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Radha Rani Ke 28 Naam: न लंबी-चौड़ी पूजा और न कोई बड़ा अनुष्ठान, सिर्फ इन 28 नामों के जाप से मिल जाएगी आपको राधा रानी की कृपा

बड़े-बड़े अनुष्ठान या लंबी-चौड़ी पूजा से भी जो फल न मिला वो सिर्फ राधा रानी के 28 नामों के जाप से आपको मिल जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं कि राधा रानी के 28 नाम कौन से हैं।
Editorial
Updated:- 2025-09-04, 15:31 IST

ब्रज स्वामिनी श्री राधा रानी की कृपा पाने के लिए भक्त क्या कुछ नहीं करते हैं, लेकिन स्वयं ब्रह्मा जी ने बताया है कि अगर श्री राधा रानी का सानिध्य चाहिए, ये इच्छा है कि उनकी नजर आप पर पड़ जाए या आप श्री कृष्ण की कृपा पाना चाहते हैं तो रोजाना सिर्फ एक काम करना होगा और वो काम है नाम जाप। बड़े-बड़े अनुष्ठान या लंबी-चौड़ी पूजा से भी जो फल न मिला वो सिर्फ राधा रानी के 28 नामों के जाप से आपको मिल जाता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि राधा रानी के 28 नाम कौन से हैं जिनका जाप करने से स्वयं श्री किशोरी जी की कृपा बरसती है और क्या हैं उन नामों का महत्व।

राधा रानी के 28 नाम कौन से हैं?

राधा रानी भगवान कृष्ण की प्रिय और उनकी शक्ति हैं। उनके नाम सिर्फ शब्द नहीं हैं, बल्कि उनके दिव्य गुणों, उनके प्रेम और उनके स्वरूप को दर्शाते हैं। ये 28 नाम राधा रानी की कृपा पाने के लिए सबसे सरल और प्रभावी तरीकों में से एक हैं। इन नामों का जाप करने से मन शुद्ध होता है और व्यक्ति राधा-कृष्ण के शाश्वत प्रेम के करीब आता है।

radha rani ke 28 naam ki mahima

  • राधा: सफलता और मुक्ति प्रदान करने वाली।
  • कृष्णवल्लभा: कृष्ण को सबसे प्रिय और प्यारी।
  • कृष्णप्रिया: कृष्ण की प्रियतमा।
  • वृषभानुजा: राजा वृषभानु की पुत्री।
  • गोलोकेश्वरी: भगवान कृष्ण के दिव्य धाम, गोलोक की देवी।
  • व्रजेश्वरी: व्रज मंडल यानी गोकुल, वृंदावन की स्वामिनी।
  • राधिका: जो कृष्ण की पूजा करती है और उन्हें मोहित करती है।
  • रासेश्वरी: दिव्य रास लीला की देवी।
  • मदनमोहिनी: कामदेव को भी मोहित करने वाली।
  • कृष्णानुरागी: कृष्ण के प्रति अत्यंत प्रेम रखने वाली।
  • वृन्देश्वरी: वृंदावन की रानी और देवी।
  • सर्वेश्वरी: सभी की देवी और स्वामिनी।
  • वृषभानु-नन्दिनी: राजा वृषभानु को आनंद देने वाली पुत्री।
  • कृष्ण-जीवितेश्वरी: कृष्ण के जीवन की देवी।

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  • कृष्ण-परायणी: जो पूरी तरह से कृष्ण को समर्पित है।
  • गोविन्द-प्रीता: भगवान गोविन्द (कृष्ण) को सबसे ज्यादा प्रिय।
  • मन्मथ-मोहिनि: मन को मोहने वाली।
  • राधे: राधा नाम का एक प्यारा संबोधन।
  • नित्य-किशोरी: जो सदा-सर्वदा युवा और सुंदर रहती हैं।
  • श्यामसुंदरी: भगवान श्याम (कृष्ण) की सुंदर संगिनी।
  • रासविहारिणी: रास लीला में आनंद लेने वाली।
  • मधुमती: शहद जैसी मीठी और मधुर स्वभाव वाली।
  • गोपी: एक ग्वालिन के रूप में शुद्ध भक्ति का प्रतीक।
  • कृष्ण-सखी: कृष्ण की सबसे प्यारी सखी।
  • वृन्दावन-वासिनी: जो वृंदावन में निवास करती हैं।
  • कृष्ण-भावना-परायणी: जो हमेशा कृष्ण की भावना में लीन रहती हैं।
  • सौभाग्य-सुंदरी: सौभाग्य और सौंदर्य की देवी।
  • माधवी: भगवान माधव (कृष्ण) की शक्ति।

राधा रानी के 28 नामों का जाप कैसे करें?

आप सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद शांत मन से इन नामों का जाप कर सकते हैं। इसके लिए सबसे अच्छा समय सुबह का ब्रह्म मुहूर्त माना जाता है, लेकिन अगर यह संभव न हो तो आप दिन में किसी भी समय जब आपका मन शांत हो तब यह जाप कर सकते हैं।

radha rani ke 28 naam kaun se hain

राधा रानी के इन 28 नामों के जाप के लिए आपको किसी भी तरह के नियम का पालन करने की जरूरत नहीं है क्योंकि नाम जाप में नियम नहीं बल्कि भाव महत्व रखते हैं। राधा रानी का जब आप एक-एक नाम लें तो उस समय उन्हें पूरी श्रद्धा से पुकारें और उनका ध्यान करें।

राधा रानी को शुक्र ग्रह की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। इसलिए, उनके 28 नामों का नियमित जाप करने से कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत होती है। इससे व्यक्ति के प्रेम संबंध बेहतर होते हैं, वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।

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राधा रानी के नाम का जाप करने से चंद्रमा की नकारात्मकता दूर होती है और मन को शांति मिलती है। इससे व्यक्ति की भावनाओं में स्थिरता आती है और वह मानसिक रूप से मजबूत होता है। चंद्र दोष से भी व्यक्ति को मुक्ति मिल जाती है और शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।

जीवन में आने वाली बाधाएं और परेशानियां अक्सर ग्रहों की कमजोर स्थिति के कारण होती हैं। राधा रानी का जाप करने से नकारात्मक ग्रहों का प्रभाव कम होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे सभी प्रकार के कष्टों और समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

राधा रानी को कृष्ण की प्रेम शक्ति माना जाता है। उनके नामों का जाप करने से व्यक्ति के भीतर प्रेम और करुणा का भाव जागृत होता है। इससे न केवल रिश्तों में सुधार होता है, बल्कि व्यक्ति को जीवन में हर क्षेत्र में सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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FAQ
राधा रानी का महामंत्र कौन सा है?
राधा रानी का महामंत्र 'ओम ह्रीं श्री राधिकायै नम:।' है।
राधा की सबसे प्रिय सखी कौन थी?
राधा रानी की अष्ट सखियों में ललिता जी उनके सबसे ज्यादा प्रिय थीं।
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