भगवान परशुराम को विष्णु जी का छठा अवतार माना जाता है। इस शुभ दिन पर विधि-विधान से पूजा-पाठ आदि करने से श्रद्धालुओं को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है। परशुराम जयंती हर साल वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है, जो कि इस साल 30 अप्रैल, दिन बुधवार को है। भगवान के अवतार परशुराम जी न्याय और धर्म के प्रतीक माने जाते हैं। भगवान की मान्यता है कि इस पवित्र दिन श्रद्धापूर्वक उनकी पूजा-अर्चना करने से भगवान परशुराम प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। अगर आप भी भगवान परशुराम का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो इस लेख में बताई गई सरल विधि से उनकी पूजा करके उनकी असीम कृपा का अक्षय फल प्राप्त कर सकते हैं। आइए इस आर्टिकल में ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी जी से विस्तार से जानते हैं।
परशुराम जयंती पर पूजा के लिए सामग्री (Parshuram Jayanti Puja Samagri List)
- भगवान परशुराम की मूर्ति या चित्र
- लाल या पीला कपड़ा (चौकी पर बिछाने के लिए)
- गंगाजल
- चंदन
- रोली
- कुमकुम
- फूलों की माला या ताज़े फूल
- धूप
- घी का दीपक और बाती
- फल और मिठाई(नैवेद्य के लिए)
- जौ या गेहूं
- अक्षत (चावल)
- तुलसी के पत्ते
- कलावा (रक्षा सूत्र)
- दान के लिए दक्षिणा या अन्य सामग्री (वस्त्र और अन्न आदि)
परशुराम जयंती पूजा विधि (Parshuram Jayanti Puja Vidhi 2025)
- परशुराम जयंती के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर के पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें।
- एक साफ चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान परशुराम की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- भगवान परशुराम की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से स्नान कराएं।
- भगवान को चंदन, रोली और कुमकुम का तिलक लगाएं। उन्हें फूल और माला अर्पित करें।
- पूजा स्थल पर धूप और घी का दीपक जलाएं।
- भगवान परशुराम को फल, मिठाई और अपनी श्रद्धा अनुसार भोग लगाएं। कुछ क्षेत्रों में खीर का भोग भी लगाया जाता है।
- भगवान परशुराम के मंत्रों 'ॐ रां रां ॐ रां रां परशुहस्ताय नमः।।' का जाप करें।
- इसके बाद, परशुराम जयंती की कथा सुनें या पढ़ें। यह कथा भगवान परशुराम के जन्म, उनके पराक्रम और धर्म की स्थापना के लिए किए गए कार्यों का वर्णन करती है।
- पूजा के अंत में भगवान परशुराम की आरती करें।
- अपनी क्षमतानुसार ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को दान करें। इस दिन दान का विशेष महत्व माना जाता है।
- पूजा समाप्त होने के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें और स्वयं भी ग्रहण करें।
इन मंत्रों से करें भगवान परशुराम को प्रसन्न(Parsuram Jayanti 2025 Mantra)
ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।।
ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात्।।
ॐ रां रां ॐ रां रां परशुहस्ताय नम:।।
इसे भी पढ़ें-जानें परशुराम से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
परशुराम जयंती का महत्व (Parsuram Jayanti 2025 Significance)
भगवान परशुराम की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। परशुराम जयंती के खास मौके पर कुछ भक्त इस दिन उपवास भी रखते हैं और फलाहार ग्रहण करते हैं। भगवान परशुराम को फरसा अर्पित करना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह उनका प्रमुख अस्त्र है। इस दिन गुरुओं और ब्राह्मणों का सम्मान करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें-भगवान परशुराम ने 21 बार क्यों किया था क्षत्रियों का विनाश?
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ।
Image credit- Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों