सितंबर 2024 में हिंदू कैलेंडर के अनुसार कई महत्वपूर्ण तीज-त्योहार पड़ेंगे। गणेश चतुर्थी से लेकर राधा अष्टमी तक यह महीना विशेष धार्मिक आयोजनों से भरा रहेगा। आइए जानें इस महीने के प्रमुख त्योहारों को महत्व, तिथियां और शुभ मुहूर्त।
सितंबर 2024 के तीज-त्योहार
- 2 सितंबर 2024 सोमवार- पिठौरी अमावस्या
- 5 सितंबर 2024 गुरुवार -वाराह जयंती
- 6 सितंबर 2024 शुक्रवार -हरतालिका तीज
- 7 सितंबर 2024 शनिवार -गणेशोत्सव
- 8 सितंबर 2024 रविवार -ऋषि पंचमी
- 11 सितंबर 2024 बुधवार-राधाष्टमी , महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ
- 15 सितंबर 2024 रविवार -ओणम
- 16 सितंबर 2024 सोमवार -विश्वकर्मा जयंती
- 17 सितंबर 2024 मंगलवार -गणेश विसर्जन
- 18 सितंबर 2024 बुधवार - प्रतिपदा श्राद्ध
- 24 सितंबर 2024 मंगलवार -श्रीमहालक्ष्मी व्रत समाप्त
- 28 सितंबर 2024 शनिवार -इंदिरा एकादशी
पिठौरी अमावस्या:
पिठौरी अमावस्या विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में मनाई जाती है। इस दिन को लेकर मान्यता है कि विशेष रूप से खेतों में काम करने वाले लोग इस दिन अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं और उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित करते हैं।
हरतालिका तीज:
हरतालिका तीज विशेष रूप से महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन महिलाओं द्वारा व्रत रखकर भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। यह दिन पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए समर्पित होता है।
गणेश चतुर्थी:
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा का उत्सव है। इस दिन घरों और सार्वजनिक स्थलों पर गणेश जी की मूर्तियों की स्थापना की जाती है और उनके आगमन का स्वागत किया जाता है।
ऋषि पंचमी:
ऋषि पंचमी का पर्व विशेष रूप से ब्राह्मण समुदाय द्वारा मनाया जाता है। इस दिन ऋषियों की पूजा करके उनके आशीर्वाद प्राप्त करने की परंपरा है।
राधाष्टमी:
राधाष्टमी का पर्व भगवान कृष्ण की प्रिय भक्त राधा जी की पूजा का दिन होता है। इस दिन को राधा जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
विश्वकर्मा जयंती:
विश्वकर्मा जयंती को विशेष रूप से कला, शिल्प और निर्माण के क्षेत्र में कार्यरत लोगों द्वारा मनाया जाता है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा, जो कि वास्तुकला और निर्माण के देवता माने जाते हैं, की पूजा की जाती है।गणेश विसर्जन:
गणेश विसर्जन गणेशोत्सव का समापन होता है, जब गणेश जी की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है। इस दिन गणेश जी की मूर्ति को पानी में विसर्जित किया जाता है, साथ ही पूजा अर्चना की जाती है।
प्रतिपदा श्राद्ध:
प्रतिपदा श्राद्ध विशेष रूप से पितरों की पूजा का दिन होता है। इस दिन घर में विशेष रूप से श्राद्ध पूजा आयोजित की जाती है और पितरों को तर्पण अर्पित किया जाता है।
इंदिरा एकादशी:
इंदिरा एकादशी के त्योहार पर विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उपवास रखा जाता है। इस दिन के व्रत से सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती है और मानसिक शांति मिलती है।महत्वपूर्ण तीज-त्योहार के शुभ मुहूर्त
हरतालिका तीज 2024: शुभ मुहूर्त
हरतालिका तीज के दिन व्रत और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:02 से सुबह 8: 33 मिनट तक है।
गणेशोत्सव 2024: शुभ मुहूर्त
गणेशोत्सव के दौरान गणेश जी की स्थापना के लिए चतुर्थी तिथि की शुरुआत 6 सितंबर 2024 को दोपहर 3: 01 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 7 सितंबर को शाम 5:37 मिनट पर होगा।
ऋषि पंचमी 2024: शुभ मुहूर्त
ऋषि पंचमी के दिन पूजा और व्रत के लिए पंचमी तिथि का आरंभ 7 सितंबर को शाम में 5 :38 मिनट से पंचमी तिथि का आरंभ। 8 सितंबर को शाम में 7:59 मिनट पर पंचमी तिथि समाप्त होगी।
राधाष्टमी 2024: शुभ मुहूर्त
राधाष्टमी 10 सितंबर को रात 11 :11 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 11 सितंबर को रात 11:46 मिनट पर होगा।
विश्वकर्मा जयंती 2024: शुभ मुहूर्त
विश्वकर्मा जयंती के दिन पूजा और उत्सव के लिए शुभ मुहूर्त 6 सितंबर को सुबह 11: 42 मिनट तक है।
इंदिरा एकादशी 2024: शुभ मुहूर्त
इंदिरा एकादशी के दिन व्रत और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 28 सितंबर पूरे दिन रहेगा।
इन सभी महत्वपूर्ण त्योहारों पर शुभ मुहूर्त के माध्यम से धार्मिक गतिविधियों को सही समय पर और विधिपूर्वक सम्पन्न किया जा सकता है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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