हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सावन माह में बेहद खास संयोग बनने जा रहा है। क्योंकि इस साल सावन महीना का आरंभ सोमवार के दिन से होने जा रहा है। श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि सावन माह में जो व्यक्ति भगवान शिव की पूजा विधिवत रूप से और पूरी श्रद्धा के साथ करता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। साथ ही शुभ परिणाम भी मिलने लग जाते हैं। वहीं सोमवार का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता है। इसलिए इस साल का सावन अत्यंत शुभ फलदायी है। इस बार सावन माह में विशेष योग भी बनने जा रहा है। अब ऐसे में इस सावन का महीना कब से आरंभ हो रहा है, शुभ योग कब है और सावन माह में भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है। साथ ही इस माह में पूजा-पाठ का क्या महत्व है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
पंचांग के हिसाब से इस साल सावन का महीना 22 जुलाई दिन सोमवार से आरंभ हो रहा है और इसका समापन 19 अगस्त को होगा। इस बार सावन माह में पांच सोमवार पड़ेंगे। जो बेहद शुभ माने जाते हैं। इस दौरान भगवान शिव की पूजा विधिवत रूप से करने से लाभ हो सकता है।
22 जुलाई को सावन का महीना आरंभ हो रहा है और वहीं सुबह 05 बजकर 37 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 21 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। वहीं प्रीति योग 21 जुलाई को रात 09 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगा और 22 जुलाई को शाम 05 बजकर 58 मिनट पर इसका समापन होगा। तीसरा योग आयुष्मान योग जो शाम 05 बजकर 58 मिनट से आरंभ होगा और इसका समापन 23 जुलाई को दोपहर 02 बजकर 36 पर समाप्त होगा।
इसे जरूर पढ़ें - Sawan Special: क्या आप जानते हैं शिव जी का लिंग के रूप में पूजन क्यों किया जाता है
इसे जरूर पढ़ें - Shivling Ke Upay: शिवलिंग पर चढ़ाएं ये पांच अनाज, घर में आएगी सुख-समृद्धि
सावन माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि सावन माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही व्यक्ति की सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने कठिन तपस्या की थी। जिसके फलस्वरूप महादेव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वर दिया था। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि सावन के सोमवार में भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करने से मनचाहे वर की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही कुंडली में चंद्र की स्थिति भी मजबूत हो सकती है। इसके अलावा राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से भी छुटकारा मिल सकता है।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- HerZindagi
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।