Sawan Somwar Vrat Udyapan Vidhi 2024: कैसे करें सावन सोमवार व्रत का उद्यापन? जानें पूरी विधि, सामग्री और महत्व

हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है, सावन मास के सोमवार को भक्त व्रत रखते हैं और आखिरी सोमवार के दिन व्रत का उद्यापन करते हैं। चलिए जानते हैं व्रत की उद्यापन विधि।

 
Mantras for Sawan Somwar Udyapan,

सावन मास भगवान शिव का प्रिय होने के साथ-साथ सभी शिव भक्तों के लिए भी बहुत खास है। इस माह में भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और व्रत भी रखते हैं। शिव पार्वती की पूजा का इस मास में विशेष फल मिलता है, तभी तो लोग सावन सोमवार के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस साल सोमवार के दिन सावन मास शुरू हुआ था और सोमवार के दिन यह समाप्त होने वाला है। ऐसे में इस बार 5 सोमवार पड़े हैं, सावन मास का समापन इस साल 19 अगस्त को होगा, इस दिन सोमवार व्रत रखा जाएगा, इस आखिरी सावन सोमवार के दिन बहुत से लोग व्रत उद्यापन भी करेंगे, ऐसे में चलिए हमारे एस्ट्रो एक्सपर्ट शिवम पाठक से जानते हैं व्रत उद्यापन की विधि, पूजा सामग्री और इसका महत्व।

सावन सोमवार व्रत उद्यापन पूजन सामग्री

Sawan Somwar Vrat Udyapan Vidhi

  • मिट्टी की पार्थिव शिव लिंग या शिव-पार्वती की प्रतिमा
  • चौकी (आम की लकड़ी से बनी हुई)
  • रूई बत्ती
  • अगर बत्ती
  • धूप
  • कपूर
  • पंचामृत
  • दूध
  • दही
  • घी
  • शक्कर
  • गंगाजल
  • शहद
  • पान
  • फूल, माला दूब घास, बेल पत्र
  • सफेद चावल
  • नारियल
  • घी का दीपक
  • चंदन, कुमकुम, गुलाल,
  • आम का पत्ता (कलश के लिए)
  • शुद्ध जल पूजा के लिए
  • भोग के लिए मिठाई और फल

सावन सोमवार उद्यापन पूजा विधि

Sawan Somwar Udyapan Samagri List

  • सावन सोमवार व्रत का उद्यापन करने वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और शुद्ध कपड़े पहनें।
  • पूजा स्थान या मंदिर को साफ पानी से पोंछकर गंगाजल से शुद्ध कर लें।
  • पूजा स्थल पर आटे से चौक बनाएं और उसके ऊपर पाटे को शुद्ध करके रखें।
  • पाटे के ऊपर सफेद कपड़े बिछाएं और ऊपर में पार्थिव शिवलिंग बनाकर रखें या फिर अन्य शिव प्रतिमा रखें।
  • हाथ में जल लेकर ‘ॐ पवित्रः अपवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपिवा। यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स वाह्यभ्यन्तर शुचिः’ इस मंत्र को जपते हुए जल से शुद्ध करें।
  • भगवान शिव को शुद्ध जल, गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर और पंचामृत से स्नान करवाकर शुद्ध जल से फिर स्नान करवा लें।
  • स्नान के बाद शिव जी को कपड़े अर्पित करें, चंदन, कुमकुम, गुलाल, अष्टगंध और भस्म लगाकर फूल चढ़ाएं।
  • माला पहनाकर बेलपत्रचढ़ाएं और आरती के लिए घी का दीपक, अगरबत्ती और धूप जलाएं और आरती करें।
  • अब भगवान शिव को फल एवं मिठाई का भोग लगाएं और अंत में नारियल, तांबूल (पान, सुपारी, इलायची, लौंग) और दक्षिणा अर्पित करें।
  • पूजा के बाद व्रत कथा पढ़ें और भगवान को प्रणाम कर अपनी मनोकामना कहें, इस दिन एक समय सात्विक भोजन ग्रहण करें

सावन सोमवार व्रत का महत्व

सावन सोमवार का यह व्रत मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए जाना जाता है। भक्त अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए सावन में सोमवार के दिन व्रत करते हैं और आखिरी सावन सोमवार के दिन व्रत उद्यापन करते हैं। सावन मास में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी पर आते हैं, इसलिए यह मान्यता है कि सावन मास में व्रत और शिव पूजन करने से भगवान शिव जल्दी सुनते हैं और अपने भक्तों पर जल्दी कृपा करते हैं।

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Image Credit: Freepik

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