Buddha Purnima Puja Vidhi 2025: बुद्ध पूर्णिमा पर कैसे करें पूजा? जानें सामग्री

बुद्ध पूर्णिमा के दिन महात्मा बुद्ध की पूजा से ज्ञान की प्राप्ति होती है और मां लक्ष्मी की आराधना से सुख-समृद्धि मिलती है। ऐसे में आइये जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा के दिन महात्मा बुद्ध और मां लक्ष्मी की पूजा विधि के बारे में।
buddha purnima 2025 ki puja vidhi

बुद्ध पूर्णिमा 12 मई, दिन सोमवार को पड़ रही है और इस दिन महात्मा बुद्ध एवं मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन महात्मा बुद्ध की पूजा से ज्ञान की प्राप्ति होती है और मां लक्ष्मी की आराधना से सुख-समृद्धि मिलती है। ऐसे में आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से बुद्ध पूर्णिमा के दिन महात्मा बुद्ध और मां लक्ष्मी की पूजा विधि एवं संपूर्ण सामग्री के बारे में।

बुद्ध पूर्णिमा के दिन महात्मा बुद्ध की पूजा सामग्री (Buddha Purnima Puja Samagri List)

buddha purnima 2025 mahatma buddha ki puja vidhi

  • भगवान बुद्ध की एक सुंदर मूर्ति या तस्वीर
  • ताजे फूल, खासकर सफेद या हल्के रंग के
  • धूप और अगरबत्ती
  • दीपक और तेल या घी
  • पानी से भरा एक कटोरा
  • फल और मिठाई (जैसे खीर)
  • चावल या अन्य अनाज
  • गंगाजल (यदि उपलब्ध हो)
  • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और खांड का मिश्रण)
  • रोली, चंदन और अक्षत (चावल के दाने)

बुद्ध पूर्णिमा के दिन महात्मा बुध की पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। घर के पूजा स्थान को साफ करें और वहां भगवान बुद्ध की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। व्रत रखने वाले लोग इस दिन व्रत का संकल्प लें।

भगवान बुद्ध की मूर्ति को एक साफ स्थान पर रखें। यदि संभव हो तो मूर्ति को गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराएं। भगवान बुद्ध को ताजे फूल अर्पित करें। सफेद या कमल के फूल विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। इसके बाद धूप और अगरबत्ती जलाएं।

भगवान बुद्ध के सामने दीपक जलाएं। यह ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक है। एक कटोरे में शुद्ध पानी भरकर भगवान बुद्ध के सामने रखें। यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है।

भगवान बुद्ध को फल और मिठाई का भोग लगाएं। इस दिन खीर बनाना और अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। चावल या अन्य अनाज भी अर्पित किए जा सकते हैं। भोग हमेशा सात्विक होना चाहिए।

भगवान बुद्ध को रोली और चंदन का तिलक लगाएं और अक्षत चढ़ाएं। इस दिन भगवान बुद्ध के मंत्रों का जाप करना बहुत फलदायी होता है। सबसे प्रसिद्ध मंत्र है 'बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामि।'

आप 'ॐ मणि पद्मे हूं' मंत्र का भी जाप कर सकते हैं। बुद्ध पूर्णिमा की कथा सुनें या पढ़ें। यह भगवान बुद्ध के जीवन और उनकी शिक्षाओं को समझने में मदद करता है।

भगवान बुद्ध से शांति, करुणा और ज्ञान के लिए प्रार्थना करें। इस दिन ध्यान करना भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। अपनी क्षमता के अनुसार दान-पुण्य करें। गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करना इस दिन बहुत शुभ माना जाता है।

कुछ स्थानों पर इस दिन पीपल के वृक्ष की भी पूजा की जाती है क्योंकि इसी वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। वृक्ष को जल अर्पित करें, दीपक जलाएं और फूल चढ़ाएं।

पूर्णिमा होने के कारण, कुछ लोग चंद्रोदय के बाद चंद्रमा की भी पूजा करते हैं और उन्हें अर्घ्य देते हैं। यदि आपने व्रत रखा है, तो शाम को या अगले दिन चंद्रमा देखने के बाद सात्विक भोजन से व्रत खोलें।

बुद्ध पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा सामग्री

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  • मां लक्ष्मी की एक सुंदर मूर्ति या तस्वीर
  • लाल या गुलाबी रंग के ताजे फूल (जैसे कमल या गुलाब)
  • धूप और अगरबत्ती
  • दीपक और घी
  • पानी से भरा एक कलश
  • फल (जैसे श्रीफल, केला, अनार) और मिठाई (जैसे खीर या बर्फी)
  • चावल
  • गंगाजल (यदि उपलब्ध हो)
  • रोली, कुमकुम और अक्षत (चावल के दाने)
  • हल्दी पाउडर
  • चांदी के सिक्के या अन्य आभूषण
  • कमल गट्टे की माला (यदि उपलब्ध हो)

बुद्ध पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा विधि (Buddha Purnima Puja Vidhi 2025)

सुबह उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। घर के पूजा स्थान को अच्छे से साफ करें और एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। पूजा शुरू करने से पहले, अपने मन में मां लक्ष्मी की पूजा करने का संकल्प लें।

चौकी के पास एक कलश में पानी भरकर रखें और उसके ऊपर आम के पत्ते और एक नारियल रखें। यह शुभता का प्रतीक है। मां लक्ष्मी की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं। यदि संभव हो तो पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण) से भी अभिषेक कर सकते हैं।

मां लक्ष्मी को लाल या गुलाबी रंग का वस्त्र अर्पित करें। उन्हें फूल, आभूषण और कुमकुम से सजाएं। मां लक्ष्मी को लाल या गुलाबी रंग के ताजे फूल अर्पित करें। कमल का फूल मां लक्ष्मी को बहुत प्रिय है। इसके बाद धूप और अगरबत्ती जलाएं।

मां लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाएं। मां लक्ष्मी को रोली और कुमकुम का तिलक लगाएं। हल्दी का तिलक भी शुभ माना जाता है। मां लक्ष्मी को अक्षत (चावल के दाने) चढ़ाएं। मां लक्ष्मी को फल और मिठाई का भोग लगाएं। खीर या बर्फी विशेष रूप से अर्पित की जाती है।

मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। सबसे प्रसिद्ध मंत्र है 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्धलक्ष्म्यै नमो नमः।' आप लक्ष्मी चालीसा या श्री सूक्त का पाठ भी कर सकते हैं। यदि आपके पास कमल गट्टे की माला है, तो उससे मंत्र जाप करना और भी फलदायी होता है।

मां लक्ष्मी से धन, समृद्धि, सुख-शांति और ऐश्वर्य के लिए प्रार्थना करें। मां लक्ष्मी की आरती गाएं। अपनी क्षमता के अनुसार दान-पुण्य करें। गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है। पूजा में हुई किसी भी भूल-चूक के लिए मां लक्ष्मी से क्षमा मांगें।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • बुद्ध पूर्णिमा के दिन क्या दान करें?

    बुद्ध पूर्णिमा के दिन आप पानी से भरा घड़ा गरीबों व जरुरतमंद लोगों के बीच कर सकते हैं। इसी के साथ इस दिन पर पंखा, चप्पल, छतरी, अनाज या फल आदि का दान करना भी शुभ माना गया है।