Kanwar Yatra Samagri or Niyam 2024: सावन माह में पहली बार करने जा रहे हैं कांवड़ यात्रा, जानें सामग्री और नियम

Kanwar Yatra Samagri 2024: सावन का महीना 22 जुलाई सोमवार केदिन से शुरू होने जा रहा है। जिसके कारण इस साल का सावन शुभ माना जा रहा है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं। 

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हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सावन का महीना 22 जुलाई और सोमवार के दिन से आरंभ होने जा रहा है। सावन माह में कांवड़ यात्रा भी 22 जुलाई से शुरू होने रहा है। सावन में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को शुभ परिणाम मिल सकते हैं। साथ ही भगवान शिव की कृपा भी बनी रहती है। शिव भक्तों के लिए सावन का महीना किसी चमत्कार से कम से नहीं माना जाता है। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं, तो सावन माह में कांवड़ यात्रा करना उत्तम माना जाता है। बता दें, कांवड़ यात्रा को लेकर कई कथाएं भी प्रचलित है। जिसमें श्रवण कुमार, प्रभु राम, परशुराम, रावण आदि की कांवड़ यात्रा का जिक्र है। अब ऐसे में इस साल कांवड़ यात्रा कब से आरंभ हो रहा है। सामग्री क्या है और कांवड़ यात्रा के लिए नियम क्या है। किस विधि से इसका पालन शुभ माना जाता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

क्या है कांवड़ यात्रा ?

kanwar yatra history

अगर किसी जातक की कोई मनोकामना है। जो पूरी करना चाहते हैं, तो मनोकामना पूर्ति के लिए पवित्र नदी का जल कांवड़ में लेकर जाते है और उससे महादेव का जलाभिषेक करते हैं। घर से कांवड़ लेकर निकलते हैं और नदी से जल भरकर शिवलिंग के अभिषेक तक की जो भी यात्रा करते हैं। वह कांवड़ यात्रा कहलाती है।

कितने तरह की कांवड़ यात्रा होती है?

कांवड़ यात्रा 4 तरह की होती है। मनोकामना पूर्ति के लिए कांवड़ यात्रा के लिए नियम भी विभिन्न तरह के होते हैं।

  • सामान्य कांवड़ - सामान्य कांवड़ यात्रा के लिए कांवड़िए रास्ते में विश्राम करते हुए यात्रा करते हैं और फिर अपने लक्ष्य तक पहुंचते हैं।
  • डाक कावड़ - डाक कांवड़ यात्रा में कांवड़िए नदी से जल भरकर भगवान शिव का अभिषेक करने तक लगातार चलना होता है। वह जब एक बार यात्रा शुरू करते हैं, तो जलाभिषेक के बाद ही खत्म करते हैं। मंदिरों में जलाभिषेक के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है।
  • दांड़ी कांवड़ - दांडी कांवड़ सबसे कठिन यात्रा माना जाता है। इसमें कांवड़िए को बोल बम का जयकारा लगाते हुए दंडवत करते हुए यात्रा करनी होती है। वह घर से लेकर नदी तक और उसके बाद जल लेकर शिवालय तक दंडवत करता हुआ जाता है। इसमें काफी समय भी लगता है।
  • खड़ी कांवड़ - खड़ी कांवड़ यात्रा में कुछ लोग मिलकर खड़ी कांवड़ ले जाते हैं। इसमें जो व्यक्ति खड़ी कांवड़ ले जाता है। उसका सहयोग करने के लिए कुछ लोग होते हैं।

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कांवड़ यात्रा के लिए सामग्री क्या है?

  • कांवड़ यात्रा के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से पढ़ें।
  • लकड़ी की बनी हुई कांवड़
  • भगवान शिव की तस्वीर, कांवड़ को सजाने के लिए श्रृंगार सामग्री
  • गंगाजल या नदी जल भरने के लिए कोई बर्तन या पात्र
  • कांवड़िए के लिए गेरुआ वस्त्र होना चाहिए।
  • कुछ जरूरी दवाएं, पट्टी आदि।

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कांवड़ यात्रा के नियम क्या हैं?

KANWAR YATRA

  • कांवड़ यात्रा भगवान शिव के प्रति समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक है।
  • कांवड़ यात्रा के समय मन, कर्म और वचन से शुद्ध रहें।
  • कांवड़ यात्रा के समय मांस-मदिरा का सेवन करने से बचें।
  • कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ उठाने के बाद भूमि पर उसे नहीं रखना चाहिए। आप उसे पेड़, स्टैंड आदि में रख सकते हैं।
  • अपनी क्षमता के अनुसार ही कांवड़ यात्रा करना चाहिए।

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Image Credit- HerZindagi

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