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सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर शिवलिंग के समक्ष काले तिल का दीया जलाने से क्या होता है?

सावन के आखिरी प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की पूजा के दौरान काले तिल का दीया अवश्य जलाएं। यह एक सरल लेकिन शक्तिशाली उपाय है जो जीवन की कई समस्याओं को दूर कर सकता है। 
Editorial
Updated:- 2025-08-05, 14:38 IST

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान पड़ने वाले हर व्रत और पूजा का विशेष महत्व होता है। 9 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के साथ सावन का महीना समाप्त हो जाएगा। वहीं, 6 अगस्त को सावन का आखिरी प्रदोष व्रत पड़ रहा है। ऐसे में इस अंतिम प्रदोष व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि सावन के आखिरी प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की पूजा के दौरान काले तिल का दीया अवश्य जलाएं। यह एक सरल लेकिन शक्तिशाली उपाय है जो जीवन की कई समस्याओं को दूर कर सकता है। तो चलिए जानते हैं कि सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर तिल का दीया जलाने से क्या लाभ होंगे।

सावन प्रदोष व्रत पर काले तिल का दीया जलाने के लाभ

ज्योतिष शास्त्र में काले तिल को शनि देव का प्रतीक माना जाता है। अगर आपकी कुंडली में शनि दोष, साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है तो प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग के सामने तिल का दीया जलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। यह उपाय शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।

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आर्थिक परेशानियां जीवन की सबसे बड़ी चिंताओं में से एक हैं। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को काले तिल का दीया अर्पित करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। यह उपाय धन से संबंधित बाधाओं को खत्म करता है और आय के नए स्रोत खोलता है। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और धन का आगमन बढ़ता है।

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तिल का दीया जलाना केवल धन संबंधी समस्याओं के लिए ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक माना जाता है। अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य लंबे समय से किसी बीमारी से परेशान है तो इस उपाय को करने से रोगों से मुक्ति मिल सकती है। यह उपाय शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।

तिष में काले तिल का संबंध पितरों से भी माना जाता है। सावन के प्रदोष व्रत पर शिवलिंग के सामने तिल का दीया जलाने से पितृ दोष शांत होता है और आपके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। ऐसा करने से आपको अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे आपके जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

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प्रदोष व्रत का अर्थ ही दोषों को दूर करने वाला है। शिवलिंग के सामने तिल का दीया जलाने से आपके जाने-अनजाने में किए गए पापों का नाश होता है। यह उपाय आपके मन को शुद्ध करता है और जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मकता को दूर करता है। यह आपके आस-पास एक सकारात्मक और सुरक्षात्मक वातावरण बनाता है।

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image credit: herzindagi 

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FAQ
सावन प्रदोष व्रत के दिन क्या दान करें? 
सावन प्रदोष व्रत के दिन 7 पारकर के अनाज का दान करें।
सावन प्रदोष व्रत के दिन कौन सा मंत्र जपें? 
सावन प्रदोष व्रत के दिन 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। 
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