सावन का महीना हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र महीनों में से एक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी महीने में भगवान शिव धरती पर अपनी ससुराल गए थे, जहां उनका स्वागत जल चढ़ाकर किया गया था। यह भी माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को शिव जी ने इसी महीने पीकर सृष्टि की रक्षा की थी, जिससे वे 'नीलकंठ' कहलाए।
इस पूरे महीने भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं, सावन में पड़ने वाले सोमवारों का विशेष महत्व होता है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं कि इस साल सावन कब से शुरू हो रहा है, सोमवार की तिथियां कब-कब हैं, और सावन का महत्व क्या है।
सावन का महीना श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी कि 11 जुलाई 2025, शुक्रवार से शुरू होगा। वहीं, इसका समापन श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि यानी कि 9 अगस्त 2025, शनिवार को रक्षाबंधन के साथ होगा।
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सोमवार की क्रम संख्या | तारीख (अंग्रेजी) | हिंदी तिथि |
पहला सोमवार | 14 जुलाई 2025 | सावन कृष्ण चतुर्थी |
दूसरा सोमवार | 21 जुलाई 2025 | सावन कृष्ण एकादशी |
तीसरा सोमवार | 28 जुलाई 2025 | सावन शुक्ल पंचमी |
चौथा सोमवार | 04 अगस्त 2025 | सावन शुक्ल द्वादशी |
सावन में भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भी इस महीने में शिव जी को प्रसन्न करता है उसे मनचाहा वर या वधू प्राप्त होता है और संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों को भी संतान सुख मिलता है।
सावन में शिव पूजा करने से जीवन की कई परेशानियां दूर होती हैं। यदि आप आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, करियर में बाधाएं आ रही हैं या वैवाहिक जीवन में उलझनें हैं तो शिव जी की पूजा से इन सब में राहत मिल सकती है। कुंडली में राहु-केतु के अशुभ प्रभाव भी दूर होते हैं।
शिवलिंग पर जल, दूध, शहद और बेलपत्र चढ़ाने से घर और जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इससे घर का वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मकता आती है। शिवजी की पूजा करने से आरोग्य और लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है।
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माना जाता है कि सावन में शिवजी को जल अर्पित करने से आयु की बाधाएं दूर होती हैं और स्वास्थ्य अच्छा रहता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए सावन महीने में कठोर तपस्या की थी।
इससे शिवजी प्रसन्न हुए और उन्होंने पार्वती जी को वरदान दिया। इसलिए इस महीने में शिव-पार्वती की एक साथ पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और अविवाहितों को योग्य जीवनसाथी मिलता है।
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