सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान उनकी पूजा का विशेष महत्व है। इस पवित्र महीने में कई भक्त रुद्राक्ष धारण करते हैं, जिसे भगवान शिव का ही एक रूप माना जाता है। रुद्राक्ष धारण करने से मन को शांति मिलती है, एकाग्रता बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
अगर आपमें से कोई महिला, जो सावन में पहली बार रुद्राक्ष धारण करने जा रही हैं, तो कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। रुद्राक्ष की पवित्रता और उसके शुभ प्रभाव को बनाए रखने के लिए इन नियमों का पालन करना आपके लिए अत्यंत फलदायी होगा। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
रुद्राक्ष की पहचान सबसे पहले करें - सबसे पहले आप जो रुद्राक्ष धारण कर रही हैं वह असली और शुद्ध हो। बाजार में कई नकली रुद्राक्ष भी मिलते हैं, इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें। महिलाओं के लिए ये अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
रुद्राक्ष का शुद्धिकरण करें - मुख्य रूप से एकमुखी, पंचमुखी, गौरी शंकर या दोमुखी रुद्राक्ष शुभ माने जाते हैं। अगर आप रुद्राक्ष धारण कर रही हैं तो अपने पंडित जी से सलाह जरूर लें। रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसे गंगाजल या शुद्ध जल से अच्छी तरह धो लें। इसके बाद इसे कच्चे दूध में डुबोकर शुद्ध करें। फिर इसे साफ पानी से धोकर किसी साफ कपड़े से पोंछ लें।
रुद्राक्ष की करें पूजा-प्रतिष्ठा - रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसकी प्राण-प्रतिष्ठा करवाना बेहद महत्वपूर्ण है। इसके लिए आप किसी योग्य पंडित से संपर्क कर सकती हैं। प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान रुद्राक्ष को मंत्रों द्वारा ही कराना चाहिए। जिससे उसकी ऊर्जा सकारात्मक और पवित्र हो सके। यदि पंडित उपलब्ध न हो तो आप स्वयं ऊं नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करते हुए रुद्राक्ष को धारण कर सकती हैं।
रुद्राक्ष धारण करने का शुभ दिन और समय - सावन में रुद्राक्ष धारण करने का सबसे शुभ दिन सोमवार माना जाता है, खासकर सावन के सोमवार। सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर, स्वच्छ वस्त्र धारण करके इसे पहनना चाहिए।
रुद्राक्ष धारण करने की विधि - रुद्राक्ष को हमेशा लाल या सफेद रेशमी धागे में या चांदी की चेन में धारण करना चाहिए। इसे गले में इस प्रकार पहनें कि वह आपकी त्वचा को स्पर्श करता रहे। यह भी ध्यान रखें कि रुद्राक्ष सीने के भाग पर टिका रहे।
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मासिक धर्म में न करें रुद्राक्ष धारण - मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। इस अवधि में इसे उतारकर पूजा स्थान पर रख देना चाहिए और शुद्ध होने के बाद पुनः धारण करना चाहिए।
शौच या किसी अंतिम संस्कार में जाने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए।
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सोते समय न करें रुद्राक्ष धारण - सोते समय भी रुद्राक्ष को उतार दें। इसे पहनकर सोना शुभ नहीं माना जाता है।
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Image Credit- HerZindagi
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