वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की मोहिनी एकादशी गुरुवार के दिन यानी कि 8 मई को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की आराधना की जाती है। मोहिनी एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु मोहिनी स्वरूप में न सिर्फ व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं बल्कि आकर्षण और सौंदर्य का आशीर्वाद भी देते हैं। ऐसे में भगवान विष्णु की मोहिनी स्वरूप में कृपा पाने के लिए ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानें कि क्या है मोहिनी एकादशी की पूजा विधि, सामग्री और मंत्र।
मोहिनी एकादशी 2025 पूजा सामग्री (Mohini Ekadashi Puja Samagri List)
मोहिनी एकादशी की पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्रियों की आवश्यकता होती है, जिनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है, इसलिए उनकी प्रिय वस्तुओं को पूजा में शामिल करना महत्वपूर्ण है।
सबसे पहले, आपको भगवान विष्णु की एक सुंदर प्रतिमा या चित्र चाहिए होगा। इसके साथ ही, पूजा स्थल को सजाने के लिए गंगाजल, अक्षत, रोली, कलावा और फूलों की आवश्यकता होगी। विशेष रूप से पीले रंग के फूलों का पूजा में प्रयोग करें।
भोग के लिए, तुलसी के पत्ते अवश्य होने चाहिए, क्योंकि भगवान विष्णु बिना तुलसी के भोग स्वीकार नहीं करते। इसके अलावा, आप फल, मिठाई और पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण) भी तैयार कर सकते हैं।
पूजा के दौरान धूप, दीप और कपूर जलाना शुभ माना जाता है, इसलिए इनकी व्यवस्था भी कर लें। एकादशी की कथा पढ़ने या सुनने के लिए पुस्तक या अन्य सामग्री भी रखें। इन सभी सामग्रियों को एक दिन पहले ही एकत्रित कर लें।
यह भी पढ़ें:Mohini Ekadashi Daan Ke Niyam 2025: मोहिनी एकादशी के दिन क्या दान करना चाहिए और क्या नहीं?
मोहिनी एकादशी 2025 पूजा विधि (Mohini Ekadashi Puja Vidhi 2025)
मोहिनी एकादशी की पूजा विधि बहुत सरल और फलदायी है। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा की जाती है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर को साफ करें और भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें।
पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर पीला कपड़ा बिछाएं। इस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं और धूप जलाएं। भगवान विष्णु को फूल, फल, तुलसी के पत्ते और नैवेद्य (भोग) अर्पित करें।
भोग में आप पंचामृत, मिठाई या अपनी श्रद्धा अनुसार कुछ भी अर्पित कर सकते हैं, लेकिन उसमें तुलसी का पत्ता अवश्य डालें। मोहिनी एकादशी की व्रत कथा पढ़ें या सुनें। यह कथा इस व्रत के महत्व को बताती है। इसके बाद भगवान विष्णु की आरती गाएं।
आरती के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें। पूरे दिन भगवान विष्णु का ध्यान करें और भजन-कीर्तन करें। यदि आप व्रत रख रहे हैं तो एकादशी के नियमों का पालन करें और अगले दिन द्वादशी को सूर्योदय के बाद व्रत खोलें।
मोहिनी एकादशी 2025 पूजा मंत्र (Mohini Ekadashi Puja Mantra)
मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा में कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना बहुत फलदायी माना जाता है। सबसे प्रमुख मंत्र है 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय'। यह भगवान विष्णु का द्वादशाक्षर मंत्र है और इसका जाप किसी भी विष्णु पूजा में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
मोहिनी एकादशी के दिन इस मंत्र का अधिक से अधिक जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। इसके अलावा, 'ॐ विष्णवे नमः' एक सरल और शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान विष्णु को नमन करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।
मोहिनी एकादशी के दिन 'ॐ श्री विष्णवे नमः' मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। इस मंत्र में 'श्री' शब्द लक्ष्मी जी का प्रतीक है, इसलिए इसका जाप करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
मोहिनी एकादशी के दिन आप भगवान विष्णु के अवतारों के मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं, जैसे 'ॐ नमो नारायणाय'। यह मंत्र भगवान विष्णु के नारायण स्वरूप की आराधना के लिए है, जिसके जाप से व्यक्ति को शक्ति प्राप्त होती है।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों