐ अनादिदेव नमः
  21. ॐ उमापति नमः
  22. ॐ गोरापति नमः
  23. ॐ गणपिता नमः
  24. ॐ ओंकार स्वामी नमः
  25. ॐ ओंकारेश्वर नमः
  26. ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
  27. ॐ भोले बाबा नमः
  28. ॐ शिवजी नमः
  29. ॐ शम्भु नमः
  30. ॐ नीलकंठ नमः
  31. ॐ महाकालेश्वर नमः
  32. ॐ त्रिपुरारी नमः
  33. ॐ त्रिलोकनाथ नमः
  34. ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
  35. ॐ बर्फानी बाबा नमः
  36. ॐ लंकेश्वर नमः
  37. ॐ अमरनाथ नमः
  38. ॐ केदारनाथ नमः
  39. ॐ मंगलेश्वर नमः
  40. ॐ अर्धनारीश्वर नमः
  41. ॐ नागार्जुन नमः
  42. ॐ जटाधारी नमः
  43. ॐ नीलेश्वर नमः
  44. ॐ जगतपिता नमः
  45. ॐ मृत्युन्जन नमः
  46. ॐ नागधारी नमः
  47. ॐ रामेश्वर नमः
  48. ॐ गलसर्पमाला नमः
  49. ॐ दीनानाथ नमः
  50. ॐ सोमनाथ नमः
  51. ॐ जोगी नमः
  52. ॐ भंडारी बाबा नमः
  53. ॐ बमलेहरी नमः
  54. ॐ गोरीशंकर नमः
  55. ॐ शिवाकांत नमः
  56. ॐ महेश्वराए नमः
  57. ॐ महेश नमः
  58. ॐ संकटहारी नमः
  59. ॐ महेश्वर नमः
  60. ॐ रुंडमालाधारी नमः
  61. ॐ जगपालनकर्ता नमः
  62. ॐ पशुपति नमः
  63. ॐ संगमेश्वर नमः
  64. ॐ दक्षेश्वर नमः
  65. ॐ घ्रेनश्वर नमः
  66. ॐ मणिमहेश नमः
  67. ॐ अनादी नमः
  68. ॐ अमर नमः
  69. ॐ आशुतोष महाराज नमः
  70. ॐ विलवकेश्वर नमः
  71. ॐ अचलेश्वर नमः
  72. ॐ ओलोकानाथ नमः
  73. ॐ आदिनाथ नमः
  74. ॐ देवदेवेश्वर नमः
  75. ॐ प्राणनाथ नमः
  76. ॐ शिवम् नमः
  77. ॐ महादानी नमः
  78. ॐ शिवदानी नमः
  79. ॐ अभयंकर नमः
  80. ॐ पातालेश्वर नमः
  81. ॐ धूधेश्वर नमः
  82. ॐ सर्पधारी नमः
  83. ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
  84. ॐ हठ योगी नमः
  85. ॐ विश्लेश्वर नमः
  86. ॐ नागाधिराज नमः
  87. ॐ सर्वेश्वर नमः
  88. ॐ उमाकांत नमः
  89. ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
  90. ॐ त्रिकालदर्शी नमः
  91. ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
  92. ॐ महादेव नमः
  93. ॐ गढ़शंकर नमः
  94. ॐ मुक्तेश्वर नमः
  95. ॐ नटेषर नमः
  96. ॐ गिरजापति नमः
  97. ॐ भद्रेश्वर नमः
  98. ॐ त्रिपुनाशक नमः
  99. ॐ निर्जेश्वर नमः
  100. ॐ किरातेश्वर नमः
  101. ॐ जागेश्वर नमः
  102. ॐ अबधूतपति नमः
  103. ॐ भीलपति नमः
  104. ॐ जितनाथ नमः
  105. ॐ वृषेश्वर नमः
  106. ॐ भूतेश्वर नमः
  107. ॐ बैजूनाथ नमः
  108. ॐ नागेश्वर नमः

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शिव नामावली जाप के लाभ

शिव नामावली का जाप करने से कई तरह के आध्यात्मिक और मानसिक लाभ होते हैं। यह जाप व्यक्ति के मन को शांत और एकाग्र बनाता है। जब आप भगवान शिव के 108 नामों का जाप करते हैं तो आपका ध्यान बाहरी दुनिया से हटकर पूरी तरह से भगवान पर केंद्रित हो जाता है।

इससे मानसिक तनाव कम होता है और मन में चल रही उथल-पुथल शांत होती है। इस जाप से नकारात्मक विचार दूर होते हैं और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। शिव नामावली का जाप करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है।

bhagwan shiv ki namavali padhne ke labh

हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव बहुत दयालु हैं और अपने भक्तों के सभी पापों को माफ कर देते हैं। शिव नामावली के हर नाम में एक विशेष शक्ति छिपी है जो व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करती है।

यह जाप न सिर्फ वर्तमान के पापों को खत्म करता है, बल्कि पिछले जन्मों के कर्मों को भी शुद्ध करता है। इस जाप से कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभाव भी कम होते हैं जिससे जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

इसके अलावा, शिव नामावली का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। भगवान शिव को 'महादेव' यानी देवताओं के भी देव कहा जाता है। उनकी कृपा से व्यक्ति को धन, वैभव और अच्छा स्वास्थ्य मिलता है।

जिन लोगों के जीवन में लगातार परेशानियां बनी रहती हैं उनके लिए यह जाप एक रामबाण की तरह काम करता है। यह जाप व्यक्ति को मोक्ष के मार्ग पर भी आगे बढ़ाता है क्योंकि भगवान शिव ही मोक्ष के दाता हैं।

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FAQ
भगवान शिव को सबसे प्रिय क्या है?
भगवान शिव को सबसे प्रिय बेलपत्र है।
भगवान शिव के प्रसन्न होने के क्या संकेत हैं?
अचानक लाल वस्त्र धारण किए हुए नंदी महाराज के दर्शन होना शिव जी के प्रसन्न होने का सबसे बड़ा संकेत है।
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