वर्ष 2025 जल्दी-जल्दी आगे की ओर बढ़ता जा रहा है। साल का 5वां महीना मई भी आ ही गया है। वैसे तो मई का पूरा महीना तपती और चिपचिपाती गर्मियों वाला होता है, मगर इस माह में ढेरों त्योहार आते हैं, जो आपके उत्साह को जरा भी कम नहीं होने देते हैं। आज हम इस लेख में मई में आने वाले उन्हीं तीज-त्योहारों के विषय में बात करेंगे और आपको हिंदी पंचांग के अनुसार उनकी तिथि और शुभ मुहूर्त भी बताएंगे।
सीता नवमी के दिन माता सीता प्रकट हुई थीं। इस दिन को सीता माता के जन्म उत्सव की तरह मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्री सीता-रामये नम: मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। अगर आप विवाहित हैं, तो इस दिन जोड़े में माता सीता और श्री राम जी की पूजा करने से संबंधों में मधुरता आती है।
पूजा का शुभ मुहूर्त: आप 5 मई को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक पूजा कर सकते हैं।
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बगलामुखी माता को मां पिताम्बरा के नाम से भी जाना जाता है। इनकी बहु अधिक मान्यता है। बगलमुखी जयंती के दिन इनका प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि बगलामुखी माता को ब्राह्मांड की सबसे शक्तिशाली माता माना गया है। मां बगलामुखी की पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है और यदि आपका किसी से विवाद है, तो उसमें आपको विजय प्राप्त होती है।
पूजा का शुभ मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करनी है तो सुबह 4 बजकर 8 मिनट से 4 बजकर 51 मिनट तक कर सकती हैं और अभिजीत मुहूर्त में पूजा के लिए सुबह 11 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक का वक्त है।
इस एकादशी में भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत और पूजा करने से मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त- उदय तिथि 8 मई को है और पूजा का प्रातः 11 बजकर 43 मिनट पर
भक्त प्रह्लाद को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने इस दिन नृसिंह का स्वरूप धारण किया था। इस स्वरूप में उनका आधा शरीर शेर और आधा नर का है। इस दिन उनका प्राकट्य एक लोहे की खंबे से हुआ था। इस दिन भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक जरूर करना चाहिए।
पूजा का शुभ मुहूर्त- नृसिंह भगवान की पूजा हमेशा शाम को जब सूर्य हो भी और ढल भी रहा हो उस वक्त करनी चाहिए। इसलिए इस बार आप शाम 4 बजे से 21 मिनट से लेकर 7 बजकर 3 मिनट तक पूजा कर सकती हैं।
बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन राजकुमार सिद्धार्थ गौतम बुद्ध बने थे। इस दिन को गौतम बुद्ध के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है। आपको बता दें कि गौतम बुद्ध को भगवान श्री कृष्ण का 8वां अवतार माना गया है।
पूजा का शुभ मुहूर्त- 12 मई को आप पूरे दिन बुद्ध पूर्णिमा मना सकती हैं।
सुहागनों के लिए वट सावित्री का त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दिन विवाहित महिलाएं माता सावित्री का व्रत रखती हैं और बरगद की पूजा करती हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त- 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 बजे तक आपको पूजा कर लेनी चाहिए।
इस दिन शनि देव का जन्मदिवस होता है। आप शनि देव को इस दिन प्रसन्न करने के लिए उन्हें सरसों या तिल का तेल अर्पित कर सकते है। वहीं दान-पुण्य करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं। आप चाहें तो इस दिन तेलाभिषेक कर सकते हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 11 बजे से लेकर रात को 9:30 तक पूजा की जा सकती है।
मई में 6 बड़े ग्रह गोचर होंगे और यह सभी अलग-अलग राशि में होंगे। पंडित जी ने इन गोचरों के बारे में भी संक्षिप्त जानकारी दी है।
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